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Crypto Tax Filling: क्रिप्टो टैक्स की फाइलिंग आसान बनाने के लिए CoinDCX और KoinX ने किया करार, होगा ये फायदा

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Crypto Tax Filling: CoinDCX प्लेटफॉर्म पर निवेशकों और व्यापारियों को KoinX की कर गणना और रिपोर्टिंग प्रणाली तक पहुंच मिलेगी। इस सहयोग के साथ, CoinDCX उपयोगकर्ता न केवल एक्सचेंज पर अपनी कर गणना को ट्रैक करने में सक्षम होंगे, बल्कि कई एक्सचेंजों और वॉलेट को कॉइनएक्स प्लेटफॉर्म से जोड़ सकेंगे।

क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX ने अपने उपयोगकर्ताओं को क्रिप्टोकरेंसी करों को दाखिल करने के लिए एक बुनियादी ढांचा प्रदान करने का फैसला किया है। इसके तहत कंपनी ने क्रिप्टो टैक्सेशन सुविधा प्रदान करने वाले स्टार्टअप KoinX के साथ करार किया है। घोषणा के अनुसार CoinDCX प्लेटफॉर्म पर निवेशकों और व्यापारियों को KoinX की कर गणना और रिपोर्टिंग प्रणाली तक पहुंच मिलेगी। इस सहयोग के साथ, CoinDCX उपयोगकर्ता न केवल एक्सचेंज पर अपनी कर गणना को ट्रैक करने में सक्षम होंगे, बल्कि कई एक्सचेंजों और वॉलेट को कॉइनएक्स प्लेटफॉर्म से जोड़ सकेंगे।

यह कार्यक्षमता निवेशकों को एनएफटी (गैर-कवक टोकन) और डीईएफआई (विकेन्द्रीकृत वित्त) में निवेश सहित अपने सभी क्रिप्टो लेनदेन की निगरानी करने में सक्षम बनाती है और वास्तविक समय में संबंधित कर राशि को देखती है। इसके अतिरिक्त उपयोगकर्ता आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइलिंग के लिए आवश्यक वर्चुअल डिजिटल एसेट (वीडीए) के अनुसार रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं।

कॉइनडीसीएक्स वेंचर्स के प्रबंध निदेशक रोहित जैन ने कोइनएक्स के साथ इस साझेदारी पर कहा कि अपने उपभोक्ताओं के कर अनुपालन को सरल बनाने के लिए कंपनी प्रतिबद्ध है। इस साझेदारी का लक्ष्य ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण को बढ़ाना और क्रिप्टो निवेशकों के लिए कर रिपोर्टिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है।

कोइनएक्स के सीईओ पुनीत अग्रवाल ने कहा कि कॉइनडीसीएक्स उपयोगकर्ताओं को एक-क्लिक क्रिप्टो टैक्स रिपोर्टिंग समाधान प्रदान करने के अपने उद्देश्य पर जोर देता है और भारतीय कर कानूनों का अनुपालन करता है। इस साझेदारी से क्रिप्टो निवेशकों को अपने करों को सही ढंग से दर्ज करने और अपने पोर्टफोलियो का आसानी से प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।

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Cryptocurrency: सरकार की डिजिटल संपत्तियों पर रहेगी कड़ी नजर, क्रिप्टोकरेंसी पर मनी लॉन्ड्रिंग प्रावधान लागू

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वित्त मंत्रालय ने कहा कि क्रिप्टो ट्रेडिंग, सुरक्षित रखने और संबंधित वित्तीय सेवाओं के लिए एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून लागू किया गया है। वहीं इसके बाद अब भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई भारत को संदिग्ध गतिविधि की सूचना देनी होगी।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि क्रिप्टो ट्रेडिंग, सुरक्षित रखने और संबंधित वित्तीय सेवाओं के लिए एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून लागू किया गया है। वहीं इसके बाद अब भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई भारत को संदिग्ध गतिविधि की सूचना देनी होगी।

