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EV: हाईवे पर गाड़ियों की चार्जिंग की नो टेंशन, 15 मिनट में बैटरी फुल चार्ज; सरकार लगाने जा रही ऐसे प्वाइंट

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केंद्र सरकार ने सड़कों के अलावा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बंदरगाह पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाने की स्कीम तैयार की है। इसमें बैटरी स्वैपिंग सुविधाएं भी शामिल होंगी।

भारत में तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। कई कंपनियों ने अपने नए इलेक्ट्रिक मॉडल्स को लॉन्च किया है। इसी देखते हुए केंद्र सरकार राजमार्गों, एक्सप्रेसवे और बस स्टेशनों पर उच्च क्षमता वाले चार्जर लगाने जा रही है। इन 360 किलोवाट क्षमता वाले चार्जरों से हैवी ड्यूटी इलेक्ट्रिक वाहनों और प्रीमियम कारों जैसे जैगुआर और मर्सिडीज की बैटरी महज 15 मिनट में चार्ज हो जाएगी। आमतौर पर 60 किलोवाट का डीसी चार्जर एक इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने में 1 घंटा लगता है।


सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है, आने वाले दिनों में चार्जिंग स्टेशनों पर वाहन महज 15 मिनट में चार्ज हो सकेंगे। इसके लिए सरकार चार्जर की क्षमता बढ़ाने पर भी प्रयास कर रही है। इससे चार्जिंग अवधि न केलव कम होगी बल्कि लंबी दूरी के सफर के दौरान चार्जिंग सुविधा भी मिल सकेगी। इससे लोगों को सफर के दौरान परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। दरअसल, सरकार ने 2030 तक कम से कम एक लाख चार्जिंग स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखा है। इस समय शहरी इलाकों में 60 किलोवाट के चार्जर लगाए जा रहे हैं। एक्सप्रेस वे और हाइवे पर 240 किलोवाट क्षमता के चार्जर स्थापित होंगे। सभी जरूरी मंजूरी मिलने शेष स्टेशनों पर 360 किलोवाट के चार्जर लगेंगे। जिससे वाहन कम समय में चार्ज हो सकेंगे।

दरअसल, केंद्र सरकार ने सड़कों के अलावा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बंदरगाह पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाने की स्कीम तैयार की है। इसमें बैटरी स्वैपिंग सुविधाएं भी शामिल होंगी। केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण, बंदरगाह, जहाजरानी और जल मार्ग मंत्रालय समेत विभिन्न राज्य सरकारों के साथ बातचीत शुरू कर दिया है। इन सभी के साथ तालमेल के साथ ही ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। बशर्ते इन सभी को बिजली मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। बैटरियों की संख्या या आकार पर कोई पाबंदी नहीं होगी, लेकिन बिजली मंत्रालय के सुरक्षा मानकों का पालन जरूरी होगा।  

केंद्र सरकार ने 10,900 करोड़ रुपये की पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत देशभर में ईवी चार्जिंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग सुविधाएं स्थापित करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस पहल का लक्ष्य भारत के बढ़ते ईवी बाजार के लिए चार्जिंग कनेक्टिविटी को बेहतर करना और इंटरनल कम्बशन इंजन वाहनों पर निर्भरता कम करना है। भारत का लक्ष्य वित्त वर्ष 2026 तक सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या को 32,500 से बढ़ाकर 72,300 करना है। पीएम ई-ड्राइव के तहत, केंद्र सरकार सार्वजनिक स्थानों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। केंद्र सरकार पूर्वोत्तर, तटीय और पहाड़ी क्षेत्रों में 100 प्रतिशत तक की छूट दे रही है।

EV: हाईवे पर गाड़ियों की चार्जिंग की नो टेंशन, 15 मिनट में बैटरी फुल चार्ज; सरकार लगाने जा रही ऐसे प्वाइंट

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Thu, 15 May 2025 02:24 PM IST

सार

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केंद्र सरकार ने सड़कों के अलावा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बंदरगाह पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाने की स्कीम तैयार की है। इसमें बैटरी स्वैपिंग सुविधाएं भी शामिल होंगी।

