Tech

Digital Arrest: CBI की बड़ी कार्रवाई, डिजिटल अरेस्ट गैंग का फंडाफोड़, शिकंजे में चार

Published

on

अधिकारियों के मुताबिक इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन चक्र-V’ नाम दिया गया है। इस केस में CBI ने राजस्थान सरकार की सिफारिश पर मामला दर्ज किया था। इसके तहत उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और मुंबई से दो-दो आरोपियों को पकड़ा गया है।

आज देश का सबसे बड़ा स्कैम हो गया है। हर दिन हजारों लोग इसके शिकार हो रहे हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि डिजिटल अरेस्ट वाले ठग इतने प्रोफेशनल हैं कि इनके सबसे ज्यादा शिकार पढ़े-लिखे लोग ही हो रहे हैं। अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम चलाने वाले गिरोह पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 12 ठिकानों पर छापेमारी के बाद चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों के मुताबिक इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन चक्र-V’ नाम दिया गया है। इस केस में CBI ने राजस्थान सरकार की सिफारिश पर मामला दर्ज किया था। इसके तहत उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और मुंबई से दो-दो आरोपियों को पकड़ा गया है।

क्या है डिजिटल अरेस्ट स्कैम?

इस स्कैम में साइबर अपराधी खुद को पुलिस, प्रवर्तन निदेशालय (ED) या किसी अन्य सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं। वे वीडियो कॉल या मैसेज के जरिए पीड़ित को “डिजिटली गिरफ्तार” कर लेते हैं और मानसिक दबाव डालकर घंटों या दिनों तक ऑनलाइन निगरानी में रखते हैं। इस दौरान वे उनसे पैसे भी मांगते हैं।

डिजिटल गिरफ्तारी के दौरान फर्जी गिरफ्तारी वारंटी भी दिखाया जाता है और किसी से मिलने और बात करने की इजाजत नहीं होती। जिस स्कैम के मामले में यह कार्रवाई हुई है उसमें आरोप है कि आरोपियों ने एक पीड़ित से 42 किस्तों में कुल 7.67 करोड़ रुपये वसूले। पीड़ित को तीन महीने से ज्यादा समय तक साइबर अपराधियों ने डिजिटल तौर पर ‘कैद’ में रखा था।

CBI का बयान

CBI के प्रवक्ता ने बताया “एजेंसी ने डिजिटल अरेस्ट मामलों की तह तक जाने के लिए मल्टी-लेयर इन्वेस्टिगेशन अपनाया है। हमारा मकसद इस तरह के अपराधों के पीछे के नेटवर्क और इन्फ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह खत्म करना है।” CBI ने राजस्थान के इस केस में गहन डाटा एनालिसिस और प्रोफाइलिंग कर हाई-टेक इन्वेस्टिगेशन के जरिए अपराधियों की पहचान की। इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और संभल के अलावा पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर, मुंबई और जयपुर में छापेमारी हुई। 

इन ठिकानों पर छापेमारी के दौरान CBI ने बैंक खाते, डेबिट कार्ड, चेक बुक, जमा पर्चियां और डिजिटल डिवाइस जैसी अहम चीजें बरामद की हैं। 5 दिन की पुलिस हिरासत में आरोपी गिरफ्तार चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। CBI का कहना है कि इस सिंडिकेट की जड़ तक पहुंचने के लिए जांच आगे जारी रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version