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आयुष्मान भारत योजना: फ्रॉड करने वाले हॉस्पिटल का नाम वेबसाइट पर डालेगी सरकार

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कड़े कदम उठाएगी सरकार

आयुष्मान भारत योजना में फ्रॉड करने वाले अस्पतालों पर मोदी सरकार शिकंजा कसेगी. किसी तरह का फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पताल का नाम वेबसाइट पर डाला जाएगा. भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम की नीति पर अमल करते हुए मोदी सरकार ने यह फैसला किया है. आयुष्मान भारत मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना है. इस योजना के तहत रोजाना 25,000 लोग अस्पताल में दाखिल हो रहे हैं. करीब एक साल पहले आयुष्मान योजना की शुरुआत के तीन महीने बाद यह आंकड़ा 5000 था.

अब तक 7500 करोड़ रुपये खर्च

अब तक मोदी सरकार आयुष्मान भारत पर 7500 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. इस साल के अंत तक पंजाब और राजस्थान में आयुष्मान भारत की कवरेज शुरू होने के बाद योजना के तहत रोजाना अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीजों की संख्या 40,000 पर पहुंच सकती है. आयुष्मान भारत योजना में कवरेज का दायरा बढ़ने के बाद सरकार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी गड़बड़ी के खिलाफ सख्ती बरत रहे हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना पर ही आयुष्मान भारत के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी है.

भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस

अब तक आयुष्मान भारत योजना में धोखाधड़ी के करीब 1200 मामलों की पुष्टि हुई है. इसमें से 338 अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. इसके साथ ही 376 मामले की NHA जांच कर रही है. अब तक 97 अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना के पैनल से हटा दिया गया है. कुछ अस्पतालों को चेतावनी दी गयी है जबकि कुछ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि मोदी सरकार आयुष्मान भारत योजना में भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. आयुष्मान भारत योजना में फ्रॉड करने वाले अस्पताल पर सरकार 1.5 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगा रही है, जबकि छह मामले में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है.

अस्पताल होंगे बदनाम

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ” आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के गरीब लोगों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है. इसमें किसी तरह का फ्रॉड अक्षम्य है. गड़बड़ी में शामिल पाये गये ऐसे अस्पताल को न केवल पैनल से हटाया जाएगा, बल्कि उनके नाम प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) की आधिकारिक वेबसाइट पर डाल दिये जाएंगे. उनका नाम सार्वजनिक किया जायेगा.”

बीमा में गड़बड़ी नहीं

आयुष्मान भारत में गड़बड़ियां कम से कम हों, इसके लिए सरकार आईटी सिस्टम में भी बड़ा सुधार करने जा रही है. मोदी सरकार की योजना इसे देश की सबसे बेहतर स्कीम बनाने की है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सीईओ इंदु भूषण ने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य बीमा सेवा देने वाली फर्म का नाम सार्वजनिक करने का फैसला आईआरडीएआई के साथ समन्वय से लिया गया है.

FIR भी दर्ज होगी

भूषण ने कहा, “हम ऐसे गलत काम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं और कुछ मामलों में आपराधिक मुकदमे और प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं.” हर्षवर्धन ने कहा कि फिलहाल 376 अस्पताल जांच के दायरे में हैं, वहीं, एनएचए ने 338 अस्पतालों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने, निलंबित करने, जुर्माना लगाने और पैनल से हटाने जैसी कार्रवाई की है.

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अगर आपको रिकवरी एजेंट कर रहा है परेशान, तो यहां जानें कैसे करें डील और कहां दर्ज करें शिकायत?

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Loan Recovery Agent Complaint: अगर आपने किसी तरह का लोन लिया है और समय पर जमा नहीं कर पाए हैं, जिसकी वजह से रिकवरी एजेंट परेशान कर रहा है, तो यहां पर उससे निपटने के तरीके बताए गए हैं.

