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शुगर कंट्रोल और वेट लॉस के साथ और भी कई फायदे हैं धनिया के बीज के, ऐसे करें इस्तेमाल

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Coriander Seed Water: खाने का जायका बढ़ाने वाले धनिया के बीज के हेल्थ बेनिफिट्स भी हैं. इसका पानी पीने से दूर हो सकती हैं ये बढ़ी बीमारियां.

Coriander Seed Water Benefits: भारतीय खानों के स्वाद में चार चांद लगाने वाला धनिया (Coriander) और इसके छोटे बीज सेहत के लिए भी बहुत अच्छे साबित हो सकते हैं. इनमें भारी मात्रा में विटामिन-सी (Vitamin C), विटामिन-के (Vitamin K), और एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) गुण देखने को मिलते हैं. ये ऐसे बीज हैं जो हर किचन में आसानी से मिल जाते हैं लेकिन लोगों को इसके फायदे के बारे में पता नहीं होता हैं. सुबह उठकर खाली पेट धनिया का पानी पीना आपको कई सारे रोगों से बचा सकता हैं. इसके कुछ मुख्य फायदे ये हैं.

शुगर के मरीजों के लिए धनिया का पानी काफी ज्यादा फायदेमंद हो सकता हैं. इसे रोज पीने से आपके शरीर का शुगर लेवल (Sugar Level) कंट्रोल में रहेगा.

इम्यूनिटी बूस्टर

धनिया के बीज में भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इससे शरीर का इम्यून सिस्टम (Immune System) मजबूत रहता है और रोध-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. सुबह खाली पेट इसका पानी पीने से आपको असर जल्दी दिखने लगेगा.

शुगर के मरीजों के लिए धनिया का पानी काफी ज्यादा फायदेमंद हो सकता हैं. इसे रोज पीने से आपके शरीर का शुगर लेवल (Sugar Level) कंट्रोल में रहेगा.

इम्यूनिटी बूस्टर

धनिया के बीज में भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इससे शरीर का इम्यून सिस्टम (Immune System) मजबूत रहता है और रोध-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. सुबह खाली पेट इसका पानी पीने से आपको असर जल्दी दिखने लगेगा.

आंखों के लिए फायदेमंद 

विटामिन-ए, विटामिन-सी और विटामिन-ई के गुणों के कारण धनिया का पानी आपके आंखों के लिए अच्छा साबित हो सकता हैं. इससे आंखों की रौशनी (Eyesight) बेहतर रहती है और आंखों को सही न्यूट्रीएंट्स भी मिलते है.

वजन कर सकता है कम

खाली पेट धनिया का पानी पीने से आपका वजन कम (Weight Loss) हो सकता है. इससे आपके शरीर में मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को बढ़ावा मिलता है. आप इसे डिटॉक्स वाटर (Detox Water) के रूप में भी पी सकते हैं. 

बालों को देता है मजबूती

धनिया के बीज में मिलने वाले विटामिन-सी और विटामिन-के बालों को मजबूती देते हैं. इससे बालों का झड़ना (Hair Fall) और टूटना रूक सकता हैं. 

ऐसे करें इस्तेमाल

  • एक बाउल पानी में एक चम्मच धनिया के दाने डालें
  • फिर इसे अच्छी तरह उबाल लें
  • पानी के उबलकर आधा होने के बाद इसे उतार लें
  • अब इसे छान कर थोड़ा गुनगुना करके पिएं  

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. Hindustan Network इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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Healthy Tea: ग्रीन टी या ब्लैक टी, जानिए आपकी सेहत के लिए कौन सी चाय है हेल्दी?

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ग्रीन टी और ब्लैक टी दोनों ही चाय के प्रकार हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं. ग्रीन टी की पत्तियों को ऑक्सीकरण से पहले ही उबाल दिया जाता है, जबकि ब्लैक टी की पत्तियों को ऑक्सीकरण की प्रक्रिया से गुजरने दिया जाता है.

Green tea vs black tea: ग्रीन टी और ब्लैक टी दोनों ही चाय के प्रकार हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं. ग्रीन टी की पत्तियों को ऑक्सीकरण से पहले ही उबाल दिया जाता है, जबकि ब्लैक टी की पत्तियों को ऑक्सीकरण की प्रक्रिया से गुजरने दिया जाता है. इस अंतर के कारण, ग्रीन टी और ब्लैक टी में पोषक तत्वों की मात्रा और गुणवत्ता में अंतर होता है.

