बैंक ऑफ बड़ौदा के मुताबिक, कुल घोषणाओं में से 69 फीसदी यानी 25.2 लाख करोड़ की परियोजनाएं निजी क्षेत्र की और 31 फीसदी यानी 11.1 लाख करोड़ रुपये की सरकारी क्षेत्र की हैं। सरकारी क्षेत्रों में केंद्र, राज्य और स्थानीय निकाय शामिल हैं। निजी क्षेत्र में 62 फीसदी (22.6 लाख करोड़) निवेश घरेलू कंपनियों के हैं। बाकी 2.6 लाख करोड़ रुपये विदेशी कंपनियों के हैं।
देशभर में वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 38.3 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा हुई है। यह मूल्य के लिहाज से 2015-16 के बाद एक दशक में दूसरी बार रिकॉर्ड परियोजनाओं की घोषणा है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुताबिक, कुल घोषणाओं में से 69 फीसदी यानी 25.2 लाख करोड़ की परियोजनाएं निजी क्षेत्र की और 31 फीसदी यानी 11.1 लाख करोड़ रुपये की सरकारी क्षेत्र की हैं। सरकारी क्षेत्रों में केंद्र, राज्य और स्थानीय निकाय शामिल हैं। निजी क्षेत्र में 62 फीसदी (22.6 लाख करोड़) निवेश घरेलू कंपनियों के हैं। बाकी 2.6 लाख करोड़ रुपये विदेशी कंपनियों के हैं। निजी कंपनियों ने जिन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा परियोजनाओं की घोषणा की हैं, उनमें अक्षय ऊर्जा शीर्ष पर है। केंद्र का जोर सड़क, रिफाइनरी और शिपिंग परियोजनाओं पर है। वहीं, राज्य सड़क, शिक्षा, परिवहन और रेलवे पर ध्यान दे रहे हैं।
पहली तीन तिमाहियों में सिर्फ 19.4 लाख करोड़ का निवेश
बीते वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा परियोजनाओं की घोषणा इस साल जनवरी-मार्च में की गई, जो 18.9 लाख करोड़ की थीं। पहली तीन तिमाहियों में सिर्फ 19.4 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं घोषित हुई थीं। सरकारी निवेश में केंद्र का हिस्सा 7.4 लाख करोड़ रहा। राज्य और स्थानीय निकायों का 3.7 लाख करोड़ रुपये रहा।
- कुल 38.3 लाख करोड़ की परियोजनाओं में ओडिशा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 37 फीसदी है। कर्नाटक, बिहार, राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ का योगदान 33 फीसदी है।
सरकार के कुल निवेश में से 91 फीसदी हिस्सा पांच क्षेत्रों में हुआ
सरकार के कुल निवेश में से 91 फीसदी हिस्सा पांच क्षेत्रों में हुआ है। इनमें रिन्यूएबल इलेक्ट्रिसिटी, सड़क परिवहन, रिफाइनरी, परंपरागत इलेक्ट्रिसिटी व शिपिंग हैं। इलेक्ट्रिसिटी और शिपिंग में 6.8 लाख करोड़ की परियोजनाएं शामिल हैं। अन्य क्षेत्रों में केमिकल, स्टील, रेलवे, खनिज, हाउसिंग व स्वास्थ्य सहित अन्य हैं।
- राज्य सरकारों का 67 फीसदी निवेश सड़क परिवहन क्षेत्र में है। रिन्यूएबल इलेक्ट्रिसिटी का हिस्सा 6.7 फीसदी, रेलवे का 4.2 फीसदी व शिक्षा का हिस्सा 2.6 फीसदी है।
- घरेलू निजी कंपनियों का ज्यादा जोर यानी 29.6 फीसदी निवेश रिन्यूएबल इलेक्ट्रिसिटी में है। केमिकल में 15.8 फीसदी, स्टील-पाइप में 11 फीसदी और अन्य इलेक्ट्रिॉनिक्स क्षेत्र में 7 फीसदी निवेश है।