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मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग में भारत का दबदबा, 90 हजार करोड़ रुपये के पार हुआ निर्यात, बढ़ी रोजगार की संभावना – इंदल राय

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भारतीयों के वोकल फॉर लोकल से मेड इन इंडिया प्रोडक्ट की डिमांड काफी बढ़ गई है. यही वजह है कि ज्यादातर प्रोजेक्ट मेड इन इंडिया दिख रहे हैं.

भारतीयों के वोकल फॉर लोकल से मेड इन इंडिया प्रोडक्ट की डिमांड काफी बढ़ गई है. इसी का नतीजा है कि आज भारत अपनी आत्मनिर्भरता की छवि को सिर्फ कागज पर नहीं बल्कि हकीकत में साबित कर रहा है. ज्यादातर प्रोजक्ट मेड इन इंडिया दिख रहे हैं. टेलिकॉम सेक्टर भी उनमें से एक है जिसने हाल ही में मोबाइल फोन के निर्यात और मैन्युफैक्चरिंग में वृद्धि की है.

मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में वृद्धि
दरअसल, इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक भारत ने 2022-23 में मोबाइल फोन का निर्यात 90 हजार करोड़ रुपये यानि करीब 11.12 अरब डॉलर के पार कर लिया, जो वित्त वर्ष-2022 में 45 हजार करोड़ रुपये था. इसके साथ ही भारत अब दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल बनाने वाले देश बन गया है.

इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में भारत की प्रमुख भूमिका
इस उपलब्धि पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि स्मार्टफोन के निर्यात को दोगुना करके 11 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक करने के साथ, भारत दुनिया के मोबाइल डिवाइस बाजार में अग्रणी बनने की राह पर है और भारत के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है.  यह पीएम मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की बड़ी सफलता है.

इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में भारत की प्रमुख भूमिका
इस उपलब्धि पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि स्मार्टफोन के निर्यात को दोगुना करके 11 बिलियन अमेरिकी डालर से अधिक करने के साथ, भारत दुनिया के मोबाइल डिवाइस बाजार में अग्रणी बनने की राह पर है और भारत के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है.  यह पीएम मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की बड़ी सफलता है.

भारतीय भी पसंद कर रहे रहे मेड इन इंडिया 
यही नहीं देश में जितने भी मोबाइल फोन बेचे जाते हैं उनमें से करीब 97 प्रतिशत स्मार्टफोन स्वदेशी यानि भारत में ही तैयार होते हैं. यही वजह है कि 2014-15 में जहां 78 प्रतिशत मोबाइल फोन दूसरे देश से  आयात किया जाता था वहीं अब लगभग आयात 5 प्रतिशत रह गया है. 

रोजगार में भी बढ़ोतरी
मोबाइल फोन उत्पादन के लिए लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने से उत्पादन और निर्यात के स्केल में इजाफे के साथ ही रोजगार में भी बढ़ोतरी हुई है. इस सेक्टर से 7.5 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर का सृजन किया है. वहीं माना जा रहा है कि पीएलआई योजना के कारण देश ने रिकॉर्ड हासिल किया है. पीएलआई से स्वदेशी फोन का केवल एक प्रतिशत निर्यात होता था. वहीं पीएलआई योजना से अगले पांच वर्ष के दौरान लगभग चार लाख करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद भी है. इससे भारत में 60 लाख नौकरियों के अवसर भी सृजित होने की संभावना है.

वैश्विक बाजार में भारतीय मोबाइल फोन की मांग 
वैश्विक स्तर के बाजार में भारतीय मोबाइल फोन की मांग बढ़ रही है. यही वजह है कि भारत से निर्यात होने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक सामानों के निर्यात में मोबाइल का ही 46 प्रतिशत हिस्सा है. वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात भी 58 फीसदी की वृद्धि हुई है और निर्यात 1 लाख 85 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है. ICEA के अनुसार 2022-23 में निर्यात का में iPhone निर्माता Apple का कुल निर्यात का लगभग आधा हिस्सा रहा. वहीं मोबाइल फोन के शीर्ष निर्यातक देशों में UAE, US, नीदरलैंड, UK और इटली शामिल हैं.

