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Chandrayaan-3: चांद के सफर पर रवाना हुआ चंद्रयान-3, 40 दिन बाद साउथ पोल पर होगी लैंडिंग

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चंद्रयान-3 ने चांद की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है. इसका प्रोपल्शन मॉड्यूल चांद के ऑर्बिट में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन की स्टडी करेगा.

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CHANDRAYAN – 3

नई दिल्ली: 

देश के तीसरे ‘मिशन मून’ चंद्रयान-3  (Chandrayaan-3 Mission)को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने शुक्रवार को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. चंद्रयान-3 को शुक्रवार (14 जुलाई) को दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया.  वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का है. चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट के तीन लैंडर/रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं. करीब 40 दिन बाद यानी 23 या 24 अगस्त को चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे. ये दोनों 14 दिन तक चांद पर एक्सपेरिमेंट करेंगे.

CHANDRAYAN – 3

इसरो चीफ एस सोमनाथ ने लॉन्चिंग के बाद कहा कि चंद्रयान-3 ने चांद की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है. इसका प्रोपल्शन मॉड्यूल चांद के ऑर्बिट में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन की स्टडी करेगा. मिशन के जरिए ISRO पता लगाएगा कि चांद की सतह कितनी सिस्मिक है. इसके साथ ही चांद की मिट्टी और धूल की भी स्टडी की जाएगी.

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग सफल रहती है, तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चंद्रमा पर अपने स्पेसक्राफ्ट उतार चुके हैं.

615 करोड़ रुपये है चंद्रयान-3 का बजट
चंद्रयान-3 का बजट लगभग 615 करोड़ रुपये है. इससे 4 साल पहले भेजे गए चंद्रयान-2 की लागत 603 करोड़ रुपये थी. हालांकि, इसकी लॉन्चिंग पर भी 375 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.

चंद्रमा की सतह के बारे में मिलेगी जानकारी
चंद्रयान-3 मिशन के साथ कई प्रकार के वैज्ञानिक उपकरणों को भेजा जाएगा, जिससे लैंडिंग साइट के आसपास की जगह में चंद्रमा की चट्टानी सतह की परत, चंद्रमा के भूकंप और चंद्र सतह प्लाज्मा और मौलिक संरचना की थर्मल-फिजिकल प्रॉपर्टीज की जानकारी मिलने में मदद हो सकेगी.

पीएम मोदी ने किया ट्वीट
फ्रांस यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग पर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा- ‘चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा है. ये हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं की ऊंची उड़ान है. ये महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं!’

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