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हेल्थ

Vitamin D: धूप या सप्लीमेंट, विटामिन डी के लिए क्या है अधिक फायदेमंद? हावर्ड प्रशिक्षित डॉक्टर से जानें

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  • इन दिनों बहुत से लोगों में विटामिन डी की कमी देखने को मिल रही है। यह एक ऐसा विटामिन है जो सूर्य की रोशनी और खाद्य पदार्थ से हमारे शरीर को मिलता है, लेकिन जिन लोगों को इसकी कमी है उन्हें सप्लीमेंट लेना पड़ता है।
  • ऐसे में आइए इस लेख में जानते हैं कि सप्लीमेंट और सनलाइट में से विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत क्या है?

Vitamin D Sunlight Vs Supplements: विटामिन डी एक ऐसा विटामिन है जिसे आमतौर पर ‘सनशाइन विटामिन’ के नाम से भी जाना जाता है। विटामिन डी हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है। इस विटामिन को अक्सर मजबूत हड्डियों और कैल्शियम के अवशोषण से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन इसकी भूमिका सिर्फ हड्डियों तक ही सीमित नहीं है।

यह आवश्यक पोषक तत्व हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता, एनर्जी लेवल, मूड को नियंत्रित करने, मांसपेशियों के कार्य और यहां तक कि शरीर में सैकड़ों जीनों की गतिविधि को भी प्रभावित करता है। इसके इतने महत्व के बावजूद विटामिन डी की कमी एक आम समस्या है और कई साल तक इसका पता नहीं चलता, क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण बहुत हल्के होते हैं, जैसे थकान, खराब मूड, मांसपेशियों में कमजोरी या बार-बार संक्रमण होना।

इसी विषय पर हाल ही में डॉ. सौरभ सेठी, जो एम्स, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड में प्रशिक्षित एक गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट ने एक इंस्टाग्राम एक वीडियो में विटामिन डी के बारे में पांच महत्वपूर्ण बातें बताईं। उन्होंने जोर देकर कहा कि नेचुरल धूप अक्सर सप्लीमेंट्स पर निर्भर हुए बिना पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्रदान कर सकती है। आइए इस लेख में उनके बताए पांच प्रमुख बातों के बारे में जानते हैं।

विटामिन से बढ़कर हार्मोन है
डॉ. सेठी के अनुसार विटामिन डी सिर्फ एक विटामिन नहीं है, बल्कि यह शरीर में एक हार्मोन की तरह काम करता है। यह 200 से अधिक जीनों को नियंत्रित करने का काम करता है। इसका मतलब है कि यह शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों में सीधा हस्तक्षेप करता है। यही कारण है कि इसकी कमी से सिर्फ हड्डियां कमजोर नहीं होतीं, बल्कि शरीर के कई अन्य हिस्सों पर भी असर पड़ता है।

सामान्य डाइट से पर्याप्त मात्रा मिलना मुश्किल
अक्सर लोग सोचते हैं कि वे खाने-पीने से विटामिन डी की कमी पूरी कर सकते हैं, लेकिन डॉ. सेठी बताते हैं कि केवल सामान्य खानपान से पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्राप्त करना मुश्किल है। आपके शरीर को 15 मिनट की धूप से जितना विटामिन डी मिलता है, उतनी मात्रा पाने के लिए आपको ढेर सारी सैल्मन, टूना, अंडे या मशरूम खानी पड़ेगी।

विटामिन डी कमी का पता चलना मुश्किल है
विटामिन डी की कमी कई वर्षों तक बिना किसी स्पष्ट लक्षण के रह सकती है। यह अक्सर थकान, खराब मूड या बार-बार होने वाले संक्रमण के रूप में दिखाई देती है। इस ‘साइलेंट’ कमी को पहचानना मुश्किल होता है, इसलिए नियमित जांच और पर्याप्त धूप लेना बहुत जरूरी है।

सप्लीमेंटेशन का खतरा
डॉ. सेठी ने चेतावनी दी है कि जरूरत से ज्यादा सप्लीमेंट लेना हानिकारक हो सकता है। अधिक मात्रा में सप्लीमेंट लेने से किडनी की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए किसी भी सप्लीमेंट को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है ताकि आप सही मात्रा और प्रकार का चुनाव कर सकें।

धूप सबसे सुरक्षित और प्रभावी
डॉ. सेठी के मुताबिक विटामिन डी का सबसे सुरक्षित और सबसे प्रभावी स्रोत सूर्य का प्रकाश है। केवल 10 से 30 मिनट के लिए दोपहर की धूप में अपनी बाहों और पैरों को खुला रखने से 1000 से 2000 यूनिट विटामिन डी बन सकता है। इसलिए हर रोज थोड़ी देर धूप को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और संतुलित जीवनशैली अपनाएं।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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