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लाइफ स्टाइल

UP: टैटू के शौकीन ध्यान दें, स्टाइलिश दिखने के चक्कर में मौत को दे रहे दावत; कहीं आपने तो नहीं की ये भूल

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विश्व हेपेटाइटिस दिवस आज मनाया जा रहा है। बता दें 10 फीसदी युवा टैटू की वजह से  संक्रमित हो गए हैं। वहीं 18 फीसदी असुरक्षित यौन संबंधों से बीमार हुए।

स्टाइलिश दिखने के लिए टैटू बनवाना युवाओं में बीमारी की वजह बन रहा है। अनजाने में ये हेपेटाइटिस बी-सी के मरीज बन रहे हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज के हेपेटाइटिस क्लीनिक में पहुंचे 10.10 फीसदी मरीजों की वजह टैटू बना। इनमें 88 फीसदी की उम्र 20-35 साल है।

हेपेटाइटिस क्लीनिक के नोडल प्रभारी डॉ. सूर्यकमल वर्मा ने बताया कि क्लीनिक में हेपेटाइटिस बी-सी के 1,881 मरीजाें का इलाज चल रहा है। इसमें करीब 10.1 फीसदी यानी 189 में संक्रमित सुई से टैटू बनवाने से बीमारी बनी। इन्होंने हाथ, गर्दन, कमर, पीठ समेत अन्य अंगों पर टैटू बनवाए थे। सबसे ज्यादा 28 फीसदी यानी 526 लोग संक्रमित रक्त चढ़ने और संक्रमित सिरिंज के इस्तेमाल से बीमार हुए।

18 फीसदी यानी 338 लोग असुरक्षित यौन संबंध बनाने से संक्रमित हुए। इनमें 21-30 साल की उम्र के सबसे ज्यादा 52 फीसदी मरीज मिले। 31-40 साल के 18 फीसदी और बाकी के इससे अधिक उम्र के रहे। हेपेटाइटिस-सी के 316 मरीज ठीक हो चुके हैं। हेपेटाइटिस-बी का ताउम्र इलाज चलता है।

एसएन में जांच, दवाएं समेत पूरा इलाज निशुल्क
 राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम की नोडल प्रभारी डॉ. आरती अग्रवाल ने बताया कि हेपेटाइटिस बी-सी के मरीजों की दवाओं का खर्च हर महीने 25-30 हजार रुपये, वायरल लोड की जांच 5-6 हजार रुपये में होती है। बी के मरीजों की जांच हर छह महीने या साल में कराई जाती है। हेपेटाइटिस-सी का तीन महीने इलाज चलता है, जिसका निजी अस्पताल में 1.50 लाख रुपये तक का खर्च है। मेडिसिन विभाग की घड़ी वाली इमारत की दूसरी मंजिल पर कमरा नंबर 52 में हेपेटाइटिस क्लीनिक बना है। यहां सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक पर्चा, जांच और इलाज की निशुल्क सुविधा है।

इन बातों का रखें ध्यान:
– हेपेटाइटिस-बी की वैक्सीन लगवाएं।
– असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं।
– मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक से ही रक्त लें।
– पुरानी सिरिंज का इस्तेमाल न कराएं।
– पीलिया होने पर हेपेटाइटिस की जांच कराएं।

ये हैं लक्षण:
– भूख कम लगना, वजन कम होना, बुखार होना।
– पेशाब, आंखों और त्वचा का रंग पीला पड़ना।
– लिवर में सूजन होना।

केस एक: सदर क्षेत्र की 27 साल की फैशन डिजाइनर हैं। इन्होंने गर्दन और हाथ पर दो बार टैटू बनवाया। एक-डेढ़ महीने बाद बुखार रहने पर एसएन में जांच कराई, इसमें हेपेटाइटिस-बी की पुष्टि हुई। इनका इलाज चल रहा है।
केस दो: आवास विकास कॉलोनी के 32 साल के युवक ने स्टाइलिश दिखने के लिए दोनों हाथ पर टैटू बनवाया। 4-5 सप्ताह बाद बुखार आने और पीलिया के लक्षण मिले। जांच में हेपेटाइटिस-बी की पुष्टि हुई। अब उपचाराधीन हैं।

आंकड़े
74256 : मरीजों की हेपेटाइटिस बी-सी की हुई जांच।
979: हेपेटाइटिस-बी के मरीज मिले
902: हेपेटाइटिस-सी के संक्रमित
316: मरीज हेपेटाइटिस सी के हुए ठीक।

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