ग्रीन टी के स्वास्थ्य लाभ: ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बहुत अधिक होती है. एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं. फ्री रेडिकल्स सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर, हृदय रोग और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं. ग्रीन टी में कैटेचिन नामक एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं. कैटेचिन वजन कम करने, डायबिटीज को नियंत्रित करने और दिमाग को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं.

ब्लैक टी के स्वास्थ्य लाभ: ब्लैक टी में भी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, लेकिन ग्रीन टी की तुलना में कम मात्रा में. ब्लैक टी में कैफीन की मात्रा ग्रीन टी की तुलना में अधिक होती है. कैफीन एक उत्तेजक है, जो एनर्जी लेवल को बढ़ाने और ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता है. ब्लैक टी में फ्लेवोनॉयड नामक पोषक तत्व भी होते हैं. फ्लेवोनॉयड हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं.

कौन सी चाय है बेहतर?
ग्रीन टी और ब्लैक टी दोनों ही सेहत के लिए फायदेमंद हैं. कौन सी चाय बेहतर है, यह व्यक्तिगत जरूरतों और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है. यदि आप एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ाने और वजन कम करने में रुचि रखते हैं, तो ग्रीन टी एक अच्छा विकल्प है. यदि आप कैफीन के स्तर को बढ़ाने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में रुचि रखते हैं, तो ब्लैक टी एक अच्छा विकल्प है. यदि आप किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें कि आपके लिए कौन सी चाय बेहतर है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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आपकी उम्र चाहे जो हो, फिट रहने के लिए हर किसी को करनी चाहिए ये 5 Daily Exercises

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Daily Exercises: सेहतमंद रहने के लिए एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है। ऐसे में आप रोजाना कुछ एक्सरसाइज करके अपने आप को हेल्दी रख सकते हैं। लेकिन, सावल ये है कि रोज कौन सी एक्सरसाइज की जा सकती हैं।

Daily Exercises: स्वस्थ रहना एक लंबा प्रोजेक्ट है जिसके तहत, आपको थोड़ा-थोड़ा हर दिन काम करना जरूरी है। इसी प्रोजेक्ट का एक जरूरी हिस्सा है रोजाना एक्सरसाइज करना। एक्सरसाइज ब्लड सर्कुलेशन को तेज करने के साथ दिल और फेफड़ों को मजबूती देता है। इसके अलावा ये आपे ब्रेन और मेंटल हेल्थ के लिए काम करते हैं। साथ ही जब आप रोज एक्सरसाइज करते हैं तो आपके शरीर के कई अंग हेल्दी रहते हैं जिससे आप डायबिटीज, लिवर की बीमारी और मोटापा जैसी बीमारियों से बच सकते हैं। लेकिन, सवाल ये है कि रोजाना आप कौन सी एक्सरसाइज कर सकते हैं। जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

डेली एक्सरसाइज क्या करें-5 exercises to do everyday in hindi

1. ब्रीदिंग एक्सरसाइज

डेली ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना आपके फेफड़ों के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है। दरअसल, सुबह उठने के बाद आपको ये एक्सरसाइज सबसे पहले करनी चाहिए। ये आपके फेफड़ों के काम काज को बेहतर बनाता है और फेफड़ों को स्ट्रांग बनाने में मदद करता है। इसके अलावा ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना, आपके ब्लड सर्कुलेशन को तेज करता है और ब्रेन को भी रिफ्रेश करने में मदद करता है। 

2. ब्रिस्क वॉक

ब्रिस्क वॉक करना, आपके दिल के लिए फायदेमंद है। उदाहरण के लिए, नियमित रूप से वॉक करना वेट लॉस करने में मदद करता है। ये शरीर की चर्बी को कम करता है। ये हृदय रोग, स्ट्रोक, हाई बीपी और टाइप 2 डायबिटीज सहित विभिन्न गंभीर बिमारियों से बचाव में मदद कर सकता है। 

3. जॉगिंग

नियमित रूप से जॉगिंग करने से आपको वजन कम करने में मदद कर सकता है। खासकर अगर आप अपने आहार में भी बदलाव कर रहे हैं। जॉगिंग आपके हृदय स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने, इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने, तनाव और अवसाद से निपटने और उम्र बढ़ने के साथ लचीलेपन को बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए, अगर आप किसी भी उम्र के क्यों न हो जॉगिंग कर सकते हैं। 

