Shardiya Navratri Maa Durga Ki Sawari: ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में देवी दुर्गा अपने वाहन पर सवार होकर पृथ्वी पर आती हैं और नौ दिनों तक अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। आइए जानते हैं कि शारदीय नवरात्रि 2025 में कब से आरंभ हो रही है और इस बार देवी का आगमन किस वाहन से होगा।
Shardiya Navratri 2025 Kab Se Hai: हर साल शारदीय नवरात्रि का पर्व भक्ति, शक्ति और साधना का विशेष अवसर होता है। इस दौरान माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक आराधना की जाती है। जैसे-जैसे नवरात्रि का समय करीब आता है, श्रद्धालुओं के मन में कई सवाल उठने लगते हैं। इस बार नवरात्रि कब से शुरू हो रही है? घटस्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है? और सबसे खास बात, इस बार मां दुर्गा किस सवारी पर धरती लोक पर पधारेंगी?
ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में देवी दुर्गा अपने वाहन पर सवार होकर पृथ्वी पर आती हैं और नौ दिनों तक अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। उनकी सवारी का प्रभाव पूरे वर्षभर वातावरण और जनजीवन पर दिखाई देता है। इसी कारण भक्तजन नवरात्रि की तैयारी बहुत श्रद्धा और उत्साह से पहले से ही शुरू कर देते हैं। आइए जानते हैं कि शारदीय नवरात्रि 2025 में कब से आरंभ हो रही है और इस बार देवी का आगमन किस वाहन से होगा।
नवरात्रि कब से होगी आरंभ? शारदीय नवरात्रि हर साल अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है और नवमी तिथि तक चलती है। इस बार यह पावन पर्व 22 सितंबर 2025 से आरंभ हो रहा है। इसी दिन घटस्थापना यानी कलश स्थापना की जाएगी, जो नवरात्रि की विधिवत शुरुआत मानी जाती है। 30 सितंबर को महाअष्टमी का पर्व मनाया जाएगा, जबकि 1 अक्तूबर को महानवमी होगी। इसके अगले दिन, 2 अक्तूबर को विजयादशमी (दशहरा) का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इसी दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाएगा, जो नवरात्रि की पूर्णता का प्रतीक होता है।
कलश स्थापना मुहूर्त नवरात्रि की शुरुआत का सबसे महत्वपूर्ण कर्म होता है घटस्थापना, जिससे नौ दिवसीय पूजा विधि का शुभारंभ होता है। इस वर्ष घटस्थापना का दिन 22 सितंबर 2025 है। पंचांग के अनुसार, इस दिन प्रातः 6:09 बजे से 8:06 बजे तक का समय घटस्थापना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसके अलावा जो लोग इस समय में स्थापना न कर सकें, वे अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापित कर सकते हैं, जो दोपहर 11:49 से 12:38 बजे तक रहेगा। इन शुभ मुहूर्तों में घटस्थापना करने से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और नवरात्रि की पूजा पूर्ण फलदायी मानी जाती है।
इस वाहन पर सवार होकर आएंगी माता शारदीय नवरात्रि में माता दुर्गा के आगमन और प्रस्थान की सवारी का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इसे आने वाले समय की परिस्थितियों का प्रतीक माना जाता है। देवी किस वाहन पर सवार होकर धरती पर आती हैं, यह संकेत देता है कि भविष्य में समाज और देश पर कैसा प्रभाव पड़ेगा। इस बार नवरात्रि सोमवार से शुरू हो रही है, इसलिए मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा। हाथी की सवारी को अत्यंत शुभ, शांतिपूर्ण और समृद्धिकारी माना गया है। यह संकेत देता है कि आने वाला समय सुख-शांति, उन्नति और स्थिरता लेकर आएगा। भक्तों के लिए यह विशेष शुभ समाचार है, क्योंकि हाथी पर देवी का आगमन पूरे वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।
शारदीय नवरात्रि तिथि
22 सितंबर : प्रतिपदा तिथि
23 सितंबर : द्वितीय तिथि
24 सितंबर : तृतीया तिथि
25 सितंबर : चतुर्थी तिथि
26 सितंबर : चतुर्थी तिथि
27 सितंबर : पंचमी तिथि
28 सितंबर : षष्ठी तिथि
29 सितंबर : सप्तमी तिथि
30 सितंबर : अष्टमी तिथि
01 अक्तूबर : नवमी तिथि
02 अक्तूबर : दशहरा
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