रिपोर्ट में कहा गया है कि परिपक्व आईटी केंद्रों की तुलना में टियर-2 शहरों में प्रतिभा की लागत लगभग 25%-30% कम हैं। परिपक्व हब की तुलना में नए शहरों में रियल एस्टेट किराये में भी 50% की बचत होती है। लागत बचत के साथ ये उभरते टियर 2 शहर वैश्विक डिजिटल प्रतिभा केंद्र के रूप में भारत के विकास में योगदान देने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।
नैसकॉम और डेलॉय इंडिया की एक नई रिपोर्ट से पता चलता है कि बुनियादी ढांचे के विकास, कौशल, स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और सरकारी पहलों से प्रेरित, 26 टियर-2 शहर प्रौद्योगिकी केंद्रों की अगली लहर के रूप में उभर रहे हैं। इनमें चंडीगढ़, जयपुर, लखनऊ, भोपाल, रांची, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, विजयवाड़ा, मदुरै, त्रिची, कोयम्बटूर, मैसुरू और कोच्चि जैसे शहर शामिल हैं।
टियर-2 शहरों में प्रतिभा की लागत 25% से 30% तक कम
रिपोर्ट में कहा गया है कि परिपक्व आईटी केंद्रों की तुलना में टियर-2 शहरों में प्रतिभा की लागत लगभग 25%-30% कम हैं। परिपक्व हब की तुलना में नए शहरों में रियल एस्टेट किराये में भी 50% की बचत होती है। लागत बचत के साथ ये उभरते टियर-2 शहर वैश्विक डिजिटल प्रतिभा केंद्र के रूप में भारत के विकास में योगदान देने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।