सिविल सेवा अधिकारी बनकर देश सेवा करने का सपना देख रहे कैंडिडटे्स को यूपीएससी एग्जाम की तैयारी पर सबसे ज्यादा ध्यान देना होगा क्योंकि किसी भी एग्जाम की तैयारी अगर सही स्ट्रैटेजी और टाइम मैनेजमेंट के साथ की जाए तो उसे क्लियर करने में आसानी होती है। इसलिए इस ब्लाॅग में हम आपको बताएंगे कि यूपीएससी की तैयारी कैसे करें? और इस परीक्षा के लिए बेस्ट बुक्स क्या है, यह भी विस्तार से जानेंगे।
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा प्रत्येक वर्ष सिविल सेवाओं के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी पद पर भर्ती परीक्षा आयोजित की जाती है। इसमें उम्मीदवारों को सिविल सेवाओं के साथ-साथ रक्षा सेवाओं के लिए भी भर्ती परीक्षा का आयोजन करती है।
यूपीएससी परीक्षा 2023
यूपीएससी परीक्षा 2023 नोटिफिकेशन की रिलीज की तारीख 1 फरवरी 2023 है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 28 मई, 2023 को आयोजित की जाएगी जबकि मेंस परीक्षा 15 सितंबर से आयोजित होंगी। आईएएस परीक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण तिथियां नीचे दी गई तालिका में विस्तृत हैं।
आयोजन
महत्वपूर्ण परीक्षा तिथियां
यूपीएससी सीएसई 2023 नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि
01 फरवरी 2023
यूपीएससी सीएसई 2023 आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि
21 फरवरी 2023
यूपीएससी सीएसई 2023 प्रारंभिक परीक्षा शुरू होने की तिथि
28 मई 2023
सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा के प्रारंभ होने की तिथि, 2023
15 सितंबर 2023
यूपीएससी की तैयारी कैसे करें?
यूपीएससी की तैयारी में सबसे महत्वपूर्ण उसका सिलेबस है। बेसिक क्लियर होने के बाद ही अभ्यार्थी सही रणनीति बना सकते हैं। यूपीएससी प्रीलिम्स और मेन्स एग्जाम की तैयारी में फर्क होता है, क्योंकि प्रीलिम्स में 2 पेपर होते हैं और मेंस में 9 पेपर होते हैं। हर पेपर में कई सब्जेक्ट्स पढ़ने होते हैं और फिर उन सब्जेक्ट्स के हिसाब से तैयारी करनी होती है। यूपीएससी की तैयारी कैसे करें के बारे में हम यहां विस्तार से जानेंगे।
कोचिंग के बिना यूपीएससी की तैयारी कैसे करें?
हमारे देश में आईएएस परीक्षा काफी महत्वपूर्ण परीक्षा मानी जाती है, इसके लिए अक्सर छात्र कोचिंग करना पसंद करते है। कोचिंग करने से उनको लगता है कि वे आसानी से इस परीक्षा को पास कर लेंगे, लेकिन बिना कोचिंग के सफलता पाने के लिए ये टिप्स जरूर अपनाने चाहिएः
सिलेबस को जानें- किसी भी एग्जाम को क्लियर करने के लिए उसका सिलेबस सही से समझना आवश्यक है। सिलेबस की सही समझ आपकी सफलता की राह आसान कर सकती है, क्योंकि सिलेबस समझने के बाद कैंडिडेट्स को यह पता चल जाता है कि उसे क्या पढ़ना है और कितना पढ़ना जो उसके एग्जाम में फायदेमंद होगा।
