ChatGPT जैसे AI टूल्स की बढ़ती लोकप्रियता ने गूगल की सर्च मार्केट में पकड़ ढीली कर दी है। 10 साल में पहली बार इसका शेयर 90% से नीचे आ गया है।
गूगल की बादशाहत को पहली बार गंभीर चुनौती मिली है। थर्ड ब्रिज के एनालिस्ट स्कॉट केसलर के अनुसार, गूगल का ग्लोबल सर्च मार्केट शेयर 10 साल में पहली बार 90% से नीचे गिर गया है। इसकी बड़ी वजह OpenAI का ChatGPT है, जिसे अब लोग तेजी से गूगल की जगह इस्तेमाल करने लगे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ChatGPT अब गूगल की डेली सर्च वॉल्यूम का 15–20% संभाल रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि ChatGPT, माइक्रोसॉफ्ट के Bing से भी बड़ा खतरा बनकर उभरा है।
लोगों को ChatGPT ज्यादा पसंद क्यों आ रहा है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ChatGPT की सटीक और बिना विज्ञापन वाली जानकारी लोगों को प्रभावित कर रही है। लोग चैटजीपीटी से अपने ऑफिस के काम में मदद लेने से लेकर छुट्टियों की प्लानिंग में भी चैटजीपीटी की मदद ले रहे हैं। इसके अलावा यह टूल कोडिंग करने, कंटेंट तैयार करने, तस्वीर और ग्राफिक बनाने तक कई तरह के काम में माहिर है।
गूगल भी लाया AI मोड
गूगल ने इस चुनौती का जवाब ‘AI मोड’ लॉन्च करके दिया है, जो अब सर्च इंजन में चैटबॉट की तरह काम करता है और सर्च की डिटेल में जानकारी देता है। गूगल के मुताबिक, AI मोड का उपयोग अब 100 मिलियन यूजर्स कर रहे हैं।
भविष्य को लेकर संशय बरकरार
इस साल की शुरुआत में गूगल के शेयर 25% तक गिर चुके हैं क्योंकि Search से होने वाली आमदनी खतरे में है। कंपनी की आधी से ज्यादा कमाई और 75% मुनाफा इसी से आता है। AI टूल्स की वजह से सिंपल सर्च अब गूगल के बजाय ChatGPT जैसे विकल्पों पर शिफ्ट हो रही हैं।
गूगल पहले से ही दो एंटीट्रस्ट ट्रायल्स का सामना कर रही है, जिनमें उसे सर्च मोनॉपॉली माना गया है। अमेरिकी सरकार यहां तक कह चुकी है कि गूगल को तोड़ने की जरूरत हो सकती है।