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हरिद्वार: नदी में फंसी भारत-नेपाल मैत्री बस, पुल क्षतिग्रस्त होने की वजह से रपटे से निकलने की थी कोशिश

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हरिद्वार जा रही भारत-नेपाल मैत्री बस श्यापुर इलाके में चिड़ियापुर चेक पोस्ट के पास कोटावली नदी में फंस गई। इस बस में 53 यात्री सवार थे जिसके बाद सभी को रस्सी के सहारे निकाला गया।

नेपाल से हरिद्वार आ रही बस उत्तराखंड के हरिद्वार में बिजनौर बॉर्डर पर फंस गई। दरअसल हरिद्वार समेत पूरे उत्तराखंड में इस वक्त भारी बारिश का दौर जारी है। उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार कोटद्वार और टिहरी में भारी बारिश से नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। इसी क्रम में कोटावली नदी का जलस्तर भी अचानक बढ़ गया। जिसके बाद यहां से गुजर रही भारत-नेपाल मैत्री बस श्यापुर इलाके में चिड़ियापुर चेक पोस्ट के पास कोटावली नदी में फंस गई। नदी में पानी का तेज बहाव होने के कारण बस में सवार 53 यात्री फंसे रह गए। 

पुल के पिलर पर चढ़े थे घबराए यात्री

श्यामपुर थाना इंचार्ज विनोद थपलियाल ने बताया, “बस के फंसने की सूचना मिलते ही पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुंची और सभी यात्रियों का बचाया। एसडीआरएफ टीम बस को बाहर निकालेगी।” नदी में पानी का बहाव तेज होने और चारों तरफ पानी भरने के कारण यात्री बुरी तरह घबरा गए थे। कई यात्री तो जान बचाने के लिए नदी पर बने पुल के पिलर पर चढ़ गए थे। 

यात्रियों के रेस्क्यू का वीडियो आया सामने
जानकारी मिली है कि कोटावली नदी में फंसी बस नेपालगंज रुपेड़िया से हरिद्वार आ रही थी। लेकिन कल से लगातार हो रही तेज बारिश के कारण कोटावली नदी में बेहिसाब पानी आ गया था। बताया जा रहा है कि इस बस में अधिकांश नेपाली मूल के नागरिक सवार थे। हरिद्वार-बिजनौर बॉर्डर के पास ये बस आकर फंस गई। वहीं इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें यात्रियों को रस्सी के सहारे रेस्क्यू करते हुए दिखाया जा रहा है।

क्षतिग्रस्त है पुल, रपटे सा जा रही थी बस
ये भी बताया जा रहा है कि हरिद्वार-बिजनौर बॉर्डर पर स्थित कोटावाली नदी का पुल क्षतिग्रस्त है। इसलिए यहां बड़े वाहनों को निकलने के लिए एक रपटा बनाया गया है। ये बस आज सुबह इसी रपटे से निकल रही थी, लेकिन कोटावली नदी का पानी अचानक बढ़ गया और बस फंस गई। बता दें कि कुछ दिन पहले ही एक और बस इसी नदी में फंस गई थी और उसमें भी नेपाल के ही यात्री सवार थे। 

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कनाडा में खालिस्तानी बेलगाम: गुरुद्वारे में लगे आपत्तिजनक पोस्टर, सरकार के निर्देश के बाद भी नहीं हटा रहे

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खालिस्तानियों ने भारत के तीन राजनयिकों पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है। इसके बाद कनाडा के एक गुरुद्वारे के बाहर इन तीन भारतीय राजनयिकों की हत्या के लिए उकसाने वाले पोस्टर लगा दिए गए।

कनाडा में खालिस्तानी इस कदर हावी हो चुके हैं कि वह वहां की सरकार का आदेश भी नहीं मान रहे हैं। दरअसल खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा के एक गुरुद्वारे में भारतीय राजनयिकों की हत्या के लिए उकसाने वाले पोस्टर-बैनर लगे थे। शिकायत के बाद कनाडा की सरकार ने इन बैनर्स को हटाने का निर्देश दिया था लेकिन अभी तक खालिस्तानियों ने ये पोस्टर-बैनर नहीं हटाए हैं। 

