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दिल्ली में ऑड-ईवन लागू करने का फैसला, आम जनता को जहरीली हवा और ट्रैफिक से मिलेगी निजात

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दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा में लोगों का दम घुट रहा है. यहां लोग बगैर स्मोकिंग किए ही एक दिन में 25-30 सिगरेट के बराबर धुंआ अपने अंदर ले ले रहे हैं. इस समय दिल्ली पॉल्यूशन के लिहाज से सबसे खराब जगह में टॉप पर है.   

पॉल्यूशन और ट्रैफिक जाम से पब्लिक को राहत दिलाने के लिए दिल्ली सरकार लगातार प्रयास कर रही है. आज हम आपको बताएंगे हैं कि दुनियाभर में ट्रैफिक की समस्या से निजात पाने के लिए कैसे-कैसे नियम अपनाए जाते हैं.

अब यहां एक बार फिर ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया जाएगा. दिल्ली में ऑड-ईवन फॉर्मूला 13 से 20 नवंबर के बीच लागू किए जाने का फैसला लिया गया है. शुरुआत में जब दिल्लीवासियों ने इस फॉर्मूले के बारे में सुना था, तो लोगों के बीच हलचल मच गई थी. पूरी दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां अजीबोगरीब ट्रैफिक रूल्स हैं. 

दिल्ली की हवा में बहुत ही तेजी से जहर घुलता जा रहा है. बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार कई कदम उठा रही है, जिनमें सबसे ऑड-इवन रूल भी शामिल है.

ट्रैफिक जाम को कंट्रोल करने के लिए दुनिया भर की सड़कों पर रेड, ग्रीन और येलो लाइट लगाई जाती है. लाल बत्ती का मतलब होता है कि अभी ट्रैफिक सिग्नल क्लियर नहीं है. ग्रीन सिग्नल के मुताबिक, गाड़ी आगे ले जा सकते हैं. वहीं, येलो सिग्नल का मतलब है कि आप चारों ओर देखकर आराम से रोड क्रास कर सकते हैं. 

वहीं, दुनिया में भूटान एक ऐसा देश है, जहां ट्रैफिक जाम की समस्या न के बराबर होती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि वहां ट्रैफिक लाइट्स ही नहीं है. दरअसल, भूटान पहाड़ से घिरा है. इसके अलावा रोड पर अचानक से जानवर आ जाते हैं. ऐसे में वहां लोग स्लो स्पीड में ड्राइव करते हैं. 

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