टाइम मैनेजमेंट पर फोकस- टाइम मैनेंजमेंट जिंदगी के हर पड़ाव पर महत्वपूर्ण है। किसी भी काम के लिए एक समय निर्धारित करना और उसे अपने निर्धारित समय पूरा करना भी जरूरी है, यूपीएससी एग्जाम के लिए टाइम मैनेज करना बहुत जरूरी है।
करंट अफेयर्स – यूपीएससी एग्जाम में करंट अफेयर्स बहुत इंपोर्टेंट है, क्योंकि 3-4 पेपर जनरल नाॅलेज के होते हैं।
न्यूजपेपर जरूर पढ़ें– न्यूजपेपर पढ़ने की आदत कैंडिडेट्स की एग्जाम की तैयारी के अलावा इंटरव्यू की तैयारी को भी बेहतर बनाती है।
बीते वर्षों के प्रश्नपत्र साॅल्व करें– बीते वर्षों के प्रश्न पत्र देखकर एग्जाम का पैटर्न और आने वाले एग्जाम की समझ विकसित होती है।
माॅक टेस्ट दें– ज्यादा से ज्यादा माॅक टेस्ट देना किसी भी एग्जाम को क्लियर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। माॅक टेस्ट देने से स्पीड और एक्योरिसी बढ़ने के साथ ही अपनी तैयारी का भी पता चलता है।
एनसीईआरटी पुस्तकें पढ़ें- एनसीईआरटी पुस्तकें यूपीएससी के लिए बहुत उपयोगी होती हैं। कई बार टीचर और सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर करने वाले भी एनसीईआरटी पुस्तकें पढ़ने की सलाह देते हैं।
डिटेल नोट्स तैयार करें- यूपीएससी के एग्जाम में कुछ सब्जेक्ट्स में काफी लिखना होता है, इसलिए डिटेल नोट्स तैयार करना भी आवश्यक है।
अभ्यास टेस्ट सीरीज देखें– प्रैक्टिस टेस्ट सीरीज की समझ और लगातार अभ्यास करने से एग्जाम को क्लियर करने में आसानी हो जाती है।
रिवीजन जरूर करें- किसी भी एग्जाम की तैयारी के लिए 1 से 2 साल का समय काफी माना जाता है, लेकिन एग्जाम से कुछ दिन पहले रिवीजन करना जरूरी है। रिवीजन करने से कैंडिडेट्स भूले हुए टाॅपिक्स भी ध्यान कर लेते हैं और अपनी तैयारी को औरों से बेहतर कर लेते हैं।
घर बैठे यूपीएससी की तैयारी कैसे करें?
वैसे तो किसी भी परीक्षा के लिए कोई समय निर्धारण नहीं किया जा सकता, लेकिन यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए छात्र 18 महीने की अथक परिश्रम से उस समय सीमा तक पहुंच सकते हैं। ऐसे में अगर आप घर बैठे बैठे यूपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फाॅलो कर सकते हैंः
सबसे पहले परीक्षा के सिलेबस को समझें।
शुरू में थोड़ा पढ़ें और बाद में ज्यादा टाइम दें।
एक व्यवस्थित शेड्यूल/टाइमटेबल बनाएं।
करेंट अफेयर्स के लिए मासिक पत्रिकाएँ पढ़ें।
आईएएस के लिए समाचार पत्र पढ़ें।
सरकारी प्रकाशन पढ़ें।
एनसीईआरटी पुस्तकें पढ़ें।
10वीं के बाद यूपीएससी की तैयारी कैसे करें?
10 वीं के बाद यूपीएससी परीक्षा नहीं दी जा सकती, लेकिन आप नीचे दी गईं टिप्स के द्वारा 10 वीं से ही आईएएस बनने की तैयारी शुरू कर सकते हैंः
सबसे पहले एग्जाम की पूरी जानकारी होना जरूरी है।
एग्जाम में आने वाले सिलेबस को समझें।
रणनीति और अध्ययन की सामग्री को इकट्ठा करें।
एकाग्रता के साथ पढ़ाई करें।
पढ़ाई के साथ ही साथ लेखन करना भी जरूरी है।
बार-बार मोक टेस्ट दें।
रोज़ाना न्यूज़ पेपर और मैगज़ीन पढ़ें।
12वीं के बाद आईएएस की तैयारी कैसे करें?
