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यूएस: भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा अमेरिकी आयोग, जानें पूरा मामला

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यूएससीआईआरएफ ने कहा की पिछले कुछ सालों में भारत सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाली भेदभावपूर्ण नीतियां बनाई और लागू की हैं। हालांकि, इन सबके बावजूद हिंसा की घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। 

अमेरिका का संघीय आयोग अगले सप्ताह भारत में धर्म या आस्था की स्वतंत्रता पर सुनवाई करेगा। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने यह घोषणा की है। 

बाइडन और मोदी में हुई थी बैठक

गौरतलब है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच इस साल दो सफल द्विपक्षीय बैठक हो चुकी हैं। एक जून में जब पीएम मोदी अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा पर गए थे, दूसरी हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली में हुई थी। यूएससीआईआरएफ ने कहा कि मोदी की वाशिंगटन की राजकीय यात्रा दोनों देशों के बीच घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाती है, लेकिन सांसद यह जानना चाहते हैं कि अमेरिकी सरकार हिंसा की घटनाओं को लेकर भारत सरकार के साथ कैसे काम करती है। संघीय आयोग ने कहा कि इसी मामले को लेकर अगले सप्ताह एक बैठक की जाएगी।

यह लोग देंगे गवाही

अल्पसंख्यक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत फर्नांड डी वेरेन्स को विदेशी कानून विशेषज्ञ तारिक अहमद, ह्यूमन राइट्स वॉच के निदेशक सारा यागर, हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स की कार्यकारी निदेशक सुनीता विश्वनाथ और जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में भारतीय राजनीति के प्रोफेसर इरफान नूरुद्दीन के साथ आयोग के समक्ष गवाही देने के लिए आमंत्रित किया गया है। 

कुछ सालों में बनी नीतियां

यूएससीआईआरएफ ने कहा की पिछले कुछ सालों में भारत सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाली भेदभावपूर्ण नीतियां बनाई और लागू की हैं। इन नीतियों में धर्मांतरण विरोधी कानून, गोहत्या कानून, धर्म के आधार पर नागरिकता प्राथमिकताएं देने वाले कानून और नागरिक समाज संगठनों के लिए विदेशी फंडिंग पर प्रतिबंध आदि शामिल हैं। 

इन घटनाओं का दिया हवाला

यूएससीआईआरएफ ने कहा कि इन सब के बावजूद भारत में हाल ही में कई हिंसा की घटनाएं हुई हैं। इनमें हरियाणा में  हिंदुओं और मुसलमानों के बीच हिंसा भड़कना और मणिपुर में ईसाई और यहूदी अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले आदि शामिल हैं। इन्हीं घटनाओं को हवाला देते हुए संघीय आयोग ने कहा कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को कम करने के लिए नई रणनीतियों की आवश्यकता पर प्रकाश डालने की जरूरत है। 

क्या है यूएससीआईआरएफ?

बता दें, यूएससीआईआरएफ 1998 में गठित एक स्वतंत्र सरकारी आयोग है। यह आयोग विदेशों में धार्मिक आजादी के उल्लंघन की समीक्षा करता है और अमेरिका के राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और कांग्रेस के लिए नीतियों की सिफारिश करता है। 

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