सांकेतिक तस्वीर – फोटो : iStock

विस्तार

भारत में तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। कई कंपनियों ने अपने नए इलेक्ट्रिक मॉडल्स को लॉन्च किया है। इसी देखते हुए केंद्र सरकार राजमार्गों, एक्सप्रेसवे और बस स्टेशनों पर उच्च क्षमता वाले चार्जर लगाने जा रही है। इन 360 किलोवाट क्षमता वाले चार्जरों से हैवी ड्यूटी इलेक्ट्रिक वाहनों और प्रीमियम कारों जैसे जैगुआर और मर्सिडीज की बैटरी महज 15 मिनट में चार्ज हो जाएगी। आमतौर पर 60 किलोवाट का डीसी चार्जर एक इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने में 1 घंटा लगता है।

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सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है, आने वाले दिनों में चार्जिंग स्टेशनों पर वाहन महज 15 मिनट में चार्ज हो सकेंगे। इसके लिए सरकार चार्जर की क्षमता बढ़ाने पर भी प्रयास कर रही है। इससे चार्जिंग अवधि न केलव कम होगी बल्कि लंबी दूरी के सफर के दौरान चार्जिंग सुविधा भी मिल सकेगी। इससे लोगों को सफर के दौरान परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। दरअसल, सरकार ने 2030 तक कम से कम एक लाख चार्जिंग स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखा है। इस समय शहरी इलाकों में 60 किलोवाट के चार्जर लगाए जा रहे हैं। एक्सप्रेस वे और हाइवे पर 240 किलोवाट क्षमता के चार्जर स्थापित होंगे। सभी जरूरी मंजूरी मिलने शेष स्टेशनों पर 360 किलोवाट के चार्जर लगेंगे। जिससे वाहन कम समय में चार्ज हो सकेंगे।

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दरअसल, केंद्र सरकार ने सड़कों के अलावा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बंदरगाह पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाने की स्कीम तैयार की है। इसमें बैटरी स्वैपिंग सुविधाएं भी शामिल होंगी। केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण, बंदरगाह, जहाजरानी और जल मार्ग मंत्रालय समेत विभिन्न राज्य सरकारों के साथ बातचीत शुरू कर दिया है। इन सभी के साथ तालमेल के साथ ही ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। बशर्ते इन सभी को बिजली मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। बैटरियों की संख्या या आकार पर कोई पाबंदी नहीं होगी, लेकिन बिजली मंत्रालय के सुरक्षा मानकों का पालन जरूरी होगा।  

केंद्र सरकार ने 10,900 करोड़ रुपये की पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत देशभर में ईवी चार्जिंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग सुविधाएं स्थापित करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस पहल का लक्ष्य भारत के बढ़ते ईवी बाजार के लिए चार्जिंग कनेक्टिविटी को बेहतर करना और इंटरनल कम्बशन इंजन वाहनों पर निर्भरता कम करना है। भारत का लक्ष्य वित्त वर्ष 2026 तक सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या को 32,500 से बढ़ाकर 72,300 करना है। पीएम ई-ड्राइव के तहत, केंद्र सरकार सार्वजनिक स्थानों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। केंद्र सरकार पूर्वोत्तर, तटीय और पहाड़ी क्षेत्रों में 100 प्रतिशत तक की छूट दे रही है।

अभी देश में सबसे ज्यादा ईवी चार्जिंग स्टेशन 5879 कर्नाटक में हैं। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र 3842 स्टेशन हैं। उत्तर प्रदेश में 2113, दिल्ली में 1951 और तमिलनाडु में 1495 ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं। केरल में 1288 तो वहीं राजस्थान में 1285 स्टेशन हैं। गुजरात में 1008 स्टेशन हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी के अनुसार, सरकार के विद्युत मंत्रालय ने देश में जनता के लिए स्थापित किए गए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशनों का एक राष्ट्रीय ऑनलाइन डेटाबेस विकसित करने के मकसद से ‘ईवी यात्रा’ पोर्टल शुरू किया है। इसके जरिए ईवी का इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति निकटतम चार्जिंग स्टेशनों को ट्रैक कर सकता है।

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