अगर आप सिविल सर्विस एग्जाम के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपके पास कम से कम बैचलर की डिग्री होना आवश्यक है, लेकिन इसकी तैयारी भी 12वीं के बाद शुरू की जा सकती है। 12वीं के बाद आईएएस की तैयारी इस तरह कर सकते हैंः
सबसे पहले सही स्ट्रेटजी बनाना बहुत ही जरूरी है।
ग्रेजुएशन में अपने पसंद के विषय का चयन करें।
यूपीएससी का सिलेबस अच्छी तरह से देखें।
टाइम टेबल बनाएं।
करंट अफेयर्स और न्यूजपेपर पर फोकस करें।
हर वर्ष आने वाले बजट का एनालिसिस करें।
NCERT की किताबों का अध्ययन शुरू करें।
4-5-6 घंटे तो रोजाना पढ़ाई आवश्यक है।
लिखना शुरू करें।
शाॅर्ट नोट्स बनाएं।
माॅक टेस्ट दें ,
यूपीएससी के बीते वर्षों के पेपर साॅल्व करें।
यूपीएससी की तैयारी के लिए पिछले वर्ष (2022) के प्रश्न पत्र
पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र को हल करने से आपको परीक्षा के पैटर्न और मार्किंग स्कीम के बारे में जानकारी मिलती है। यह आपको यूपीएससी परीक्षा में प्रारूप, प्रश्नों के प्रकार को समझने में मदद करेगा। यह आपको अपना समय प्रबंधित करने और अपने मजबूत और कमजोर बिंदुओं का मूल्यांकन करने में भी मदद करेगा। विषयों पर आधारित यूपीएससी परीक्षा के पिछले वर्षों के कुछ प्रश्न पत्र यहां दिए गए हैंः
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यूपीएससी की तैयारी के लिए स्टडी मटेरियल
यूपीएससी के लिए स्टडी मटेरियल भी जानना बेहद ज़रूरी है जो यूपीएससी प्री और मैन्स परीक्षा के लिए मददगार साबित हो सकती है। स्टडी मटेरियल से संबंधित जानकारी नीचे दी गई है :
दूसरी एआरसी रिपोर्ट (एआरसी रिपोर्ट पर अधिक पढ़ने के लिए, लिंक किए गए लेख को देखें।)
आर्थिक सर्वेक्षण (नवीनतम)
बजट (नवीनतम)
वित्त आयोग की रिपोर्ट (नवीनतम)
केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा वार्षिक रिपोर्ट
करंट अफेयर्स
द हिंदू अख़बार
योजना पत्रिका
प्रेस सूचना ब्यूरो विज्ञप्ति
नीति आयोग एक्शन एजेंडा।
PSC प्रीलिम्स के लिए एग्जाम पैटर्न क्या है?
यूपीएससी प्रीलिम्स के लिए पैटर्न इस प्रकार हैः
पेपर
GS 1: भारतीय इतिहास, अर्थशास्त्र, भारत और विश्व का भूगोल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, भारतीय राजनीति, समसामयिक मामले और पर्यावरण पर आधारित।GS 2 : रीजनिंग, एप्टीट्यूड और क्वांटिटेटिव पर आधारित।
पेपर की लैंग्वेज
इंग्लिश, हिंदी
एग्जाम ड्यूरेशन
दोनों पेपर के लिए 4 घंटे का समय। (प्रत्येक पेपर 2 घंटा)
क्वैश्चंस
जीएस पेपर 1 के लिए 100 क्वैश्चन होते हैं। जीएस पेपर 2 के लिए 80 क्वैश्चन होते हैं।
मार्क्स
400 (प्रत्येक पेपर के लिए 200 अंक निर्धारित हैं।)
क्वालीफाइंग
पेपर 2 के लिए 33 प्रतिशत
UPSC मेंस के लिए एग्जाम पैटर्न क्या है?
यूपीएससी मेंस के लिए पैटर्न इस प्रकार हैः
पेपर
9
पेपर लैंग्वेज
इंग्लिश, हिंदी, (डिस्क्रिप्टिव पेपर: कैंडिडेट भारतीय संविधान की अनुसूची 8 में उल्लिखित 22 भाषाओं में भाषा के पेपर देते हैं।
सब्जेक्ट
अनिवार्य भारतीय भाषा इंग्लिश निबंध जीएस पेपर I जीएस पेपर II जीएस पेपर III जीएस पेपर IV ऑप्शनल सब्जेक्ट I ऑप्शनल सब्जेक्टII
एग्जाम ड्यूरेशन
प्रत्येक पेपर के लिए 3 घंटे।
अंक
300 अंक, जीएस और ऑप्शनल पेपर के लिए 250 अंक निर्धारित हैं।
अधिकतम अंक
1750 अंक।
यूपीएससी के लिए योग्यता क्या है?
