पुलिस जांच में पर्दाफाश हुआ कि यह गैंग संगठित तरीके से काम करता था। सबसे पहले दो-तीन लोग इलाके में घूमकर घरों की रेकी करते थे। फिर गिरोह के बाकी सदस्य रात के समय सेंध लगाकर नकदी, गहने और कीमती सामान चुरा ले जाते थे। चोरी का माल सराफा कारोबारियों के जरिये खपाया जाता था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में कई जिलों में हुई वारदातों का पर्दाफाश हुआ है।
एंटी थेप्ट सेल व खजनी पुलिस की संयुक्त टीम ने बुधवार को अंतरराज्यीय चोर गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों की पहचान संतकबीरनगर के बखिरा बंजरिया परसा निवासी चांद अली उर्फ तौफिक, इरफान, परवेज, अफरोज, सराफा व्यापारी गौरीशंकर और उसका बेटा आदित्य सोनी, सिकरीगंज के जिगनी निवासी सोनू, हरपुर बुदहट के औराई निवासी भीम के रूप में हुई है।
यह गैंग पिछले एक माह में गोरखपुर समेत आसपास के जिलों में 15 से अधिक घरों में सेंध लगाकर नकदी समेत तीन करोड़ों रुपये का माल उड़ा चुका है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से करीब 5.45 लाख रुपये नकद, एक करोड़ रुपये मूल्य के जेवर और पांच किलो चरस बरामद की है। यह गैंग पहले घरों की रेकी करता और फिर सूनसान इलाकों या बाहर गए परिवारों को निशाना बनाकर वारदात को अंजाम देता था।
एसएसपी राजकरन नय्यर और एसपी साउथ जितेंद्र कुमार ने बुधवार को पुलिस लाइंस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पकड़ा गया गिरोह 22 जुलाई से 30 अगस्त के बीच 15 मकानाें से नकदी समेत तीन करोड़ रुपये कीमत के जेवर उड़ाए थे। मामले की जांच में जुटी पुलिस ने सर्विलांस, सीसीटीवी कैमरे और मोबाइल टाॅवरों के जरिये आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों में चोरी के जेवर खरीदने वाले संतकबीरनगर के सराफा व्यापारी पिता-पुत्र (गौरीशंकर उसका बेटा आदित्य सोनी) भी शामिल हैं। इनके जरिये चोरी का माल आसानी से खपाया जाता था। पूछताछ में आरोपियों ने 21 से अधिक चोरी की वारदात कबूल की है।
सिकरीगंज, खजनी, गोला, गीडा, गगहा, संतकबीरनगर के घनघटा व बिहार में भी चोरी की वारदात कबूल की है। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के निशानदेही पर चोरी के माल व चोरी के प्रयुक्त उपकरण भी बरामद की है। वहीं भागे आरोपियाें की तलाश में दबिश दे रही है।
पशु और मादक पदार्थों की तस्करी का भी करते थे काम
पकड़े गए आरोपी पशु और मादक पदार्थों की भी तस्करी करते थे। इसका पर्दाफाश पुलिस की जांच में हुआ। आरोपी चोरी के माल को आपस में बांटकर बेच देते थे। इसके बाद उस रकम से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करते थे।
पिकअप से घूम-घूम कर करते थे चोरी
पकड़े गए आरोपी पिकअप से घूम-घूम कर चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। चोरी का माल संतकबीरनगर के बखिरा निवासी गुड्डू उर्फ शमशाद व बिहार के गोपालगंज निवासी जुबैर को बेच देते थे। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि चोरी के जेवरों में से कुछ सोनू के परिचित सराफा व्यापारी गौरीशंकर व उसके बेटे आदित्य को बेचा गया था। वहीं कुछ जेवरात जुबैर के जरिये बिहार राज्य में बेचा गया है।
दिन में रेकी, रात में करते थे चोरी
पुलिस जांच में पर्दाफाश हुआ कि यह गैंग संगठित तरीके से काम करता था। सबसे पहले दो-तीन लोग इलाके में घूमकर घरों की रेकी करते थे। फिर गिरोह के बाकी सदस्य रात के समय सेंध लगाकर नकदी, गहने और कीमती सामान चुरा ले जाते थे। चोरी का माल सराफा कारोबारियों के जरिये खपाया जाता था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में कई जिलों में हुई वारदातों का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस मान रही है कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश के अलावा पड़ोसी राज्यों में भी सक्रिय था। चोरी के जेवरों को खपाने के लिए यह लोग सराफा कारोबारियों का नेटवर्क तैयार कर चुके थे।
ये माल हुआ बरामद
5.40 लाख नकद, 900 ग्राम सोने के जेवर, 1235 ग्राम चांदी के जेवर, पांच किलो चरस, एक पिकअप, एक तमंचा व चोरी में प्रयुक्त उपकरण।
गैंग का पर्दाफाश पुलिस टीम की बड़ी सफलता है। खजनी पुलिस और एसपी साउथ की स्वाट टीम को पुरस्कृत किया है। साथ ही भागे आरोपियों को जल्द पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इस कार्रवाई से पुलिस को न सिर्फ चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी बल्कि अंतरराज्यीय गिरोहों के नेटवर्क को भी तोड़ने में बड़ी सफलता मिली है: राजकरन नय्यर, एसएसपी