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केंद्रीय संग्रहालय जयपुर के बारे में जानकारी- Central museum jaipur

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अल्बर्ट हॉल के नाम से मशहूर यह संग्रहालय, जयपुर के राम निवास बाग के बीचों बीच स्थित है। इस संग्रहालय की इमारत भारत-अरबी और ब्रिटिश वास्तुकला के संगम का अद्भुत नमूना है। इस संग्रहालय की वास्तुकला लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय की तरह ही बनाई गई है। सेंट्रल म्यूजियम अर्थात केंद्रीय संग्रहालय में प्राचीन समय की कलाकृतियां जैसे कि पेंटिंग, कालीन, हाथी दांत, प्राचीन पत्थर, मेटल की मूर्तियां, रंगीन क्रिस्टल पत्थर से बनी वस्तुएं रखी गई हैं। इस संग्रहालय की स्थापत्य कला, पत्थर के गहनों आदि ने मगुल से लेकर राजपुताना शैली तक अपनी छाप छोड़ी है। इस संग्रहालय के हर स्तंभ पर अलग-अलग प्रकार की नक्काशी का काम हुआ है।

संग्रहालय के गलियारों को रामायण, भारतीय व विदेशी कला के नमूनों से सजाया गया है। मुग़ल शासक अकबर की किताब “रज्मनामा” में से कुछ छवियों के चित्र भी यहां प्रदर्शित किए गए हैं। संग्रहालय के दूसरे गलियारों में यूरोपिय, मिस्र, चीनी, ग्रीक सभ्यताओं से जुड़ी वस्तुएं संग्रहित कर रखी गई हैं।

केंद्रीय संग्रहालय का इतिहास – History of Central Museum in Hindi

अल्बर्ट हॉल संग्रहालय का नाम राजस्थान राज्य के पुराने संग्रहालयों की सूची में शुमार है। इसका निर्माण कार्य महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय द्वारा 1887 ईं में पूरा करवाया गया था। इस संग्रहालय की रूप रेखा कर्नल सर स्विंटन जेकब ने रची थी। कर्नल ने इस संग्रालय का डिजाईन वेल्स के राजकुमार, किंग एडवर्ड की भारत यात्रा के दौरान उनके लिए तोहफे के तौर पर तैयार किया था।

केंद्रीय संग्रहालय मे क्या देखे –

अल्बर्ट हॉल की इमारत का निर्माण टाऊन हॉल के रूप में किया गया था परन्तु महाराजा राम सिंह के उत्तराधिकारी माधो सिंह ने इस इमारत को संग्रहालय बनाने का फैसला किया। जयपुर के इतिहास को सहेजने के लिए बनाए गए इस संग्रहालय को लोग कभी अजायबघर के नाम से भी पुकारा करते थे।

केंद्रीय संग्रहालय सलाह –

  • यह संग्रहालय पर्यटकों के लिए सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है तथा शुक्रवार को बंद रहता है।
  • संग्रहालय में भारतीयों के लिए प्रवेश शुल्क 20 रूपये व विदेशी पर्यटकों के लिए 150 रूपये है।

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