गुरुद्वारे के बाहर लगे भारतीय राजनयिकों की हत्या के लिए उकसाने वाले पोस्टर
बता दें कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे इलाके में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा ने इसका आरोप भारत पर लगाया। जिससे भारत और कनाडा के संबंधों में खटास आ गई है। खालिस्तानियों ने भारत के तीन राजनयिकों पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है। इसके बाद कनाडा के एक गुरुद्वारे के बाहर इन तीन भारतीय राजनयिकों की हत्या के लिए उकसाने वाले पोस्टर लगा दिए गए। जिसकी शिकायत की गई। शिकायत में कहा गया कि ये पोस्टर कनाडा में रहने वाले भारतीय राजनयिकों के खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं। बाद में ये विवादित पोस्टर सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किए गए। 

सरकार के आदेश के बावजूद नहीं हटाए पोस्टर
इस पर कार्रवाई करते हुए कनाडा की सरकार ने गुरुद्वारे से इन पोस्टर्स को हटाने का निर्देश दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुद्वारे के एक तरफ के गेट से पोस्टर हटा लिए गए हैं लेकिन दूसरी तरफ के मुख्य गेट पर अभी भी ये पोस्टर्स लगे हैं। इन पोस्टर्स में तीन भारतीय राजनयिकों को वांटेड बताया गया है। भारतीय राजनयिकों की तस्वीरें भी इन पोस्टर्स पर हैं। बता दें कि खालिस्तानियों के मुद्दे पर भारत और कनाडा के बीच विवाद चल रहा है। विवाद के चलते कनाडा ने भारत के एक राजनयिक को निष्कासित कर दिया था, जिसके जवाब में भारत ने भी कनाडा के एक राजनयिक को निष्कासित कर दिया था। भारत ने कनाडा के नागरिकों को वीजा जारी करने पर भी फिलहाल रोक लगा दी है। 

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भारत के एक फैसले से पड़ोसी देश नेपाल में छाई खुशी की लहर, पीएम प्रचंड ने की यह तारीफ

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भारत ने औपचारिक रूप से निर्णय लिया है कि वह अगले 10 साल में 10 हजार मेगावाट बिजली नेपाल से खरीदने जा रहा है। भारत ने नेपाल के साथ हुए द्विपक्षीय समझौते के तहत बिजली खरीदने का यह समझौता किया है।

भारत और नेपाल के बीच पारंपरिक रिश्ते हैं। चीन भले ही नेपाल पर कितने ही डोरे डाले, लेकिन नेपाल भारत के बिना अपने वजूद की कल्पना नहीं कर सकता है। भारत अपने प्राचीन पड़ोसी देश नेपाल के साथ हमेशा दोस्ती निभाता रहा है। ताजा मामले में नेपाल के हित में केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। भारत ने ये फैसला किया है कि वह अगले 10 साल में 10 हजार मेगावाट बिजली नेपाल से खरीदेगा। इस फैसले से नेपाल को काफी फायदा होगा। 

भारत ने औपचारिक रूप से निर्णय लिया है कि वह अगले 10 साल में 10 हजार मेगावाट बिजली नेपाल से खरीदने जा रहा है। भारत ने नेपाल के साथ हुए द्विपक्षीय समझौते के तहत बिजली खरीदने का यह समझौता किया है। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्‍प कमल दहल प्रचंड के कार्यालय ने भारत के इस फैसले पर खुशी जताई है।साथ ही भारत की जमकर तारीफ की है। नेपाल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि उन्‍हें सूचना मिली है कि भारतीय कैबिनेट ने बिजली खरीदने के समझौते को मंजूरी दी है।

भारत के इस फैसले से नेपाल के विकास की बढ़ेगी गति

नेपाल के पीएमओ ने कहा कि भारत का यह फैसला नेपाल के आर्थिक व‍िकास के लिए मील का पत्‍थर साबित होगा। नेपाल के ऊर्जा मंत्री शक्ति बासनेट ने कहा कि प्रधानमंत्री प्रचंड की भारत यात्रा के दौरान लंबी अवधि के लिए बिजली समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत भारत नेपाल से अगले 10 साल में 10 हजार मेगावाट बिजली खरीदने के लिए सहमत हुआ है। वहीं पीएम प्रचंड ने एक कार्यक्रम में कहा कि नेपाल पनबिजली सेक्‍टर में बड़ा बदलाव ला रहा है।

