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गोरखपुर में कालाबाजारी: बाज नहीं आ रहे धंधेबाज…40 रुपये में बेच रहे नेफेड का 25 वाला प्याज

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गोरखपुर में महंगे प्याज से लोगाें को राहत दिलाने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से शहर में स्टॉल लगवाकर प्याज को 25 रुपये किलो के दर से बेचा जा रहा है। लेकिन मंडी के कुछ आढ़ती इस सरकारी प्याज पर भी जमकर मुनाफा वसूलने में लगे हुए हैं।

गोरखपुर जिले के महेवा थोक मंडी में प्याज की कालाबाजारी कम होने का नाम नहीं ले रही। लोगों को राहत दिलाने के लिए नेफेड के जिस प्याज को प्रशासन खुदरा में 25 रुपये किलो बिकवा रहा है, उसे थोक मंडी में 40 रुपये किलो बेचकर आढ़ती इस पर जमकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं।

फुटकर बाजार में प्याज 60 रुपये किलो के बीच बिक रहा है। वहीं, थोक में प्याज की कीमत 40 से 48 रुपये किलो है। महंगे प्याज से लोगाें को राहत दिलाने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से शहर में स्टॉल लगवाकर प्याज को 25 रुपये किलो के दर से बेचा जा रहा है। लेकिन मंडी के कुछ आढ़ती इस सरकारी प्याज पर भी जमकर मुनाफा वसूलने में लगे हुए हैं।

शुक्रवार की दोपहर करीब दो बजे महेवा मंडी का एक आढ़ती नेफेड के प्याज को 40 रुपये किलो की दर से बेचवा रहा था। मंडी के जिम्मेदारों की नजर उस पर न पड़े, इसके लिए दुकान से कुछ दूरी पर डीसीएम पर ही उसने अपनी दुकान सजाई हुई थी। सड़क किनारे ही तराजू लगाकर प्याज को तौलकर बेचा जा रहा था।

पंजाब के नए आलू ने दी बाजार में दस्तक

गोरखपुर बाजार में पंजाब के नए आलू ने दस्तक दे दी है। शुक्रवार को पंजाब से नए आलू की एक गाड़ी महेवा थोक मंडी पहुंची। लेकिन, इनकी कीमत पुराने आलू से दोगुनी है। थोक मंडी में नए आलू का भाव 24 से 28 रुपये किलो के बीच रहा। वहीं खुदरा में नया आलू 35 से 40 रुपये किलो के बीच बिका। महेवा मंडी के व्यापारी अजय ने बताया कि पंजाब से नए सफेद आलू की आवक शुरू हो गई है, लेकिन लोकल नए आलू के लिए लोगों को एक महीने का और इंतजार करना पड़ेगा। नए आलू की आवक कम होने से इनके दाम ज्यादा हैं।

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अगर आपको रिकवरी एजेंट कर रहा है परेशान, तो यहां जानें कैसे करें डील और कहां दर्ज करें शिकायत?

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Loan Recovery Agent Complaint: अगर आपने किसी तरह का लोन लिया है और समय पर जमा नहीं कर पाए हैं, जिसकी वजह से रिकवरी एजेंट परेशान कर रहा है, तो यहां पर उससे निपटने के तरीके बताए गए हैं.

Loan Recovery Agent Complaint: लोन रिकवरी एजेंटों द्वारा उत्पीड़न का सामना करना किसी के लिए एक तनावपूर्ण और डराने वाला अनुभव हो सकता है. हालांकि, यह समझना जरूरी है कि ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए कानूनी उपाय किए जा सकते हैं. यहां पर हम लोन रिकवरी एजेंटों से निपटने और शिकायत दर्ज करने के तरीके के बारे में चर्चा करेंगे-

सबसे पहले, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि लोन रिकवरी एजेंटों को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (IBA) द्वारा निर्धारित कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना कानूनी रूप से आवश्यक होता है. ये दिशानिर्देश यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि रिकवरी एजेंट लोन की रिकवरी के लिए अपमानजनक भाषा, शारीरिक बल या किसी अन्य प्रकार के उत्पीड़न का उपयोग न करें. यदि कोई रिकवरी एजेंट इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उन्हें कानून के तहत जवाबदेह ठहराया जा सकता है.