यूपीएससी के लिए योग्यता इस प्रकार हैः
कैंडिडेट्स के पास किसी भी मान्यता प्राप्त काॅलेज या यूनिवर्सिटी से किसी भी स्ट्रीम में बैचलर डिग्री होनी चाहिए।
कैंडिडेट्स जो लास्ट ईयर में हैं और परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वे प्रीलिम्स एग्ज़ाम के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए उपस्थित होने के लिए बैचलर डिग्री पास करने का प्रूफ होना चाहिए।
जनरल और EWS के पास 6 अटेम्प्ट्स होते हैं, OBC के पास 9, SC/ST के पास (आयु सीमा तक)
IAS परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष है, वहीं अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष है।
यूपीएससी के चरण
प्रीलिम्स
मेन परीक्षा
इंटरव्यू (साक्षात्कार)
प्रीलिम्स – यह परीक्षा प्रारंभिक परीक्षा है जिसमें 2 पेपर होते हैं। दोनों पेपर में सभी प्रश्न मल्टीपल चॉइस टाइप के होते हैं।
पेपर 1 में राजनीति शास्त्र, जनरल साइंस अर्थ शास्त्र और जनरल स्टडीज (ऐतिहासिक, भूगोल ) साथ में करंट अफेयर्स जैसे सवालों का समावेश होता है।
पेपर 2 में क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूड के आधार पर सवाल आते हैं। पेपर में पास होने के लिए कम से कम 33% अंक होने जरूरी है इसका क्वालीफाई टाइप का नेचर होता है। यह परीक्षा पास करने के उपरांत ही हम मुख्य परीक्षा में भाग ले सकते हैं।
मेन परीक्षा – यह परीक्षा मुख्य परीक्षा है। आरंभिक परीक्षा में पास होने के बाद मेन परीक्षा में भाग ले सकते हैं। इसके अंदर चार जी एस पेपर होते हैं- इसमें एक पेपर ऑप्शनल का होता है, इसके अंदर दो पेपर होते है और दूसरा पेपर निबंध का होता है। तीसरा पेपर इंग्लिश (अंग्रेजी )और क्षेत्रीय भाषा का पेपर होते हैं। पारंपरिक परीक्षा की तरह मेन पेपर भी क्वालीफाइंग पेपर होता है। यह परीक्षा पास करने के बाद ही उम्मीदवार को इंटरव्यू में जाने का मौका मिलता है।
इंटरव्यू (साक्षात्कार) – मेरिट लिस्ट मुख्य परीक्षा के 7 पेपर और इंटरव्यू के दोनों अंकों को मिलाकर तैयार की जाती है। इंटरव्यू 275 अंकों का होता है। कुल मिलाकर 2025 अंक का पेपर होता है।
यूपीएससी के एग्जाम के लिए करेंट अफेयर्स और जनरल अवेयरनेस का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। 30 से 40 सवाल कम से कम करेंट अफेयर्स और जनरल नॉलेज के एक पेपर में आते हैं। इन सवालों की तैयारी के लिए हमें रोज़ाना समाचार और मैगज़ीन पढ़ना आवश्यक है।
यूपीएससी में जॉब प्रोफाइल्स क्या हैं
यूपीएससी सिविल सर्विसेज में 24 सेवाओं में जॉब मिलती हैं, जोकि इस प्रकार हैंः
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS)
भारतीय पुलिस सेवा (IPS)
भारतीय वन सेवा (IFoS)
भारतीय विदेश सेवा (IFS)
भारतीय सूचना सेवा (IIS)
भारतीय डाक सेवा (IPoS)
भारतीय राजस्व सेवा (IRS)
भारतीय व्यापार सेवा (ITS)
रेलवे सुरक्षा बल (RPF)
पॉन्डीचेरी सिविल सेवा (PCS)
पॉन्डिचेरी पुलिस सेवा (PPS)
दिल्ली, अंडमान निकोबार आइलैंड्स सिविल सेवा (DANICS)
यूपीएससी की परीक्षा शाहजहां रोड, नई दिल्ली स्थित यूपीएससी परिसर में आयोजित की जाती है।
यूपीएससी के लिए योग्यता क्या होती है?
इस परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवार का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से, किसी भी विषय में ग्रेजुएट होना आवश्यक हैI
यूपीएससी की फुल फॉर्म क्या होती है?
यूपीएससी की फुल फॉर्म Union Public Service Commission है।
UPSC Ke Liye Kya Karna Padta Hai?