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फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल शुरू करेंगे एआई सर्विस स्टार्टअप, ऐसे चल रही तैयारी

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बंसल 2018 में अपने पहले स्टार्टअप ई-कॉमर्स यूनिकॉर्न फ्लिपकार्ट को 16 अरब डॉलर में वॉलमार्ट को बेचने के बाद सिंगापुर चले गए थे। फ्लिपकार्ट से बाहर निकलने के बाद बंसल ने एसएएएस आधारित कंसल्टेंसी स्टार्टअप एक्सटू10एक्स टेक्नोलॉजीज की स्थापना की थी।

फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल एक नया एआई सर्विस स्टार्टअप लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं। स्टार्टअप वर्तमान में स्टील्थ मोड में है और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड और इंफोसिस लिमिटेड जैसे आउटसोर्सिंग प्रदाताओं के व्यापार मॉडल का अनुकरण करते हुए वित्तीय सेवाओं, डेटा विज्ञान और एनालिटिक्स के क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने की योजना बना रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसका उद्देश्य उत्पादों और सेवाओं को रोल आउट करना और 2024 की दूसरी छमाही में मार्केटिंग शुरू करना है। स्टार्टअप का मुख्यालय सिंगापुर में होगा, इसके परिचालन का केंद्र बेंगलुरु होगा। बंसल ने इस उद्यम के लिए 15 विशेषज्ञों को नियुक्त किया है, जिनमें से ज्यादातर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वैज्ञानिक हैं। इनमें जल्द ही और लोग भी जोड़े जाएंगे।

बंसल 2018 में अपने पहले स्टार्टअप ई-कॉमर्स यूनिकॉर्न फ्लिपकार्ट को 16 अरब डॉलर में वॉलमार्ट को बेचने के बाद सिंगापुर चले गए थे। फ्लिपकार्ट से बाहर निकलने के बाद बंसल ने एसएएएस आधारित कंसल्टेंसी स्टार्टअप एक्सटू10एक्स टेक्नोलॉजीज की स्थापना की थी। उन्होंने 2019 और 2022 के बीच फ्लिपकार्ट में अपनी हिस्सेदारी बेचना जारी रखा, जिससे उन्हें एक एंजेल निवेशक के रूप में नई कंपनियों में निवेश करने के साथ-साथ अपनी उद्यमशीलता की यात्रा को जारी रखने का मौका मिला।

उदाहरण के लिए, 2019 में, उन्होंने टाइगर ग्लोबल को दो सौदों में 90 मिलियन डॉलर की हिस्सेदारी बेची। 2019 में ही उन्होंने लक्समबर्ग की इकाई एफआईटी होल्डिंग्स एसएआरएल को 76 मिलियन डॉलर के शेयर बेचे, जो वॉलमार्ट के स्वामित्व और संचालन में थे। 2022 में, उन्होंने चीनी तकनीकी दिग्गज टेनसेंट को 264 मिलियन डॉलर (लगभग 2,060 करोड़ रुपये) की हिस्सेदारी बेची।

फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक भारतीय स्टार्टअप में एक शानदार निवेशक हैं, उन्होंने फोनपे, क्योरफूड्स, एको, एथर एनर्जी, युलु, रुपेक, अनएकेडमी, इनशॉर्ट्स और ट्रैक्सन जैसी कंपनियों में निवेश किया है।

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Sensex Closing Bell: उतार-चढ़ाव के बाद हरे निशान पर क्लोजिंग; सेंसेक्स 106 अंक चढ़ा, निफ्टी 20900 के पार

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Sensex Closing Bell: हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को अच्छे वैश्विक संकेतों के बाद खरीदारी दिखी। दिन के कारोबार के दौरान प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स अपने रिकॉर्ड हाई पर पहुंचे। इस दौरान सेंसेक्स पहली बार 70,057 और निफ्टी ने 21,026 का ऑल टाइम हाई पर पहुंचा।

