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भारत

ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद बर्दाश्त नहीं, भारत का सख्त संदेश; अब आगे क्या?

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पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर तीसरी बार घोषित सैन्य कार्रवाई की। हमले में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों को भारी नुकसान पहुंचा। इसके साथ ही भारत ने वैश्विक मंच पर कूटनीतिक प्रयास तेज किए हैं और दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंकवाद अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

22 अप्रैल को पहलगाम की बायसरन घाटी में आतंकी हमले का जवाब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से दिया है। यह पाकिस्तान के क्षेत्र में आतंक के खिलाफ भारत का तीसरा घोषित हमला है। पाकिस्तान एक देश के तौर पर अपनी संप्रभुता, सुरक्षा को लेकर बौखलाया हुआ है और भारत ने उसकी बौखलाहट पर लगाम लगाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अन्य देशों के अपने समकक्षों को न केवल आत्मरक्षा में किए गए हमले की जानकारी दी है, बल्कि कूटनीतिक प्रयासों को भी तेज कर दिया है।

ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदरूनी इलाके में धमाका किया है। पड़ोसी देश की जमीन से चल रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आका मौलाना मसूद अजहर को कड़ी चोट पहुंचाई है। उसके परिजन और 10 करीबी मारे गए हैं। नुकसान पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा समेत आतंकी संगठनों, उनके प्रशिक्षण ठिकानों, लॉन्चिंग पैड को हुआ है और इसके बहाने भारत ने आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त न करने का संकेत दे दिया है। भारतीय सेना के पूर्व मेजर जनरल सिन्हा कहते हैं कि किसी देश के भीतर जाकर तीसरी बार हमला, यह कोई छोटी बात तो है नहीं।

जय हिन्द, जय हिन्द मेरे देश की सेना…
ऑपरेशन सिंदूर का पहला चरण पूरा होने के बाद भारतीय सैन्य बल और विदेश मंत्रालय ने बहुत संवेदनशील और मर्यादापूर्ण रवैया अपनाया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री और दो महिला सैन्य अधिकारियों लेफ्टिनेंट कर्नल सौफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इसके बारे में नपी-तुली जानकारी दी। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को स्थिति से अवगत कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई और सहयोगियों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने प्रक्रिया को निभाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ताजा हालात से अवगत कराया। कल सरकार ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई है और इसमें सभी विपक्षी दलों को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी जाएगी। सभी दलों के नेताओं ने भारतीय सैन्य बलों के साहस, इसकी क्षमता, सटीक मारक क्षमता की सराहना की है और पूरा देश एकजुट है।

भारतीय सैन्य बलों ने ऑपरेशन सिंदूर में सटीक सूचना के आधार पर केवल आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत ने हनुमान जी के संदेश का पालन किया  (जो मेहि मारे, तेहि मैं मारा अर्थात जिन्होंने मुझे नुकसान पहुंचाया, मैंने बस उन्हें सबक सिखाया)। किसी आम नागरिक, पाकिस्तान के सैन्य ठिकाने समेत अन्य को निशाना नहीं बनाया।

कैसे हैं पाकिस्तान के हालात, क्या करेगा पलटवार?
पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों पर करारी चोट लगी है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा की रीढ़ तोड़ देने का प्रयास हुआ है। पाकिस्तान में खलबली है, क्योंकि उसकी सरजमीं मे घुसकर भारतीय सैन्य बलों ने तीसरा ऑपरेशन किया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और सूचना मंत्री इसे अपने देश के नागरिकों, सुरक्षा और संप्रभुता की दुहाई दे रहे हैं। शहबाज शरीफ समेत पाकिस्तान के कुछ हुक्मरान इसका जवाब देने के संकेत दे रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का कहना है कि उनके देश को उकसावे के बिना किए गए भारतीय हमले का निर्णायक रूप से जवाब देने का पूर्ण अधिकार है। पूरा देश अपनी सेना के साथ एकजुट होकर खड़ा है। हमारा मनोबल और संकल्प अटूट और दुआएं तथा शुभकामनाएं बहादुर सैनिकों, अधिकारियों के साथ हैं। पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने आपातकाल की घोषणा की है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत के हमले को नागरिक क्षेत्र में किया गया हमला बताया है। हालांकि, ख्वाजा तनाव रोकने का भी संकेत कर रहे हैं। पीपीपी के नेता बिलावल भुट्टो ने भी इसे भारत का कायराना हमला करार दिया है। पाकिस्तान ने भी करांची समेत देश के तमाम हवाई अड्डों को बंद कर दिया है। पड़ोसी देश में उच्च स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है और अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों के मुताबिक वहां के लोगों में भारतीय कार्रवाई को लेकर खासा रोष है।