यूपीएससी एग्जाम के लिए सही स्ट्रैटेजी के साथ तैयारी जरूरी है और एनसीईआरटी की बुक्स पढ़ने की आवश्यकता है। इस एग्जाम की तैयारी के लिए 1 से 2 साल समय देना आवश्यक है।
UPSC Ka Exam Kaise Hota Hai?
यूपीएससी एग्जाम देश का सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है, क्योंकि इसे क्वालीफाई करने के बाद सिविल सेवा अधिकारियों या फिर अन्य उच्च पदों पर पोस्टिंग होती है।
10वीं के बाद यूपीएससी की तैयारी कैसे करें?
10वीं के बाद हालांकि यूपीएससी की परीक्षा नहीं दी जा सकती लेकिन आप नीचे दी गयी टिप्स के द्वारा 10 वीं से ही आईएएस बनने की तैयारी शुरू कर सकते हैं:- सबसे पहले एग्जाम की पूरी जानकारी होना जरूरी है। एग्जाम में आने वाले सिलेबस को समझें। रणनीति और अध्ययन की सामग्री को इकट्ठा करें। एकाग्रता के साथ पढ़ाई करें। पढ़ाई के साथ ही साथ लेखन करना भी जरूरी है।
उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको यूपीएससी की तैयारी कैसे करें की जानकारी मिल गई होगी, जिससे आपको UPSC परीक्षा क्लियर करने में मदद मिलेगी।
गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि हम लोगों का संगठित गिरोह है। देवरिया, मऊ, आजमगढ़ गोरखपुर, बलिया, गाजीपुर व अन्य कई जिलों में लोगों का एटीएम कार्ड बदलकर रुपये निकालने की घटना को अंजाम देते हैं।
एटीएम कार्ड बदलकर जालसाजी करने वाले गिरोह के सात सदस्यों को एसटीएफ ने बलिया से गिरफ्तार कर लिया। इसमें दो बदमाश अजय दूबे व मोहित साहनी पर 25-25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था। आरोपियों को बलिया के कोतवाली थाने में सुपुर्द कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई बलिया पुलिस कर रही है।
आरोपियों के पास से एसटीएफ ने 35 अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड, एक तमंचा, एक कारतूस, पांच कीपैड मोबाइल फोन, पांच एंड्राइड मोबाइल फोन, एक कार व 10 हजार आठ सौ रुपये नकद बरामद कर किया है।
जानकारी के मुताबिक, बलिया, गोरखपुर, देवरिया कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, मऊ एवं उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों में एटीएम कार्ड बदलकर पैसा निकालने वाले गिरोह पर कार्रवाई के लिए एसटीएफ गोरखपुर यूनिट को लगाया गया था। मुखबिर की सूचना पर टीम ने आरोपियों को बलिया के बहादुरपुर पुलिया के पास सफेद रंग की कार से पकड़ लिया।
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि हम लोगों का संगठित गिरोह है। देवरिया, मऊ, आजमगढ़ गोरखपुर, बलिया, गाजीपुर व अन्य कई जिलों में लोगों का एटीएम कार्ड बदलकर रुपये निकालने की घटना को अंजाम देते हैं। अभी 17 अक्तूबर को बलिया रेलवे स्टेशन के पास एक व्यक्ति का एटीएम कार्ड बदलकर उसके खाते से रुपये निकाले थे।
अजय दूबे उर्फ छोटू बिहारी उर्फ बाबा ने पूछताछ में बताया कि वह वर्ष 2013 में दिल्ली में खराद की मशीन का काम करता था, वहीं मेरी मुलाकात धर्मेंद्र सिंह निवासी जौनपुर से हुई जो मुझे एटीएम कार्ड एक्सचेंज कर पैसे निकालने के बारे में बताया था। बाद में हम लोग साथ में मिलकर काम करना शुरू कर दिए।
पहली बार थाना धनघटा जनपद संतकबीरनगर से एटीएम कार्ड बदलकर पैसे निकालने के मामले में जेल गया और जेल से छूटने के बाद सुरजीत बिंद उर्फ छोटे लाल निवासी बांसगांव गोरखपुर के साथ मिलकर एटीएम एक्सचेंज का काम शुरू किया। एटीएम एक्सचेंज करने के बाद जो भी पैसा निकलता था उस पैसे को बराबर बाट लेते हैं। सुरजीत चौरीचौरा में पकड़ा गया।
