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पश्चिमी यूपी में बिछी चुनाव की बिसात: अलग राज्य के मुद्दे को मिली हवा, फीका पड़ा जाट आरक्षण का मुद्दा

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राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान के बयान पर पश्चिमी यूपी में सियासत गरमा गई है। केंद्रीय मंत्री की वेस्ट यूपी को अलग राज्य बनाने  के बयान ने आग पकड़ ली है तो जाट आरक्षण का मुद्दा फीका पड़ता नजर आ रहा है।

लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय पशुधन राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान द्वारा अलग पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मांग उठाने से जाट आरक्षण का मुद्दा फीका पड़ गया है। इस बात के सियासी गलियारे में कई मायने निकाले जा रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि उनका बयान पार्टी की कोई दूरगामी योजना तो नहीं है। हालांकि बालियान का कहना है कि यह उनकी निजी राय है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश बने। वैसे भी यह प्रदेश की जनता की मांग है।

अंतरराष्ट्रीय जाट संसद बिरादरी का मंच था। डॉ संजीव बालियान ने राजनीतिक लाभ उठाते हुए वेस्ट यूपी को अलग राज्य बनाए जाने की मांग को बुलंद कर मेरठ इसकी राजधानी बनने की बात कही। प्रदेश के बंटवारे का शिगूफा छोड़ कर बालियान ने जाट आरक्षण के मुद्दे को पीछे कर दिया। उनके इस बयान पर राजनीतिक जानकारों का मानना है। हाल में हुए जाट सम्मेलन का मकसद जाटों को अपने पक्ष में करना है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासकर देहात की राजनीति जाटों के इर्द-गिर्द चलती है। पहले इसका सेंटर बागपत था, अब 2013 से इसका केंद्र मुजफ्फरनगर हो गया है। असली मुद्दा लीडर शिप कब्जाने का है। डॉ संजीव बालियान के सामने खुद को बचाने की चुनौती है, जबकि रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के सामने दोनों जगह विरासत को मजबूत कर वापसी करने की है। जाटों के वोटों का अपने पक्ष में करने के लिए तमाम कवायद हो रही है। जयंत चौधरी खेमा जाट आरक्षण के मुद्दे को हवा दे रहा है।

मेरठ में पिछले 24 सितंबर को जाट अधिवेशन हुआ। इसके जवाब में अंतरराष्ट्रीय जाट संसद कराई गई। जिसमें डॉ संजीव बालियान ने अलग प्रदेश के मुद्दे को हवा देकर आरक्षण के मुद्दे को गौण करने का प्रयास किया। राजनीतिक विशेषज्ञों का यह भी मामना है कि सपा पृथक प्रदेश नहीं चाहती। ऐसे में अलग प्रदेश के मुद्दे को उठाया गया है, ताकि जयंत इस पर खुल कर बोलेंगे, तो अ खिलेश यादव असहज हो जाएंगे। पूरा खेल सत्ता पाने के लिए दांव पेंच का है।

न्याय, शिक्षा, चिकित्सा  मिले : बालियान
डॉ. संजीव बालियान ने बताया कि अलग प्रदेश मेरी निजी राय है, वैसे जनता भी कई सालों से यह मांग करती आ रही है। सर्वसमाज इसके लिए आगे आए तो मैं उनके साथ हूं। क्योंकि हमारे यहां एम्स नहीं है, आईआईटी नहीं है। हाईकोर्ट की बेंच नहीं है। न्याय, शिक्षा और चिकित्सा अच्छी मिली, इसके लिए अलग प्रदेश जरुरी है। इससे क्षेत्र का और अधिक विकास होगा।

अखिल भारतीय जाट महासभा के अलीगढ़, आगरा और बिजनौर में होंगे सम्मेलन
अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी ने कहा कि केंद्रीय सेवाओं में जाट आरक्षण की मांग को लेकर अब बिजनौर में सम्मेलन किया जाएगा। उन्होंने फोन पर वार्ता के दौरान बताया कि आने वाली 15 अक्टूबर को बिजनौर, 25 को अलीगढ़ और 27 को आगरा में सम्मेलन होगा। इस दौरान समाज की ओर से आरक्षण की मांग को उठाया जाएगा। लगातार मांग के बावजूद उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है अब बड़े आंदोलन की तैयारी है।

उन्होंने बताया कि बिजनौन समेत सभी तीनों जिलों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत कई राज्यों से लोग शामिल होंगे। इसके बाद 20 नंवबर को दिल्ली के तालकटौरा स्टेडियम में राष्ट्रीय अधिवेशन होगा। 

दिल्ली का कार्यक्रम भी फाइनल हो गया है। यहां हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे। इससे पूर्व मेरठ में एक बड़ी रैली होगी, जिसमें एक लाख से अधिक लोग शामिल होंगे और जाट आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन की तैयारी की जाएगी। 

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