अपने चार दिवसीय दौरे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर क्लब में आयोजित जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के आयोजन में शिरकत की। जहां उन्होंने प्रेस क्लब की नई कार्यकारी को शपथ दिलाई।
अपने चार दिवसीय दौरे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर क्लब में आयोजित जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के आयोजन में शिरकत की। जहां उन्होंने प्रेस क्लब की नई कार्यकारी को शपथ दिलाई।
प्रमोद पाल, गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने चार दिवसीय दौरे पर गोरखपुर में हैं। जहां रविवार को गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब की नई कार्यकारी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए और प्रबुद्धजनों को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ है। जो अन्य तीनों स्तंभों को जोड़ता है और उन्हें सकारात्मक पहलू के बीच लाने में माध्यम बनता है। ताकि हम अपने कर्तव्य के प्रति सजग रह सके।
सीएम योगी ने कहा कुछ लोग तो ऐसे भी हैं (पश्चिम बंगाल और ममता बनर्जी की तरफ इशारा करते हुए) जिनके यहां आए दिन हिंसा हो रही है। और उनसे संभाला नहीं जा रहा। जबकि 25 करोड़ जनसंख्या वाला उत्तर प्रदेश में तो जुम्मे की नमाज और होली एक ही दिन मनाई गई और कुछ भी नहीं हुआ। इस बात पर कुछ लोगों ने मुझसे पूछा कि साहब सब कुछ सही होने के बावजूद नकारात्मकता फैलाई जा रही है। तो मैंने उनसे कहा कि यह दाल में तड़के के समान है। जिस तरह बिना तड़के के दाल अच्छी नहीं लगती इस तरह कुछ लोगों को बिना मिर्च मसाले के कुछ भी अच्छा नहीं लगता। दाल में जीरे का तड़का लगे तो वह भी काला हो जाता है।
सीएम योगी ने इस दौरान एक बड़ी महत्वपूर्ण बात करते हुए कहा कि धार्मिक स्थलों पर होने वाले आयोजनों में लाउड स्पीकर की जरूरत आवश्यकता से अधिक बढ़ती जा रही है। हालांकि यह जरूरी है, लेकिन कोशिश यह होनी चाहिए कि आयोजन स्थल पर उसकी ध्वनि का प्रसार इतना ज्यादा तेज ना हो ताकि बाहर के लोगों को उससे दिक्कत महसूस हो। चाहे वह किसी भी धर्म और समुदाय का आयोजन क्यों ना हो, इस बात का पूरी तरह ख्याल रखा जाए और आने वाले वक्त में इसे लागू कर सख्ती से इसका पालन किया जाए, और इसकी पूरी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होनी चाहिए।
रविवार को मुख्यमंत्री गोरखपुर क्लब में आयोजित गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में मीडिया के सकारात्मक पहलू और वर्तमान में मीडिया के बदले स्वरूप की चर्चा करते हुए कहा कि,मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। जो अन्य तीनों स्तंभों को सकारात्मक सोचने और उन्हें अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करने के लिए सजग करता रहता है।