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Sports

Team India: दादा-धोनी से लेकर कोहली-रोहित तक, पिछले 25 वर्षों में इन 10 भारतीय खिलाड़ियों से छीनी गई कप्तानी!

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भारतीय क्रिकेट में कप्तानी हमेशा एक अस्थायी पद साबित हुई है। हर कप्तान ने अपने दौर में भारत को नई ऊंचाइयां दीं, लेकिन अंत में उन्हें भी प्रणाली, राजनीति या समय के सामने झुकना पड़ा। आज गिल, रोहित और हार्दिक के बीच जो रोटेशन दिख रहा है, वह बताता है कि भारतीय क्रिकेट में कप्तान बदलते हैं, लेकिन दबाव नहीं।

भारतीय क्रिकेट में कप्तानी सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक भावना और सत्ता का प्रतीक रही है। पिछले 25 वर्षों में कई महान खिलाड़ियों ने यह पद संभाला, लेकिन कुछ ही इसे लंबे समय तक टिकाए रख पाए। सौरव गांगुली से लेकर रोहित शर्मा तक, भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई मौके आए जब किसी कप्तान को अचानक या विवादों के बीच पद से हटा दिया गया। यहां जानिए उन 10 भारतीय कप्तानों की कहानी, जिनसे किसी न किसी वजह से कप्तानी छीन ली गई।

1. सौरव गांगुली: ‘दादा’ की सत्ता छिनी, लेकिन दिलों के बादशाह बने रहे
भारत को आक्रामकता और आत्मविश्वास देने वाले सौरव गांगुली को 2005 में ग्रेग चैपल विवाद के बीच कप्तानी से हटाया गया। टीम के भीतर मतभेद, खराब फॉर्म और प्रबंधन से टकराव की वजह से गांगुली को हटा दिया गया। तब ग्रेग चैपल टीम इंडिया के कोच बने थे और गांगुली और उनके बीच कई फैसलों को लेकर मतभेद था। बीसीसीआई ने राहुल द्रविड़ को कप्तान बना दिया। हालांकि, दादा ने वापसी की और बल्ले से जवाब दिया, लेकिन उनकी कप्तानी का दौर 2005 में ही समाप्त हो गया। दादा ने 195 अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम इंडिया की कमान संभाली। इनमें से भारत ने 97 मैच जीते। 78 में भारतीय टीम को हार मिली। 15 मैच ड्रॉ और पांच मैच टाई रहे।

2. महेंद्र सिंह धोनी: चैंपियन कप्तान का शांत अंत
भारत को तीनों आईसीसी ट्रॉफियां दिलाने वाले धोनी ने 2014 में टेस्ट कप्तानी छोड़ी थी और 2017 की शुरुआत में सीमित ओवरों की कप्तानी भी विराट कोहली को सौंप दी।
हालांकि इसे ‘स्वैच्छिक निर्णय’ बताया गया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक चयन समिति तब नई सोच और युवा नेतृत्व की तलाश में थी, क्योंकि वनडे विश्व कप (2019) में दो साल बचे थे। ठीक उसी तरह जैसा रोहित शर्मा के साथ हुआ। धोनी ने इसके बाद भी 2019 विश्व कप तक भारत के लिए खेलना जारी रखा। धोनी की कप्तानी में 332 मैचों में भारतीय टीम की कमान संभाली। इसमें से टीम इंडिया ने 178 मैच जीते। 120 में भारतीय टीम को हार मिली। छह मैच टाई रहे। 15 मैच ड्रॉ और 13 मैच बेनतीजा रहे।