यदि आप लोन रिकवरी एजेंटों द्वारा उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं तो यहां कुछ स्टेप उठाए जा सकते हैं:

सभी कम्यूनिकेशन का रिकॉर्ड रखें

रिकवरी एजेंट के साथ सभी कम्यूनिकेशंस का रिकॉर्ड रखना महत्वपूर्ण है. इसमें फोन कॉल, टेक्स्ट संदेश और ईमेल आदि शामिल हैं. यदि आपको एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की आवश्यकता है तो इससे आपको साक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी. कम्यूनिकेशन की तिथि, समय और सामग्री को नोट करना सुनिश्चित करें.

तर्क-वितर्क में न पड़ें

रिकवरी एजेंट लोन की रिकवरी के लिए आक्रामक रणनीति अपना सकते हैं. शांत रहना महत्वपूर्ण है और उनके साथ किसी भी तरह की बहस में न पड़ें. आप उन्हें विनम्रता से सूचित कर सकते हैं कि आप केवल बैंक अधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा करेंगे और आप किसी भी उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेंगे.

बैंक से संपर्क करें

यदि आप लोन रिकवरी एजेंटों द्वारा उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं, तो आप बैंक से संपर्क कर सकते हैं और उन्हें स्थिति के बारे में सूचित कर सकते हैं. यह सुनिश्चित करना बैंक की जिम्मेदारी है कि उनके रिकवरी एजेंट आरबीआई और आईबीए द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करें. बैंक रिकवरी एजेंट के खिलाफ उचित कार्रवाई कर सकता है.

पुलिस में शिकायत दर्ज करें

यदि रिकवरी एजेंट शारीरिक बल का प्रयोग कर रहा है या आपको धमकी दे रहा है, तो आप पुलिस में शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आपके द्वारा एकत्र किए गए सभी साक्ष्य उन्हें प्रदान करना महत्वपूर्ण है. पुलिस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करेगी.

बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करें

यदि आप बैंक के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं. बैंकिंग लोकपाल बैंकिंग सेवाओं से संबंधित शिकायतों को हल करने के लिए आरबीआई द्वारा स्थापित एक स्वतंत्र निकाय है. आप ऑनलाइन या बैंकिंग लोकपाल के कार्यालय में जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

उपभोक्ता मंचों से संपर्क करें

आप शिकायत दर्ज करने के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) या राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (SCDRC) जैसे उपभोक्ता मंचों से भी संपर्क कर सकते हैं. इन मंचों के पास उपभोक्ताओं और सेवा प्रदाताओं के बीच विवादों को सुलझाने की शक्ति है. आप ऑनलाइन या उनके कार्यालय में जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

वकील नियुक्त करें

यदि आप लोन रिकवरी एजेंटों द्वारा उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं, तो आप अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वकील नियुक्त कर सकते हैं, जो शिकायत दर्ज करने में आपकी मदद कर सकता है. साथ ही जरूरत पड़ने पर अदालत में आपका प्रतिनिधित्व भी कर सकता है. ऐसे वकील का चयन करना सुनिश्चित करें, जिसे ऐसे मामलों से निपटने का अनुभव हो.

गौरतलब है कि रिकवरी एजेंटों को कानूनी रूप से कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना आवश्यक होता है. यदि वे इन दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें जवाबदेह ठहराया जा सकता है.

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झंगहा में नकली देसी शराब के साथ हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार, नकली ढक्कन और क्यूआर कोड भी बरामद

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नकली देसी शराब बनाने का काम रामानंद लंबे समय से कर रहा है। उसके एक दोस्त से कुछ दिन पहले विवाद हो गया। इसके बाद उसने आबकारी विभाग को नकली शराब बनाकर बेचे जाने की सूचना दे दी।

आबकारी व पुलिस की संयुक्त टीम ने बृहस्पतिवार को एक युवक को नकली देसी शराब के साथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से पुलिस ने 90 पौआ नकली शराब, लगभग 2000 नकली ढक्कन, नकली क्यूआर कोड बरामद किया गया। पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। अभी तीन दिन पहले पिपराइच पुलिस ने एक महिला को भी नकली देसी शराब के साथ गिरफ्तार किया था।

