प्रेमानंद महाराज ने ब्रजवासियों के आग्रह को स्वीकार कर लिया था। यही वजह है कि उन्होंने फिर से एक बार उसी रास्ते को चुना जिस पर उनका विरोध हुआ था। विरोध के बाद सोसाइटी के अध्यक्ष ने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात कर, उसी रास्ते से पदयात्रा करने का आग्रह किया था।
संत प्रेमानंद महाराज से मिलने के लिए ब्रजवासी श्री राधे हित केली कुंज आश्रम पहुंचे। ब्रजवासियों ने महाराज से प्रार्थना की और कहा कि महाराज जी संतों की नगरी में आपने एक अलग अलख जगाई है। अब आप अंखियां न फेरो। आपके बिना अब हम रह नहीं सकते। यह बात सुनने के बाद संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि हमें किसी से कोई परेशानी नहीं। आपको अब रोजाना रात 2 बजे पहले की तरह ही मिलेंगे।
संत प्रेमानंद महाराज से मिलने के लिए ब्रजवासी श्री राधे हित केली कुंज आश्रम पहुंचे। ब्रजवासियों ने महाराज से प्रार्थना की और कहा कि महाराज जी संतों की नगरी में आपने एक अलग अलख जगाई है। अब आप अंखियां न फेरो। आपके बिना अब हम रह नहीं सकते। यह बात सुनने के बाद संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि हमें किसी से कोई परेशानी नहीं। आपको अब रोजाना रात 2 बजे पहले की तरह ही मिलेंगे।
वृंदावन में संत प्रेमानंद के विरोध में खड़ी एनआरआई सोसाइटी अब बैकफुट पर आ गई है। सोसाइटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने बताया कि सोसाइटी के सभी सदस्यों ने महाराज जी से मुलाकात कर अपनी भूल स्वीकार की और उनसे माफी मांगी।