देश में अब क्रिप्टोकरेंसी के जरिए किसी अवैध काम को अंजाम देना अब मुश्किल हो जाएगा। सरकार ने डिजिटल संपत्तियों की निगरानी कड़ी करने के मकसद से क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल संपत्ति पर धन शोधन रोधी प्रावधान (PMLA) लागू कर दिया है। सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार क्रिप्टो ट्रेडिंग को सुरक्षित रखने और संबंधित वित्तीय सेवाओं पर एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून लागू किया गया है। मोटे तौर पर सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन का साफ मतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े किसी भी वित्तीय गड़बड़ी की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से की जा सकेगी।

सरकार की ओर से जारी नए निर्देशों के अनुसार अब भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई भारत को क्रिप्टो बाजार में होने वाली हर संदिग्ध गतिविधि की सूचना देनी होगी। यह कदम बैंकों या स्टॉक ब्रोकरों जैसी अन्य विनियमित संस्थाओं के समान मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी मानकों का पालन करने जैसा है। अब उसी तर्ज पर क्रिप्टोएक्सचेंजो को भी काम करना होगा। इसके साथ क्रिप्टोबाजार में निवेश होने वाले हर लेन-देन की केवाईसी को भी अनिवार्य कर दिया गया है।

डिजिटल करेंसी और एसेट्स जैसे एनएफटी (नॉन-फंजिबल टोकन) ने पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर काफी पहुंच बनाई है। क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों के लॉन्च होने के साथ इन परिसंपत्तियों में व्यापार कई गुना बढ़ गया है। हालांकि, पिछले साल तक भारत के पास ऐसे परिसंपत्ति वर्गों को विनियमित करने या कर लगाने पर कोई स्पष्ट नीति नहीं थी। लेकिन इन प्रावधानों के बाद डिजिटल करेंसी के जरिए अवैध व्यापार पर लगाम लग सकती है। कई मौके पर क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल टेरर फंडिंग और कालाधन छुपाने के लिए किए जाने की खबरें आती रही हैं। माना जा रहा है कि इसी को रोकने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है।  

अधिसूचना में कहा गया है कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स और फिएट करेंसी के बीच एक्सचेंज, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के एक या अधिक रूपों के बीच एक्सचेंज, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स का ट्रांसफर, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स का सुरक्षित रखरखाव या प्रशासन या वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर नियंत्रण को सक्षम करने वाले उपकरण, और में भागीदारी किसी जारीकर्ता की आभासी डिजिटल संपत्ति की पेशकश और बिक्री से संबंधित वित्तीय सेवाओं का प्रावधान अब धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 द्वारा कवर किया जाएगा।

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Crypto Fraud: क्रिप्टो धोखाधड़ी मामले में दो जालसाजों के ठिकानों पर CBI ने की छापेमारी, एक करोड़ नकद बरामद

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Crypto Fraud: सीबीआई ने स्थानीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई की और दो आरोपियों साहिल पाल और आशीष भंबानी के परिसरों पर मंगलवार को तलाशी अभियान शुरू किया। तलाशी अभियान के दौरान जांच एजेंसी ने एक करोड़ रुपये नकद जब्त किया।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कनाडा सरकार के अधिकारियों का रूप धारण करने वाले कथित जालसाजों के परिसरों की तलाशी के दौरान करीब एक करोड़ रुपये की नकदी जब्त की। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सीबीआई के अधिकारियों के अनुसार कनाडा के अधिकारियों से कथित धोखाधड़ी के बारे में जानकारी मिली जिसके बाद एजेंसी ने 11 मई को मामला दर्ज किया।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने स्थानीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई की और दो आरोपियों साहिल पाल और आशीष भंबानी के परिसरों पर मंगलवार को तलाशी अभियान शुरू किया गया। सीबीआई ने क्रिप्टो धोखाधड़ी से संबंधित एक मामले की चल रही जांच में आरोपियों के परिसरों में विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली। तलाशी के दौरान एक आरोपी के परिसर से करीब एक करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई।