पकड़े गए हिस्ट्रीशीटर रामानंद जायसवाल को पुलिस नामजद आरोपी बनाकर उससे पूछताछ कर रही है। आरोपी पहले शराब की दुकान पर मुनीम था, लेकिन नकली शराब बिक्री करने के कारण इसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था।

जानकारी के मुताबिक, नकली देसी शराब बनाने का काम रामानंद लंबे समय से कर रहा है। उसके एक दोस्त से कुछ दिन पहले विवाद हो गया। इसके बाद उसने आबकारी विभाग को नकली शराब बनाकर बेचे जाने की सूचना दे दी। आबकारी विभाग की टीम ने पुलिस को इसकी जानकारी दी और बृहस्पतिवार की देर शाम संयुक्त टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

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दिल्ली-एनसीआर में 150 से अधिक चल रहे फर्जी कॉल सेंटर, यूपी एसटीएफ ने किया भंडाफोड़

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एसटीफ ने जिस फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, उससे जुड़े सदस्य दिल्ली-एनसीआर में 150 से अधिक कॉल सेंटर चला रहे हैं। जिनको कई मास्टरमाइंड संचालित कर रहे हैं।

एसटीफ ने जिस फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, उससे जुड़े सदस्य दिल्ली-एनसीआर में 150 से अधिक कॉल सेंटर चला रहे हैं। जिनको कई मास्टरमाइंड संचालित कर रहे हैं। एसटीएफ को इससे संबंधित कई अहम जानकारियां मिली हैं। जिसके आधार पर तहकीकात की जा रही है। एक दर्जन मोबाइल नंबरों की कुंडली खंगाली जा रही है।

एसटीएफ ने मंगलवार को इंदिरानगर तकरोही में स्थित एक मकान में छापा मारकर फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा था। मुख्य आरोपी विशाल व जीशान समेत नौ को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। ये आरोपी यूएस, एके, न्यूजीलैंड, कनाडा समेत दर्जनों देश के नागरिकों से करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दे चुके थे। विदेशी नागरिकों का डाटा पाकर उनको ईमेल भेजकर अलग-अलग सेवाओं को एक्टिव व डिएक्टिवेट करने के नाम पर उनसे ठगी करते थे। ठगी के तार चीन जुड़े हैं। एसटीएफ के मुताबिक गिरोह के कई और बड़े किरदार हैं। जो दिल्ली-एनसीआर में बैठे हैं। जो बड़े पैमाने पर कॉल सेंटर संचालित कर रहे हैं। उनको करोड़ों रुपये कमीशन के तौर पर हर महीने मिलती है। ये सभी लोग आपस में कनेक्टेड हैं। एसटीएफ पूरे नेटवर्क को तोड़ने के प्रयास में लगी है।

वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल
आरोपी बेहद शातिर है। अधिकर आरोपी वर्चुअल नंबर इंस्तेमाल कर आपस में इंटरनेट कॉल से बातचीत करते थे। इसलिए उनको ट्रेस करना चुनौती है। जो सिम इस्तेमाल करते हैं वह फेक आईडी पर लिए गए प्रीएक्टिवेट होते हैं। आरोपियों के मोबाइल से ऐसी तमाम जानकारियां मिली हैं।

डाटा खरीदने का करोड़ों का खेल
आरोपियों के पास से तीस लाख विदेशी नागरिकों का डाटा मिला है। एसटीएफ के मुताबिक सोशल मीडिया व डार्क वेब पर डाटा की खरीद-फरोख्त में करोड़ों का खेल होता है। प्रति नागरिक का डाटा एक रुपये लेकर 100-200 रुपये तक में बिकता है। अगर डाटा कम है तो उसकी कीमत अधिक होती है और अधिक है तो थोड़ी कम होती है। आरोपियों के पास से तमाम फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए थे। जिनका इस्तेमाल वह खाते खुलवाने व मोबाइल नंबर आदि लेने में इस्तेमाल करते थे।

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