Loan Recovery Agent Complaint: लोन रिकवरी एजेंटों द्वारा उत्पीड़न का सामना करना किसी के लिए एक तनावपूर्ण और डराने वाला अनुभव हो सकता है. हालांकि, यह समझना जरूरी है कि ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए कानूनी उपाय किए जा सकते हैं. यहां पर हम लोन रिकवरी एजेंटों से निपटने और शिकायत दर्ज करने के तरीके के बारे में चर्चा करेंगे-

सबसे पहले, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि लोन रिकवरी एजेंटों को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (IBA) द्वारा निर्धारित कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना कानूनी रूप से आवश्यक होता है. ये दिशानिर्देश यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि रिकवरी एजेंट लोन की रिकवरी के लिए अपमानजनक भाषा, शारीरिक बल या किसी अन्य प्रकार के उत्पीड़न का उपयोग न करें. यदि कोई रिकवरी एजेंट इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उन्हें कानून के तहत जवाबदेह ठहराया जा सकता है.

यदि आप लोन रिकवरी एजेंटों द्वारा उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं तो यहां कुछ स्टेप उठाए जा सकते हैं:

सभी कम्यूनिकेशन का रिकॉर्ड रखें

रिकवरी एजेंट के साथ सभी कम्यूनिकेशंस का रिकॉर्ड रखना महत्वपूर्ण है. इसमें फोन कॉल, टेक्स्ट संदेश और ईमेल आदि शामिल हैं. यदि आपको एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की आवश्यकता है तो इससे आपको साक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी. कम्यूनिकेशन की तिथि, समय और सामग्री को नोट करना सुनिश्चित करें.

तर्क-वितर्क में न पड़ें

रिकवरी एजेंट लोन की रिकवरी के लिए आक्रामक रणनीति अपना सकते हैं. शांत रहना महत्वपूर्ण है और उनके साथ किसी भी तरह की बहस में न पड़ें. आप उन्हें विनम्रता से सूचित कर सकते हैं कि आप केवल बैंक अधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा करेंगे और आप किसी भी उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेंगे.

बैंक से संपर्क करें

यदि आप लोन रिकवरी एजेंटों द्वारा उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं, तो आप बैंक से संपर्क कर सकते हैं और उन्हें स्थिति के बारे में सूचित कर सकते हैं. यह सुनिश्चित करना बैंक की जिम्मेदारी है कि उनके रिकवरी एजेंट आरबीआई और आईबीए द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करें. बैंक रिकवरी एजेंट के खिलाफ उचित कार्रवाई कर सकता है.

पुलिस में शिकायत दर्ज करें

यदि रिकवरी एजेंट शारीरिक बल का प्रयोग कर रहा है या आपको धमकी दे रहा है, तो आप पुलिस में शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आपके द्वारा एकत्र किए गए सभी साक्ष्य उन्हें प्रदान करना महत्वपूर्ण है. पुलिस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करेगी.

बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करें

यदि आप बैंक के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं. बैंकिंग लोकपाल बैंकिंग सेवाओं से संबंधित शिकायतों को हल करने के लिए आरबीआई द्वारा स्थापित एक स्वतंत्र निकाय है. आप ऑनलाइन या बैंकिंग लोकपाल के कार्यालय में जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

उपभोक्ता मंचों से संपर्क करें

आप शिकायत दर्ज करने के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) या राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (SCDRC) जैसे उपभोक्ता मंचों से भी संपर्क कर सकते हैं. इन मंचों के पास उपभोक्ताओं और सेवा प्रदाताओं के बीच विवादों को सुलझाने की शक्ति है. आप ऑनलाइन या उनके कार्यालय में जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

वकील नियुक्त करें

यदि आप लोन रिकवरी एजेंटों द्वारा उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं, तो आप अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वकील नियुक्त कर सकते हैं, जो शिकायत दर्ज करने में आपकी मदद कर सकता है. साथ ही जरूरत पड़ने पर अदालत में आपका प्रतिनिधित्व भी कर सकता है. ऐसे वकील का चयन करना सुनिश्चित करें, जिसे ऐसे मामलों से निपटने का अनुभव हो.

गौरतलब है कि रिकवरी एजेंटों को कानूनी रूप से कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना आवश्यक होता है. यदि वे इन दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें जवाबदेह ठहराया जा सकता है.