4. हिंदू स्कावट

हिंदू स्कावट (hindu squats benefits) को आम भाषा में आप उठक-बैठक भी कह सकते हैं। अगर आप रोजाना हिंदू स्कावट करते हैं तो ये आपकी मांसपेशियों को हेल्दी रखने और हड्डियों के काम काज को बेहतर बनाने में मददगार है। इसके अलावा इससे शरीर में एनर्जी बनी रहती है। 

5. स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज

स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करना आपके शरीर के काम काज को बेहतर बनाता है। ये आपके मांसपेशियों में खिंचाव को कम करने करने के साथ शरीर में दर्द सहित कई समस्याओं को कम करने में मददगार है। इसके अलावा ये थकान कम करता है और आपके शरीर में स्टैमिना बिल्डअप में मदद करता है। तो, रोजाना आपके लिए ये एक्सरसाइज करना फायदेमंद हो सकता है।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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आपको हुआ है डिवोर्सी से प्यार तो पहले जान लीजिए, ये 5 जरूरी बातें, रिश्ता होगा मजबूत

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सोशल रिफॉर्म के इस दौर में प्यार के बंधन भी टूट रहे हैं। सामजिक बंधन में पहले से तय नियम टूट रहे हैं। पुरुषों को अपने से बड़ी उम्र की महिलाओं से प्यार हो रहा है तो तलाकशुदा महिलाओं से भी।

अगर आप भी खासतौर पर तलाकशुदा महिला के प्यार में पड़ गए हैं तो आपके लिए सोशल बंधन तोड़ना भर ही काफी नहीं होगा। आपको कुछ और बातें भी ध्यान रखनी होंगी।

दरअसल डिवोर्सी महिलाओं को ही सोशल एक्स्पटेंस नहीं मिली है। ऐसे में आपका उन्हें अपनाने का निर्णय सबको स्वीकार हो ये जरूरी नहीं है। इस स्थिति में आपको दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसलिए कुछ बातों को दिल में बैठा लीजिए।

1. उनका इमोशनल बैगेज

जब एक शादी टूटती है तो इमोशनल बोझ पीछे छोड़ जाती है। ये वाला इमोशनल बैगेज महिला और पुरुष, सभी को महसूस होता है। अब जब आप इस इमोशनल बैगेज वाले पार्टनर को चुनते हैं तो ये आप पर भी हावी होता है। इसको हैंडल करना होगा।

वो भी तब जब आप इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं। मानसिकतौर पर ये बहुत दिक्कत देने वाला हो सकता है। इसके लिए तैयार रहिए।

2. रिश्तों का ज्यादा समझ

आपकी पार्टनर अगर पहले शादी कर चुकी हैं और फिर उनसे अलग भी हो गईं थीं तो उनकी रिश्तों को लेकर समझ आपसे बेहतर होगी। ऐसा माना जा सकता है।

इसलिए इस मामले में उनसे आगे निकलने की कोशिश बिल्कुल न करें। कई बार रिश्तों से जुड़े निर्णय उन्हें ही लेने दें।

3. उनके लिए कमिटमेंट कठिन होगा

वो एक बार शादी करके, कमिटमेंट करके सच्चाइयों से रूबरू हो चुकी हैं। उन्हें समझ आ चुका है कि शादी में सबकुछ फैंसी और रोमांटिक नहीं होता है।

इसलिए उनके लिए दोबारा कमिटमेंट करना कठिन हो सकता है। वो शायद आपके साथ कमिटमेंट करने से बचें। उनकी इस सोच को आपको हैंडल करना होगा। उन्हें अपने प्यार का इजहार करके कमिटमेंट के लिए राजी भी करना होगा। 

4. इमोशनल सपोर्ट नहीं कर पा रहे तो

याद रखिए, आपको डिवोर्सी पार्टनर के लिए सपोर्ट सिस्टम बनना होगा। ये सपोर्ट इमोशनल होगा और बहुत ज्यादा देना होगा। इसके लिए तैयार रहिए और लग रहा है कि आप नहीं कर पा रहे हैं तो पीछे हट जाइए। क्योंकि आगे चलकर आप दोनों के लिए इस रिश्ते को चलाना कठिन हो जाएगा। 

5. सोशल बंधन भी हैं

याद रखिए, आप दोनों के पर्सनल रिश्ते के साथ आपको सामाजिक बंधनों का भी तोड़ना होगा। इन बंधनों को तोड़ना सबके लिए आसान नहीं होता है।

ये वो बंधन हैं जिनके आगे आकर ज्यादातर लोग टूट जाते हैं। कहीं आप भी इनका सामना करने में कमजोर न पड़ जाएं? अगर जरा भी डाउट है तो उसे साफ कर लें।

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