लखनऊ में पार्षद कोटे के खर्च पर लगाई गई शर्तों को लेकर उठ रहे विवाद को शांत करने के लिए एक बैठक बुलाई गई थी। लेकिन, पार्षदों के आपसी टकराव से विवाद और उलझ गया। मंगलवार को नगर निगम सदन की बैठक में बजट को लेकर निंदा प्रस्ताव भी आ सकता है।
राजधानी लखनऊ में मंगलवार को आयोजित नगर निगम सदन की बैठक से पहले सोमवार को महापौर के सरकारी आवास पर भाजपा पार्षद दल की बैठक हुई। यहां पार्षद रंजीत यादव और मौजूदा पार्षद के पति व पूर्व पार्षद हरीश अवस्थी आपस में भिड़ गए।
सोमवार को पार्षद दल की बैठक बुलाने का उद्देश्य था कि सदन की बैठक में बजट पास करने के दौरान कोई हंगामा न हो। यहां पार्षदों ने कहा कि 24 मार्च को नगर निगम कार्यकारिणी में पार्षद कोटा खर्च को लेकर कोई बंदिश नहीं लगाई गई थी। पार्षदों की स्वेच्छा पर था वह काम के हिसाब से कोटे की धनराशि घटा-बढ़ा कर खर्च कर सकते हैं। आरोप लगाया कि कार्यकारिणी की कार्यवाही रिपोर्ट में इसे बदल दिया गया है। अब कोटे में तय मद के लिए धनराशि खर्च की बाध्यता की गई है, जो गलत है। पार्षदों ने लगाई गई शर्तें हटाने की मांग की।
बाहर निकलो, देखते हैं
मनकामेश्वर वार्ड से भाजपा पार्षद रंजीत यादव महापौर के खास माने जाते हैं। एक साल पहले नगर निगम सदन में रामकी कंपनी को लेकर भाजपा पार्षद रामनरेश रावत के एक बयान पर रंजीत यादव से उनकी भिड़ंत हो गई थी। रामनरेश और महापौर के बीच भी मनमुटाव था, लेकिन इधर कुछ महीनों से वह महापौर के खास हो गए हैं। वहीं पार्षद शैलेंद्र वर्मा, मुकेश सिंह मोंटी जो पहले खास थे, अब महापौर से दूर हो गए हैं। यह बात बैठक में पार्षद शैलेंद्र और पूर्व पार्षद हरीश ने उठाई तो पार्षद रंजीत भड़क गए। बात इतनी बढ़ी कि दोनों ओर बाहर निकलने पर देख लेने की चेतावनी दी गई। बैठक में किसी बात पर कोई सहमति नहीं बन सकी।