क्या है दुनिया के देशों की प्रतिक्रिया?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद कूटनीति से भरी प्रतिक्रिया दी। उन्होने कहा, रक्षा मंत्री के बयान से संकेत मिल रहे थे कि उन्हें इसका पूर्वानुमान था। उन्होंने इसे शर्मनाक बताया और दोनों देशों में तनाव जल्द खत्म होने की उम्मीद जताई। अमेरिका के एनएसए और विदेश सचिव मार्को रूबियो ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों से बात की। उन्होंने दोनों देशों के एनएसए से संवाद बनाए रखने और तनाव को आगे न बढ़ने देने की अपील की। तुर्की और चीन को भारतीय सैन्य बलों की यह कार्रवाई ठीक नहीं लगी। दोनों देशों की तरफ से प्रतिक्रिया की टोन अच्छी नहीं है। भारत ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए इस मामले में बेहद सतर्क, सावधानी से भरा और कूटनीतिक तरीका अपना रखा है। विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री अपने समकक्षों से संपर्क करके इसे भारत की आत्मरक्षा में की गई सीमित, संतुलित, सटीक और आवश्यक कार्रवाई बता रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस तमाम देशों के समकक्षों को इससे अवगत करा रहे हैं। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी और दर्जन भर से अधिक अस्थाई सदस्यों तथा अन्य को इससे अवगत कराया है।  

कैसे कामयाब है भारत और क्या है आगे की कोशिश
सैन्य बलों, सामरिक रणनीतिकारों और सुरक्षा तथा खुफिया एजेंसियों के बेहतर तालमेल ने बड़ी कुशलता से भारत की कामयाबी तय की है। सेना मुख्यालय के सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक सटीक सूचना के आधार पर बड़ी सटीकता से बहुत कम समय में घातक प्रहार ने सभी लक्ष्यों को हासिल कर लिया है। इसके लिए इस बार भारतीय वायु सेना ने भारतीय वायुक्षेत्र को नहीं लांघा। सूचना है कि वायु सेना के लड़ाकू विमानों से दागी गई मिसाइल और ड्रोन ने इस लक्ष्य को हासिल किया। इस घातक तैयारी के जवाब में पाकिस्तान के पास हाथ मलने के सिवा कोई चारा नहीं था। इधर सैन्य बल विक्ट्री साइन की तरफ बढ़ रहे थे और उधर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दुनिया को जवाब देने के लिए कुशलता से कूटनीतिक लाइन तैयार कर ली थी। भारत का इस बारे में साफ कहना है कि उसका लक्ष्य केवल आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई है। उसके सैन्य बलों की कार्रवाई से न तो पाकिस्तान के आम नागरिक निशाना बने, न ही सैन्य शिविर। न ही भारत की ऐसी कोई मंशा थी। भारत ने यह कार्रवाई अपनी आत्मरक्षा में सटीक सूचना के आधार पर आतंकी संगठनों के ठिकानों पर की है। भारत को अपनी आत्मरक्षा का अधिकार है। इस तरह से भारत ने दुनिया को संदेश दिया है कि पाकिस्तान की जमीन आतंकवाद का संरक्षण स्वीकार्य नहीं है। भारत की कोशिश है कि अंतरराष्ट्रीय मंच इसे अपना समर्थन दें और भारत का इरादा पाकिस्तान से तनाव बढ़ाने, युद्ध की भूमिका में जाने का नहीं है। भारत शांति, सौहार्द का पक्षधर है, लेकिन उकसावे की कार्रवाई हुई तो वह उसका करारा जवाब देने के लिए तैयार है।

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