शेयर बाजार में हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को अच्छे वैश्विक संकेतों के बाद खरीदारी दिखी। दिन के कारोबार के दौरान प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स अपने रिकॉर्ड हाई पर पहुंचे। इस दौरान सेंसेक्स पहली बार 70,057 और निफ्टी ने 21,026 का ऑल टाइम हाई पर पहुंचा।

हालांकि ऊपरी स्तरों को छूने के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव दिखा। आखिरकार क्लोजिंग के दौरान सेंसेक्स 102.93 (0.14%) अंकों की बढ़त के साथ 69,928.53 के स्तर पर जबकि निफ्टी 27.70 (0.13%) अंक की बढ़त के साथ 20,997.10 के स्तर पर बंद हुआ।

बाजार में सबसे ज्यादा खरीदारी सरकारी बैंकिंग और मेटल सेक्टर के शेयरों में दिखी। इससे पहले शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 303 अंकों की मजबूती के साथ 69,825 के स्तर पर पर बंद हुआ था।

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Sensex Closing Bell: शेयर बाजार में फिर बिकवाली हावी; सेंसेक्स 238 अंक टूटा, निफ्टी 19100 के नीचे

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Sensex Closing Bell: बाजार में सबसे ज्यादा बिकवाली फार्मा और ऑयल एंड गैस सेक्टर के शेयरों में दिखी। वहीं रियल्टी सेक्टर में खरीदारी दिखी। सोमवार को बीएसई सेंसेक्स 329 अंक ऊपर 64,112 पर बंद हुआ था। मंगलवार को इसमें दिन के ऊपरी स्तरों से 580 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को लगातार दो दिन की हरियाली के बाद लाल निशान पर बंद हुआ। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन बाजार के प्रमुख इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए। सेंसेक्स 237.72 (0.37%) अंकों की गिरावट के साथ 63,874.93 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 61.31 (0.32%) अंक फिसलकर 19,079.60 के लेवल पर बंद हुआ।

मंगलवार के कारोबारी सेशन के बाद सेंसेक्स के 30 शेयरों का हाल

बाजार में सबसे ज्यादा बिकवाली फार्मा और ऑयल एंड गैस सेक्टर के शेयरों में दिखी। वहीं रियल्टी सेक्टर में खरीदारी दिखी। सोमवार को बीएसई सेंसेक्स 329 अंक ऊपर 64,112 पर बंद हुआ था। मंगलवार को इसमें दिन के ऊपरी स्तरों से 580 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

निफ्टी के टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स शेयर

मंगलवार के कारोबार के दौरान एफएमसीजी, रियल एस्टेट, मीडिया कमोडिटी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर के शेयरों में तेजी दिखी। दूसरी ओर बैंकिंग, आईटी, ऑटो, फार्मा, मेटल्स, एनर्जी, हेल्थकेयर और ऑयल एंड गैस सेक्टर के शेयर कमजोर होकर बंद हुए। मंगलवार को मिड कैप इंडेक्स तेजी के साथ बंद हुआ है जबकि स्मॉल कैप इंडेक्स में लाल निशान पर क्लोजिंग हुई। सेंसेक्स के 30 शेयरों 15 शेयर मजबूती के साथ तो 15 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। दूसरी ओर निफ्टी के 26 शेयर मजबूती के साथ जबकि 24 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।

पेट्रोलियम क्रूड पर विंडफॉल टैक्स बढ़ा, एटीएफ पर घटा

एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, भारत सरकार ने 1 नवंबर से पेट्रोलियम क्रूड पर विंडफॉल टैक्स 9,050 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 9,800 रुपये प्रति टन कर दिया है। अधिसूचना में कहा गया है कि विमान ईंधन (ATF) पर अप्रत्याशित लाभ कर को एक रुपये प्रति लीटर से घटाकर शून्य कर दिया गया है। सरकार ने डीजल पर विंडफॉल टैक्स को भी 4 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 2 रुपये प्रति लीटर कर दिया है।

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