3. विराट कोहली: विवादों के बीच गया ‘किंग कोहली’ का ताज
विराट कोहली का कार्यकाल शानदार रहा, लेकिन बीसीसीआई और चयन समिति के साथ उनकी ट्यूनिंग बिगड़ गई। 2021 टी20 विश्व कप के बाद उन्होंने टी20 की कप्तानी छोड़ी, लेकिन कुछ ही महीनों बाद उनसे वनडे कप्तानी भी छीन ली गई। तब बीसीसीआई अध्यक्ष रहे सौरव गांगुली और कोहली के बीच बयानबाजी का दौर चला। हालांकि, बीसीसीआई ने कोहली से आगे बढ़ने का मन बना लिया था और उनसे सीमित ओवर की कप्तानी लेकर रोहित को सौंप दी गई। कोहली ने टेस्ट कप्तानी 2022 में दक्षिण अफ्रीका सीरीज के बाद छोड़ दी। एक दौरे के लिए टीम चुने जाने के बाद कोहली ने खुद कहा था, ‘मुझसे सिर्फ टीम चयन से 90 मिनट पहले बताया गया कि अब मैं वनडे में कप्तान नहीं रहूंगा।’ कोहली ने 213 अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की और इसमें से भारत ने 135 मैच जीते। 60 में भारतीय टीम को हार मिली। तीन मैच टाई रहे। 11 मैच ड्रॉ रहे और चार बेनतीजा रहे।

4. अजिंक्य रहाणे: अस्थाई कप्तान जिसकी वापसी अधूरी रह गई
रहाणे ने 2020-21 ऑस्ट्रेलिया दौरे में भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी, लेकिन इसके बावजूद उन्हें नियमित कप्तान नहीं बनाया गया। कोहली ने जब 2022 दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर दूसरे टेस्ट में आराम करने का सोचा तो रहाणे को कप्तानी सौंपने की जगह केएल राहुल को कप्तानी सौंपी गई। रहाणे भी उस टेस्ट में बतौर खिलाड़ी खेले। कोहली ने टेस्ट कप्तानी छोड़ी तो रोहित को कप्तान बनाया गया और रहाणे को फिर से उपकप्तान बना दिया गया और धीरे-धीरे वे कप्तानी के साथ टीम में जगह बनाने की रेस से बाहर हो गए। रहाणे ने 11 मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की और इसमें से आठ जीते। एक मैच में हार का सामना करना पड़ा। दो मैच ड्रॉ रहे। 

5. शिखर धवन: कुछ सीरीज के कप्तान, फिर भुला दिया गया नाम
कोरोना काल के बाद ऐसे कई मौके आए, जब बीसीसीआई को एक ही समय में दो अलग-अलग सीरीज के लिए टीमें भेजनी पड़ीं। शिखर धवन को कई बार दूसरी टीमों के दौरे में कप्तानी सौंपी गई, जैसे श्रीलंका और वेस्टइंडीज टूर। लेकिन जब विराट या रोहित लौटे, तो धवन को फिर कभी कप्तान के रूप में मौका नहीं मिला। बीसीसीआई ने फिर उन्हें भविष्य की योजनाओं से बाहर कर दिया। इसके बाद तो अचानक उन्हें टीम से बाहर तक कर दिया गया। धवन ने 15 अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की। इनमें से भारतीय टीम ने आठ मैच जीते। पांच में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। दो मैच बेनतीजा रहे।

6. केएल राहुल: भरोसेमंद उपकप्तान से कप्तान, फिर बाहर का रास्ता
केएल राहुल को 2022-23 में कई मौकों पर कप्तान बनाया गया, लेकिन उनकी फॉर्म और स्ट्राइक रेट पर लगातार आलोचना होती रही। धीरे-धीरे उन्हें कप्तानी से हटाकर हार्दिक पांड्या और शुभमन गिल को प्राथमिकता दी गई। राहुल ने 16 अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की और इसमें से टीम ने 11 मैच जीते। पांच में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा।

7. ऋषभ पंत: हादसे ने रोक दी कप्तानी की राह
युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत को भविष्य का कप्तान माना जा रहा था, लेकिन दिसंबर 2022 के कार हादसे ने सब कुछ बदल दिया। उन्हें कई अहम सीरीज के लिए कमान सौंपी गई। हालांकि, उसके बाद से वे काफी समय तक मैदान से दूर रहे और टीम की कप्तानी किसी और के पास चली गई। अभी वह टेस्ट में उपकप्तान हैं, लेकिन गिल कप्तान हैं और इस युवा कप्तान के रहते पंत का कप्तान बनना लगभग नामुमकिन है। गिल अगर किसी सीरीज में नहीं खेलते हैं तो ही पंत कप्तान बन सकते हैं, लेकिन वह अस्थाई कप्तान होंगे। फिलहाल पंत चोट की वजह से टेस्ट टीम से भी बाहर हैं। पंत की कप्तानी में भारत ने पांच मैच खेले और दो में जीत हासिल की। दो में भारत को हार का सामना करना पड़ा। एक मैच बेनतीजा रहा।

