केंद्र सरकार ने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को कोलंबिया एनर्जी डायलॉग में भाग लेने के लिए न्यायार्क जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ मंत्री ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
केंद्र सरकार ने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को कोलंबिया इंडिया एनर्जी डायलॉग में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क जाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है. इस आदेश के खिलाफ मंत्री ने गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने मामले की सुनवाई शुक्रवार के लिए तय की है. दरअसल, दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने न्यूयॉर्क जाने के लिए विदेश मंत्रालय से इजाजत मांगी थी, लेकिन विदेश मंत्रालय ने 12 सितंबर लिखे पत्र में मंजूरी देने से इनकार कर दिया है.
केंद्र सरकार का कहना है कि कोलंबिया-भारत ऊर्जा वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व किया जा रहा है. ऐसे में दिल्ली सरकार के मंत्री का दौरा जरूरी नहीं है. गोपाल राय ने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र द्वारा “मनमाने और दुर्भावनापूर्ण कारण” बताया.
उनका कहना है कि चूंकि नीति आयोग के उपाध्यक्ष डायलॉग में प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं. इसलिए दिल्ली सरकार का दौरा आवश्यक नहीं है, क्योंकि भारत पहले से ही प्रतिनिधित्व कर रहा है.
विदेश जाने की अनुमति नहीं मिलने पर भड़के केजरीवाल के मंत्री
उन्होंने कहा कि जबकि निमंत्रण विभिन्न हितधारकों का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न व्यक्तियों के लिए विशिष्ट है और इसका इरादा केवल देश के औपचारिक प्रतिनिधित्व के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधियों को सीमित करने का नहीं है. इसलिए यहां बताए गए कारण कुछ और नहीं बल्कि सत्ता का दुरपयोग और कानून के मुताबिक बुरा है.
गोपाल राय ने 18 सितंबर को होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 15 से 21 सितंबर, 2023 तक अमेरिकी शहर की यात्रा करने की अनुमति मांगी है. याचिका में कहा गया है कि कार्यक्रम के मुताबिक तेलंगाना सरकार के नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास के विशेष मुख्य सचिव भी इस कार्यक्रम में बोलने वाले हैं. ऐसे में उनको इजाज़त नहीं देना. यह निमंत्रण विभिन्न हितधारकों का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न व्यक्तियों के लिए विशिष्ट है.
उन्होंने कहा कि और इसका इरादा सिर्फ देश के औपचारिक प्रतिनिधित्व के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधियों को सीमित करने का नहीं है. संवाद वैश्विक ऊर्जा नीति पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और कार्यक्रम को ऊर्जा और जलवायु मुद्दों पर काम कर रहे हैं. भारतीय थिंक टैंक और शिक्षाविदों के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान के माध्यम से भारत के ऊर्जा संक्रमण का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसके लिए विभिन्न हितधारकों से उपयुक्त और उचित प्रतिनिधित्व की जरूरत है.
केंद्र के खिलाफ कोर्ट में मंत्री ने दायर की याचिका
याचिका में कहा गया है कि एक प्रमुख शहरी शहर के रूप में, दिल्ली स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन और राष्ट्रीय नीतियों का जनता की रोजमर्रा की गतिविधियों पर प्रभाव डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इस तरह भारतीय समाज के विभिन्न सदस्यों की हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करने के लिए इसे केवल नौकरशाहों तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता है. दिल्ली के LG द्वारा प्रशासनिक मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है.
याचिका में आगे कहा गया कि विदेश मंत्रालय का आदेश बिना दिमाग लगाए पारित किया गया था और केंद्र ने पहले ही विभिन्न राज्यों के अधिकारियों को बातचीत में शामिल होने की अनुमति दे दी थी और इसलिए आदेश में दिए गए कारण विदेश मंत्रालय की कार्रवाई से “पूरी तरह से विरोधाभासी” थे।
याचिका में आगे कहा गया है कि उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति देने से इनकार करने वाला विवादित आदेश केंद्र सरकार द्वारा जल्दबाजी में पारित किया गया है, क्योंकि प्रतिवादी द्वारा लिया गया फैसला गलत और विकृत प्रकृति का है. इसमें विवेक का इस्तेमाल नहीं किया गया है, क्योंकि याचिकाकर्ता को कार्यक्रम में बोलने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है.
याचिका में कहा गया है कि गोपाल राय को 13 अगस्त को सम्मेलन में हिस्सा लेने और अपनी बात रखने के लिए निमंत्रण मिला था, जिसमें भारतीय थिंक टैंक सहित सभी हितधारक ऊर्जा खपत के मुद्दों को संबोधित करेंगे.