एजेंसी के अनुसार आरोपी खुद को कनाडा में सरकारी अधिकारी बता रहे थे और अपनी धोखाधड़ी की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस छद्म पहचान का इस्तेमाल कर रहे थे। उनके काम करने के तरीके के बारे में बताते हुए सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि वे निर्दोष पीड़ितों को नकली तकनीकी सहायता परामर्श प्रदान करने के नाम पर उन्हें क्रिप्टोकरेंसी फंड स्थानांतरित करने के लिए मजबूर करते थे। इन गलत तरीके से अर्जित क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों को बाद में कई क्रिप्टो वॉलेट के माध्यम से रूट किया गया, जिससे ये अंततः अपराधियों के अपने क्रिप्टो खातों में पहुंच गया।

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क्रिप्टो के लिए रूल्स बनाने की जरूरत, टेक्नोलॉजी को अनदेखा नहीं किया जा सकता: PM मोदी

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भारत की G20 अध्यक्षता के हिस्से के तहत टॉप एजेंडों में क्रिप्टोकरेंसीज का रेगुलेशन शामिल है। मोदी ने कहा कि क्रिप्टो के लिए वैश्विक सहमति के साथ रूल्स बनाए जाने चाहिए जो सभी देशों के लिए समान हों

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए विस्तृत रूल्स बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के डिवेलपमेंट के साथ रफ्तार बनाए रखने की जरूरत है। इससे पहले फाइनेंस मिनिस्ट्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी क्रिप्टो के लिए रूल्स बनाने का पक्ष लिया था। 

एक मीडिया इंटरव्यू में मोदी ने कहा कि टेक्नोलॉजीज को लोकतांत्रिक बनाया जाना चाहिए और इन्हें अनदेखा करने के बजाय अपनाने की जरूरत है। भारत की G20 अध्यक्षता के हिस्से के तहत टॉप एजेंडों में क्रिप्टोकरेंसीज का रेगुलेशन भी शामिल है। मोदी ने कहा कि क्रिप्टो के लिए वैश्विक सहमति के साथ रूल्स बनाए जाने चाहिए जो सभी देशों के लिए समान हों। उनका कहना था, “टेक्नोलॉजी में बदलाव की तेज रफ्तार एक वास्तविकता है और इसे अनदेखा करने का कोई मतलब नहीं है। इससे जुड़े रूल्स और फ्रेमवर्क एक देश या देशों के समूह से नहीं जुड़े होने चाहिए।” 

क्रिप्टो सेगमेंट के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू होने वाले रूल्स पर भारत कार्य कर रहा है। इसके लिए G20 में शामिल अन्य देशों से भी सुझाव लिए जा रहे हैं। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड (FSB) जैसे ग्लोबल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस भी G20 देशों की इसमें मदद कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि क्रिप्टो से जुड़े एजेंडा के लिए काफी कोशिशें हो रही हैं। 

हाल ही में होम मिनिस्टर अमित शाह ने क्रिप्टो और मेटावर्स से जुड़े रिस्क को डायनामाइट के विस्फोट जैसा खतरनाक बताया था। उन्होंने कहा था कि इससे निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एक साझा स्ट्रैटेजी बनाने की जरूरत है। G20 की एक मीटिंग को संबोधित करते हुए शाह ने कहा था कि क्रिप्टो और मेटावर्स से जुड़े रिस्क डायनामाइट के विस्फोट या हवाला के मामलों जितने गंभीर हैं। उनका कहना था कि सिक्योरिटी को लेकर खतरों के प्रकार में बदलाव आया है और यह एक गंभीर चिंता का विषय है। उनका कहना था, “हमारे सुरक्षा के पुराने खतरों में बदलाव हो रहा है। यह डायनाइट के विस्फोट से मेटावर्स और हवाले से क्रिप्टोकरेंसी में बदल रहे हैं। यह सभी देशों के लिए चिंता का एक विषय है। इससे निपटने के लिए एक साझा स्ट्रैटेजी बनानी होगी।” RBI ने क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में चार वर्ष पहले सर्कुलर जारी कर उसके रेगुलेशंस के तहत आने वाली एंटिटीज पर इस सेगमेंट से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में डील करने को लेकर रोक लगाई थी। हालांकि, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस सर्कुलर को खारिज कर दिया था। देश में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर रेगुलेटरी स्थिति स्पष्ट नहीं है। 

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