8. हार्दिक पांड्या: आईपीएल सफलता के बावजूद खोया भरोसा
हार्दिक ने आईपीएल में गुजरात टाइटंस को ट्रॉफी जिताकर सुर्खियां बटोरीं और उन्हें भारत की टी20 टीम का कप्तान बनाया गया। ऐसे वक्त उन्हें दायित्व सौंपी गई, जब रोहित और विराट की टी20 टीम में वापसी की संभावना कम थी। उन्होंने करीब डेढ़ साल तक भारतीय टी20 टीम की कमान संभाली और वनडे में भी कुछ मैचों में कप्तानी की। हालांकि, 2024 में रोहित वापस लौटे और टी20 के कप्तान बनाए गए। भारत ने 2024 टी20 विश्व कप जीता और रोहित ने टी20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास ले लिया। तब लगा कि हार्दिक अब नियमित टी20 कप्तान बनेंगे। हालांकि, गौतम गंभीर कोच बने और सबकुछ बदल गया। इसके बाद यह बात सामने आई कि चोटों और रवैये को लेकर विवादों के बाद हार्दिक को कप्तान के रूप में नहीं देखा गया। हार्दिक की कप्तानी में भारतीय टीम ने 19 मैच खेले और 12 में जीत हासिल की। छह मैचों में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। एक मैच टाई रहा। 

9. जसप्रीत बुमराह: आपातकालीन कप्तान, फिर पीछे हटना पड़ा
जब रोहित शर्मा 2022 में इंग्लैंड दौरे से पहले चोटिल हुए, तो बुमराह को अचानक एक टेस्ट के लिए कप्तान बनाया गया। हालांकि, टीम इंडिया वह मैच हार गई। इसके बाद 2024 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बुमराह को फिर से दो टेस्ट मैचों के लिए कप्तानी सौंपी गई। बुमराह ने बेहतरीन अंदाज में कप्तानी की और एक मैच भी जिताया। इसके बाद रोहित ने टेस्ट से संन्यास ले लिया और लगा कि बुमराह ही टेस्ट कप्तान बनेंगे और कई पूर्व दिग्गजों ने इसका समर्थन भी किया, लेकिन गिल को कप्तान बनाया गया। बीसीसीआई ने कहा कि तेज गेंदबाज की फिटनेस और वर्कलोड को देखते हुए उन्हें स्थायी कप्तान नहीं बनाया गया। बुमराह की कप्तानी में भारतीय टीम ने पांच में से तीन मैचों में जीत हासिल की। दो में टीम इंडिया को हार मिली। 

10. रोहित शर्मा: कोहली के साथ जैसा हुआ, वही हिटमैन भी भुगते
भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक रोहित का भी वही हाल हुआ जो कोहली के साथ हुआ था। पहले टेस्ट में उन्हें बेंच पर बैठाया गया। इसके बाद बोर्ड के दबाव में उन्होंने इस साल अचानक टेस्ट से संन्यास ले लिया। अब रोहित के टीम में रहते उनसे वनडे कप्तानी छीन ली गई। रोहित की कप्तानी में भारत 2023 वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचा, 2024 टी20 विश्व कप अपने नाम किया और चैंपियंस ट्रॉफी 2025 भी जीती। हालांकि, इसका कोई मतलब नहीं रहा। रोहित की कप्तानी में भारत ने तीनों प्रारूप को मिलाकर 142 मैच खेले और 103 में जीत हासिल की। सिर्फ 33 मैचों में टीम इंडिया को हार मिली। तीन मैच ड्रॉ रहे और एक का कोई नतीजा नहीं निकला।

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