भारत के अशांत क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की दोबारा बहाली के लिए केंद्र सरकार की ओर से AFSPA कानून को लागू किया जाता है। इस कानून के तहत सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में तलाशी लेने, गिरफ्तार करने समेत कई अन्य अधिकार दिए जाते हैं।
पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में कानून और शांति की स्थिति अब भी पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाई है। एक ओर मणिपुर में हिंसा का दौर लगातार जारी है। तो वहीं, अब गृह मंत्रालय ने मंगलवार को नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कई जिलों को अशांत क्षेत्र घोषित करते हुए सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) को जारी रखते हुए 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है।
गृह मंत्रालय का नोटिस
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा है कि अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों तथा असम राज्य की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस थाना क्षेत्रों को अशांत क्षेत्र के रूप में घोषित किया था। अरुणाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति की फिर से समीक्षा की गई है। इसलिए अब अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों तथा असम की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस थाना क्षेत्रों को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की एक अक्टूबर 2023 से अगले छह महीने के लिए, या आदेश जब तक वापस नहीं लिया जाता, तब तक ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है।
क्या है AFSPA?
सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) देश के अशांत क्षेत्रों में लागू किया जाने वाला कानून है। इसके तहत सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जरूरी लगने पर तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने की व्यापक शक्तियां प्रदान की जाती हैं। अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के कई जिलों में वर्षों से AFSPA कानून लागू है। समय-समय पर सरकार इसकी अवधि बढ़ाती रहती है।