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भारत

Boycott Turkey: JNU ने स्थगित किया तुर्किये के विश्वविद्यालय के साथ समझौता, कहा – ‘हम राष्ट्र के साथ खड़े हैं’

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JNU: भारत के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने तुर्किये विश्वविद्यालय के साथ समझौता स्थगित कर दिया है। गौरतलब है कि तुर्किये ने भारत पर हमला करने के लिए पाकिस्तान को रक्षा उपकरण मुहैया कराए थे।

JNU: पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद, तुर्किये ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए उसे रक्षा उपकरण मुहैया कराए थे। ऐसे में देशभर में तुर्किये बहिष्कार किया जा रहा है। इसी कड़ी में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने भी एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। दरअसल, केंद्रीय विश्वविद्यालय ने तुर्किये के एक विश्वविद्यालय के साथ तीन साल की अवधि के लिए किए  गए समझौता ज्ञापन को स्थगित कर दिया है।

जेएनयू की ओर से ऐसा करने की पीछे की वजह सुरक्षा कारणों को बताया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान में लिखा है, “राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से जेएनयू और इनोनू विश्वविद्यालय, तुर्किये के बीच समझौता ज्ञापन को अगली सूचना तक निलंबित कर दिया गया है।”

तुर्किये के मालट्या में स्थित इनोनू विश्वविद्यालय ने क्रॉस-कल्चरल रिसर्च और छात्र सहयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत जेएनयू के साथ अकादमिक साझेदारी की थी।

जेएनयू ने तुर्किये के साथ निलंबित किया समझौता
तुर्किये के साथ शैक्षणिक सहयोग समझौता (एमओयू) निलंबित करने का निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर लिया गया है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. शांतिश्री धुलिपुडी पंडित ने बताया कि जेएनयू देश और सशस्त्र बलों के साथ खड़ा है। यह एमओयू जेएनयू द्वारा अन्य देशों के साथ किए गए शैक्षणिक समझौतों जैसा ही था, जिसमें शोध और अध्ययन के क्षेत्र में आपसी सहयोग का प्रावधान था। इसमें विश्वविद्यालय के दो स्कूल शामिल थे – भाषा, साहित्य और संस्कृति अध्ययन स्कूल (एसएलएलएंड सीएस) और अंतरराष्ट्रीय अध्ययन स्कूल (एसआईएस), जिसमें तुर्किये के वैश्विक मामलों में अध्ययन होता है। जेएनयू प्रशासन ने स्पष्ट किया कि वर्तमान स्थिति में देशहित सर्वोपरि है और विश्वविद्यालय किसी भी ऐसे समझौते को समर्थन नहीं देगा, जो राष्ट्रीय भावना के विपरीत हो।

तीन साल के लिए किया गया था समझौता

एमओयू पर 3 फरवरी को तीन साल की अवधि के लिए हस्ताक्षर किए गए थे। जेएनयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन को निलंबित कर दिया है। समझौते के तहत संकाय विनिमय और छात्र विनिमय कार्यक्रमों के अलावा कई योजनाएं और अन्य बातें थीं।” 

भारत-पाक संघर्ष में पाकिस्तान को मुहैया कराए थे रक्षा उपरकरण

समझौता ज्ञापन रद्द करने का निर्णय भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में लिया गया है। दोनों पड़ोसी देशों ने चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए 10 मई को एक समझौता किया था। भारत के तुर्किये के साथ व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण होने की आशंका है, क्योंकि अंकारा ने इस्लामाबाद का समर्थन किया है और पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर भारत के हालिया हमलों की निंदा की है।

देशभर में उठ रही बहिष्कार की मांग

पाकिस्तान को उनके समर्थन के बाद, पूरे देश में तुर्किये के सामान और पर्यटन का बहिष्कार करने की मांग उठ रही है, साथ ही ईजमाईट्रिप और इक्सिगो जैसे ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म ने इन देशों की यात्रा के खिलाफ सलाह जारी की है।

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