इनकी हुई गिरफ्तारी
बिहार के मूल निवासी व बांसगांव के रद्युवाडीह में रहने वाले अजय दुबे, गुलरिहा के जैनपुर निवासी आशीष यादव, बांसगांव के भटौली निवासी दुर्गेश पांडेय, बांसगांव, हरनही निवासी अभिलाष सिंह, शाहपुर के बशारतपुर निवासी मोहित साहनी, सिकरीगंज के गोविंदपुर निवासी संदीप मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है।
ऐसे करते हैं वारदात
आरोपियों ने बताया कि हम लोगों में से दो या तीन लोग एक ही एटीएम के आसपास बैठ जाते हैं, जब कोई व्यक्ति एटीएम से पैसा नहीं निकाल पाता है तो उसकी मदद कर पैसा निकाल देते हैं। जिस बैंक का एटीएम उसके पास होता है, उसी बैंक का एटीएम अपने पास से बदलकर उसे दे देते हैं फिर बाद में उस एटीएम से उसी दिन दूसरे एटीएम पर जाकर बैलेंस चेक करके एक दिन में जितना लिमिट होता है उतनी रकम निकाल लेते हैं।
संदीप मिश्रा और मोहित साहनी नई बाजार, चौरीचौरा में एसबीआई के एटीएम के अंदर किसी व्यक्ति का एटीएम एक्सचेंज कर रहा था तो वहां मैं और सुरजीत बिन्द मौजूद थे। जब संदीप और मोहित उस व्यक्ति का एटीएम एक्सचेंज कर रहे थे तो हम लोगों ने देख लिया फिर हम लोग संदीप और मोहित के पीछे-पीछे गए और आधा पैसा ले लिए। फिर इन दोनों से हम लोगों की दोस्ती हो गई।
इन घटनाओं में थे शामिल
16 अक्तूबर 2023 को रुद्रपुर, देवरिया में एटीएम बदलकर 15 हजार रुपये की जालसाजी।
17 अक्तूबर 2023 को दोहरीघाट, मऊ में सात हजार रुपये की जालसाजी। उसी रात पिपराइच में एटीएम कार्ड बदलकर 95 सौ रुपये की जालसाजी। फिर रेलवे स्टेशन के पास से 16 हजार रुपये की जालसाजी।
महिला सशक्तिकरण को बेहद आसान शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि इससे महिलाएँ शक्तिशाली बनती है जिससे वो अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती है और परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती है। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिये उन्हें सक्षम बनाना महिला सशक्तिकरण है।
महिला सशक्तिकरण , प्रा. वि. भरगाई , कैम्पियरगंज , गोरखपुर
भारत में महिला सशक्तिकरण की क्यों जरुरत है ?
महिला सशक्तिकरण की जरुरत इसलिये पड़ी क्योंकि प्राचीन समय से भारत में लैंगिक असमानता थी और पुरुषप्रधान समाज था। महिलाओं को उनके अपने परिवार और समाज द्वार कई कारणों से दबाया गया तथा उनके साथ कई प्रकार की हिंसा हुई और परिवार और समाज में भेदभाव भी किया गया ऐसा केवल भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी दिखाई पड़ता है। महिलाओं के लिये प्राचीन काल से समाज में चले आ रहे गलत और पुराने चलन को नये रिती-रिवाजों और परंपरा में ढ़ाल दिया गया था। भारतीय समाज में महिलाओं को सम्मान देने के लिये माँ, बहन, पुत्री, पत्नी के रुप में महिला देवियो को पूजने की परंपरा है लेकिन इसका ये कतई मतलब नहीं कि केवल महिलाओं को पूजने भर से देश के विकास की जरुरत पूरी हो जायेगी। आज जरुरत है कि देश की आधी आबादी यानि महिलाओं का हर क्षेत्र में सशक्तिकरण किया जाए जो देश के विकास का आधार बनेंगी।
महिला सशक्तिकरण , प्रा. वि. भरगाई , कैम्पियरगंज , गोरखपुर
