किसान इनका अधिक इस्तेमाल कर रहे थे। इसके चलते बासमती का असली स्वाद बिगड़ रहा था और यूरोपियन देशों में बासमती के निर्यात में 15 फीसदी तक कमी हो गई थी। वेस्ट यूपी के 30 जिलों में बासमती की खेती की जाती है।
बासमती का स्वाद और गुणवत्ता बचाने के लिए 10 कीटनाशकों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। किसान इनका अधिक इस्तेमाल कर रहे थे। इसके चलते बासमती का असली स्वाद बिगड़ रहा था और यूरोपियन देशों में बासमती के निर्यात में 15 फीसदी तक कमी हो गई थी। वेस्ट यूपी के 30 जिलों में बासमती की खेती की जाती है।
बासमती चावल उत्तर प्रदेश की भौगोलिक संकेत (जीओग्राफिकल इंडेकेशन जीआई) श्रेणी की फसल है। इसमें लगने वाले कीटों व रोगों की रोकथाम के लिए कृषि रसायनों का प्रयोग किया जाता है। इन रसायनों के अवशेष बासमती चावल में पाए जा रहे हैं। एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट ऑथरिटी ) की ओर से बताया गया कि यूरोपियन यूनियन द्वारा बामसती चावल में ट्र्राइसाइक्लाजोल का अधिकतम कीटनाशी अवशेष स्तर एमआरएल 0.01 पीपीएम निर्धारित किया गया है, लेकिन निर्धारित पीपीएम की मात्रा से अधिक होने के कारण यूरोप, अमेरिका एवं खाड़ी देशों के निर्यात में वर्ष 2020-21 की तुलना में वर्ष 2021-2022 में 15 प्रतिशत की कमी आई है।
इन हालात में अपर निदेशक (कृषि रक्षा) त्रिपुरारी प्रसाद चौधरी ने 30 जिलों में 10 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इनके प्रतिबंधित होने से बासमती की गुणवत्ता और इसके असली स्वाद को बचाया जा सके। इससे बासमती का निर्यात भी बढ़ाया जा सकेगा।
इन जिलों में होती है बासमती की खेती बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि बासमती की खेती वेस्ट यूपी के 30 जिलों में होती है। इनमें आगरा, अलीगढ़, औरैया, बागपत, बरेली, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, गौमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड, हाथरस, मथुरा, मैनपुरी, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, शामली, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, संभल आदि शामिल हैं।
ये कीटनाशक किए गए प्रतिबंधित
ट्राइसाक्लाजोल, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, क्लोरपाइरीफोंस, हेक्साकलोनोजॉल, प्रोपिकोनाजोल, थायोमेथाक्साम, प्रोफेनोफोस, इमिडाक्लोप्रिड और कार्बेनडाजिम शामिल है।
किसानों को कर रहे जागरूक बासमती की फसल में अंधाधुंध रसायनों के प्रयोग से बिगड़ रहे स्वाद को बचाने के लिए इन कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाया गया है। किसानों को इसके प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। यूपी, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड आदि राज्यों में किसानों को रसायनों का कम प्रयोग करने के लिए कहा जा रहा है। कीटनाशक के ज्यादा प्रयोग से यूरोपियन देशों में निर्यात में दिक्कत आई है, जिसे दूर करने के लिए संस्थान के वैज्ञानिक प्रयासरत हैं। – डाॅ. रितेश शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक, बासमती एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फाउंडेशन (बीईडीएफ), मोदीपुरम