अभी 450 मेगावाट बिजली भारत को निर्यात कर रहा नेपाल 

प्रचंड ने कहा कि नेपाल सरकार ऐसा माहौल बना रही है जिससे देश में पनबिजली के क्षेत्र में विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सके। उन्‍होंने कहा क‍ि नेपाल आने वाले दशक में हाइड्रोपावर के क्षेत्र में बदलाव के लिए पूरी तैयारी कर रहा है। प्रचंड ने कहा कि नेपाल इस समय भारत को 450 मेगावाट बिजली का निर्यात कर रहा है। हम इसे अगले 10 साल में 10 हजार मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्‍य रख रहे हैं। इसके लिए भारत और नेपाल ने पहले ही एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्‍ताक्षर कर चुके हैं। नेपाल से बिजली खरीदने का भारत का फैसला ऐसे वक्त आया है जब नेपाली प्रधानमंत्री प्रचंड चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं। ऐसे में नेपाल भारत के प्रति और कृतज्ञ हो गया है। 

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पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन के लिए नेपाल जा रहे हैं तो जान लें यह नई शर्त, वरना 2000 रुपये का करना पड़ जाएगा भुगतान

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नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में फोटो खींचने और वीडियो बनाने पर पाबंदी लगा दी गई है। अगर किसी भी व्यक्ति को ऐसा करते पकड़ा गया तो उस पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही साइबर क्राइम के तहत मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। मंदिर के पदाधिकारियों ने फोटो और वीडियो बनाने वालों की संख्या बढ़ने पर यह फैसला किया है

नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं तो जाने से पहले यह नया नियम जान लें, वरना 2000 रुपये का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। मंदिर में फोटोबाजी की बढ़ती घटनाओं के बीच पशुपतिनाथ मंदिर के पदाधिकारियों ने मंदिर आने वाले लोगों और तीर्थयात्रियों को मुख्य मंदिर परिसर के अंदर तस्वीरें खींचने और वीडियो शूट करने को लेकर आगाह किया है। ऐसा करने वालों पर 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा या उनके खिलाफ साइबर अपराध कानूनों के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है। काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर एक विश्व प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भगवान पशुपति (महादेव) को समर्पित है। यह मंदिर बागमती नदी के तट पर स्थित है।

भारत और दुनिया भर से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। पशुपतिनाथ मंदिर संबंधी मामलों की देखरेख के लिए जिम्मेदार शासी निकाय पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट (पीएडीटी) ने शुक्रवार को कहा कि पशुपतिनाथ मंदिर परिसर के अंदर तस्वीरें खींचना या वीडियो शूट करना पहले से ही प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि ताजा चेतावनी हिंदू त्योहार तीज से पहले जारी की गई है। इस साल यह तीन दिवसीय उत्सव रविवार से शुरू होगा। पीएडीटी ने शुक्रवार को जारी नोटिस में चेतावनी दी कि मुख्य मंदिर परिसर के अंदर वीडियो बनाने और तस्वीरें लेने वालों पर 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

वीडियो और फोटो पर सख्त मनाही

पीएडीटी प्रवक्ता रेवती रमन अधिकारी ने कहा कि तीज के त्योहार से पहले विशेष रूप से युवक एवं युवतियां मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद मंदिर परिसर में घुस आते हैं, वीडियो बनाते और तस्वीरें लेते हैं तथा उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पशुपति के शिव लिंग के टिकटॉक वीडियो देखे हैं। हमने पाया है कि मुख्य मंदिर की तस्वीरें और वीडियो फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया साइट पर साझा किए गए हैं। यह नियम के विरुद्ध है।’’ अधिकारी ने कहा कि मंदिर परिसर के अंदर वीडियो बनाने या तस्वीरें लेने वालों पर 500 रुपये से 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। तीज एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस अवसर पर पूरे नेपाल से हजारों महिलाएं पशुपतिनाथ मंदिर में भगवान शिव एवं उनकी पत्नी पार्वती की पूजा-अर्चना करने के लिए एकत्रित होती हैं तथा अपने परिवार के कल्याण, खुशी और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं

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