भारत एक प्रसिद्ध देश है जिसने ‘विविधता में एकता’ के मुहावरे को साबित किया है, जहाँ भारतीय समाज में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते है। महिलाओं को हर धर्म में एक अलग स्थान दिया गया है जो लोगों की आँखों को ढ़के हुए बड़े पर्दे के रुप में और कई वर्षों से आदर्श के रुप में महिलाओं के खिलाफ कई सारे गलत कार्यों (शारीरिक और मानसिक) को जारी रखने में मदद कर रहा है। प्राचीन भारतीय समाज दूसरी भेदभावपूर्ण दस्तूरों के साथ सती प्रथा, नगर वधु व्यवस्था, दहेज प्रथा, यौन हिंसा, घरेलू हिंसा, गर्भ में बच्चियों की हत्या, पर्दा प्रथा, कार्य स्थल पर यौन शोषण, बाल मजदूरी, बाल विवाह तथा देवदासी प्रथा आदि परंपरा थी। इस तरह की कुप्रथा का कारण पितृसत्तामक समाज और पुरुष श्रेष्ठता मनोग्रन्थि है।
पुरुष पारिवारिक सदस्यों द्वारा सामाजिक राजनीतिक अधिकार (काम करने की आजादी, शिक्षा का अधिकार आदि) को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया। महिलाओं के खिलाफ कुछ बुरे चलन को खुले विचारों के लोगों और महान भारतीय लोगों द्वारा हटाया गया जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण कार्यों के लिये अपनी आवाज उठायी। राजा राम मोहन रॉय की लगातार कोशिशों की वजह से ही सती प्रथा को खत्म करने के लिये अंग्रेज मजबूर हुए। बाद में दूसरे भारतीय समाज सुधारकों (ईश्वर चंद्र विद्यासागर, आचार्य विनोभा भावे, स्वामी विवेकानंद आदि) ने भी महिला उत्थान के लिये अपनी आवाज उठायी और कड़ा संघर्ष किया। भारत में विधवाओं की स्थिति को सुधारने के लिये ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने अपने लगातार प्रयास से विधवा पुर्न विवाह अधिनियम 1856 की शुरुआत करवाई।
महिला सशक्तिकरण , प्रा. वि. भरगाई , कैम्पियरगंज , गोरखपुर
पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले लैंगिक असमानता और बुरी प्रथाओं को हटाने के लिये सरकार द्वारा कई सारे संवैधानिक और कानूनी अधिकार बनाए और लागू किये गये है। हालाँकि ऐसे बड़े विषय को सुलझाने के लिये महिलाओं सहित सभी का लगातार सहयोग की जरुरत है। आधुनिक समाज महिलाओं के अधिकार को लेकर ज्यादा जागरुक है जिसका परिणाम हुआ कि कई सारे स्वयं-सेवी समूह और एनजीओ आदि इस दिशा में कार्य कर रहे है। महिलाएँ ज्यादा खुले दिमाग की होती है और सभी आयामों में अपने अधिकारों को पाने के लिये सामाजिक बंधनों को तोड़ रही है। हालाँकि अपराध इसके साथ-साथ चल रहा है।
कानूनी अधिकार के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये संसद द्वारा पास किये गये कुछ अधिनियम है – एक बराबर पारिश्रमिक एक्ट 1976, दहेज रोक अधिनियम 1961, अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम 1956, मेडिकल टर्म्नेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1987, बाल विवाह रोकथाम एक्ट 2006, लिंग परीक्षण तकनीक (नियंत्रक और गलत इस्तेमाल के रोकथाम) एक्ट 1994, कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन शोषण एक्ट 2013।
निष्कर्ष
भारतीय समाज में सच में महिला सशक्तिकरण लाने के लिये महिलाओं के खिलाफ बुरी प्रथाओं के मुख्य कारणों को समझना और उन्हें हटाना होगा जो कि समाज की पितृसत्तामक और पुरुष प्रभाव युक्त व्यवस्था है। जरुरत है कि हम महिलाओं के खिलाफ पुरानी सोच को बदले और संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों में भी बदलाव लाये।
अगर आप भी किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं तो आपको ये तीन कहानियां जरूर पढ़नी चाहिए जो आपको एक बार फिर ये अहसास करा देंगी कि कठिन परिश्रम और पक्के इरादे से कुछ भी मुमकिन है।