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झंगहा में नकली देसी शराब के साथ हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार, नकली ढक्कन और क्यूआर कोड भी बरामद

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नकली देसी शराब बनाने का काम रामानंद लंबे समय से कर रहा है। उसके एक दोस्त से कुछ दिन पहले विवाद हो गया। इसके बाद उसने आबकारी विभाग को नकली शराब बनाकर बेचे जाने की सूचना दे दी।

आबकारी व पुलिस की संयुक्त टीम ने बृहस्पतिवार को एक युवक को नकली देसी शराब के साथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से पुलिस ने 90 पौआ नकली शराब, लगभग 2000 नकली ढक्कन, नकली क्यूआर कोड बरामद किया गया। पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। अभी तीन दिन पहले पिपराइच पुलिस ने एक महिला को भी नकली देसी शराब के साथ गिरफ्तार किया था।

पकड़े गए हिस्ट्रीशीटर रामानंद जायसवाल को पुलिस नामजद आरोपी बनाकर उससे पूछताछ कर रही है। आरोपी पहले शराब की दुकान पर मुनीम था, लेकिन नकली शराब बिक्री करने के कारण इसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था।

जानकारी के मुताबिक, नकली देसी शराब बनाने का काम रामानंद लंबे समय से कर रहा है। उसके एक दोस्त से कुछ दिन पहले विवाद हो गया। इसके बाद उसने आबकारी विभाग को नकली शराब बनाकर बेचे जाने की सूचना दे दी। आबकारी विभाग की टीम ने पुलिस को इसकी जानकारी दी और बृहस्पतिवार की देर शाम संयुक्त टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

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गोरखपुर में कालाबाजारी: बाज नहीं आ रहे धंधेबाज…40 रुपये में बेच रहे नेफेड का 25 वाला प्याज

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गोरखपुर में महंगे प्याज से लोगाें को राहत दिलाने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से शहर में स्टॉल लगवाकर प्याज को 25 रुपये किलो के दर से बेचा जा रहा है। लेकिन मंडी के कुछ आढ़ती इस सरकारी प्याज पर भी जमकर मुनाफा वसूलने में लगे हुए हैं।

गोरखपुर जिले के महेवा थोक मंडी में प्याज की कालाबाजारी कम होने का नाम नहीं ले रही। लोगों को राहत दिलाने के लिए नेफेड के जिस प्याज को प्रशासन खुदरा में 25 रुपये किलो बिकवा रहा है, उसे थोक मंडी में 40 रुपये किलो बेचकर आढ़ती इस पर जमकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं।

फुटकर बाजार में प्याज 60 रुपये किलो के बीच बिक रहा है। वहीं, थोक में प्याज की कीमत 40 से 48 रुपये किलो है। महंगे प्याज से लोगाें को राहत दिलाने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से शहर में स्टॉल लगवाकर प्याज को 25 रुपये किलो के दर से बेचा जा रहा है। लेकिन मंडी के कुछ आढ़ती इस सरकारी प्याज पर भी जमकर मुनाफा वसूलने में लगे हुए हैं।

शुक्रवार की दोपहर करीब दो बजे महेवा मंडी का एक आढ़ती नेफेड के प्याज को 40 रुपये किलो की दर से बेचवा रहा था। मंडी के जिम्मेदारों की नजर उस पर न पड़े, इसके लिए दुकान से कुछ दूरी पर डीसीएम पर ही उसने अपनी दुकान सजाई हुई थी। सड़क किनारे ही तराजू लगाकर प्याज को तौलकर बेचा जा रहा था।

पंजाब के नए आलू ने दी बाजार में दस्तक

गोरखपुर बाजार में पंजाब के नए आलू ने दस्तक दे दी है। शुक्रवार को पंजाब से नए आलू की एक गाड़ी महेवा थोक मंडी पहुंची। लेकिन, इनकी कीमत पुराने आलू से दोगुनी है। थोक मंडी में नए आलू का भाव 24 से 28 रुपये किलो के बीच रहा। वहीं खुदरा में नया आलू 35 से 40 रुपये किलो के बीच बिका। महेवा मंडी के व्यापारी अजय ने बताया कि पंजाब से नए सफेद आलू की आवक शुरू हो गई है, लेकिन लोकल नए आलू के लिए लोगों को एक महीने का और इंतजार करना पड़ेगा। नए आलू की आवक कम होने से इनके दाम ज्यादा हैं।

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