UPSC (IAS) सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस परीक्षा में सफलता का प्रतिशत बहुत काम होता है। इस परीक्षा का सिलेबस बहुत ज्यादा होता है और इसकी तैयारी में बहुत समय लगता है। ज्यादातर उम्मीदवारों का धैर्य इस परीक्षा की तैयारी के दौरान जवाब दे जाता है। कुछ जीवन में विपरीत परिस्थितयों के कारण इस परीक्षा की तैयारी छोड़ देते हैं। अगर आप भी किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं तो आपको ये तीन कहानियां जरूर पढ़नी चाहिए जो आपको एक बार फिर ये अहसास करा देंगी कि कठिन परिश्रम और पक्के इरादे से कुछ भी मुमकिन है।
जन्म से ही 100 प्रतिशत नेत्रहीन बाला नागेन्द्रन की Success Story: UPSC क्लियर कर हासिल की 659वीं रैंक
भले ही बाज़ार में UPSC Civil Service की तैयारी के लिए बहुत सारा Study Material उपलब्ध हो मगर नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए आज भी बहुत कम विकल्प है। नेत्रहीन लोगो को वैसे भी रोजमर्रा के काम करने में ढेरों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जब दिल में जोश हो इरादे मजबूत हो तो इंसान हर कठिनाई को पार कर लेता है और बाला नागेन्द्रन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। बाला नागेन्द्रन जन्म से ही 100 प्रतिशत नेत्रहीन हैं। बाला नागेन्द्रन का IAS बनाने का सपना उनके 9th अटेम्प्ट में पूरा हुआ। हालाँकि उन्होंने ने अब तक तीन बार इस परीक्षा को क्लियर किया है। उनकी पूरी कहानी आप नीचे दिए गए लिंक के द्वारा जरूर पढ़नी चाहिए।
भले ही बाज़ार में UPSC Civil Service की तैयारी के लिए बहुत सारा Study Material उपलब्ध हो मगर नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए आज भी बहुत कम विकल्प है। नेत्रहीन लोगो को वैसे भी रोजमर्रा के काम करने में ढेरों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जब दिल में जोश हो इरादे मजबूत हो तो इंसान हर कठिनाई को पार कर लेता है और बाला नागेन्द्रन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। बाला नागेन्द्रन जन्म से ही 100 प्रतिशत नेत्रहीन हैं। बाला नागेन्द्रन का IAS बनाने का सपना उनके 9th अटेम्प्ट में पूरा हुआ। हालाँकि उन्होंने ने अब तक तीन बार इस परीक्षा को क्लियर किया है। उनकी पूरी कहानी आप नीचे दिए गए लिंक के द्वारा जरूर पढ़नी चाहिए।
IAS इरा सिंघल स्कोलियोसिस (Scoliosis) से पीड़ित है जो रीढ़ की हड्डी का गंभीर रोग है और इसका कोई इलाज नहीं है। इस बिमारी के कारण इंसान को रोजमर्रा के काम करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इरा ने कभी भी अपनी विकलांगता को अपने सपनों के मार्ग में बाधा नहीं बनने दिया। इरा ने 2014 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा की सामान्य श्रेणी में टॉप किया। इससे पहले भी उनका 3 बार UPSC में सिलेक्शन होने के बाद भी उन्हें उनकी बीमारी के कारण कोई सर्विस अलॉट नहीं की गई उन्हें मुकदमा भी लड़ना पड़ा। इरा के संघर्ष की पूरी कहानी आ नीचे दिए गए लिंक के द्वारा पढ़ सकते हैं।
पांच साल की उम्र में पूर्णा साँथरी की आंखों की रोशनी कम होने लगी थी। उनके माता पिता ने उनका इलाज कराया लेकिन डॉक्टरों ने कहा की पूर्णा को एक दुर्लभ अपक्षयी विकार की बिमारी है। कुछ समय बाद उनकी दाहिनी आंख पूरी तरह से ख़राब हो गई और उनकी बाईं आंख को बचाने की कोशिश के लिए सर्जरी की गई। लेकिन यह सर्जरी भी असफल रही और पूर्णा ने धीरे-धीरे अपनी दोनों आँखों की रोशनी खो दी। तैयारी के दौरान उन्हें उनके माता पिता और दोस्तों ने सहयोग किया और कड़ी मेहनत से उन्होंने इस कठिन परीक्षा को क्रैक किया। इनकी पूरी कहानी आप नीचे दिए गए लिंक के द्वारा हासिल कर सकते हैं।