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लखनऊ में अमर उजाला संगम : संस्कृतियों के संगम के साथ देशभर के व्यंजनों का स्वाद, आज भी मेले का लुत्फ उठाएं
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2 years agoon
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अमर उजाला और संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को रिवर फ्रंट स्थित चटोरी गली में संगम मेले का शानदार आगाज हुआ। यह मेला सोमवार को भी जारी रहेगा।
अवध के आंगन में रविवार को संस्कृतियों का संगम उमड़ा। समतामूलक चौक स्थित रिवरफ्रंट की चटोरी गली में अमर उजाला और संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित संगम संस्कृतियों का…, में भारत की सांस्कृतिक विरासत नजर आई। कहीं बंगाल की मिठाइयां नजर आ रही थीं तो कहीं पहाड़ी व्यंजनों की खुशबू लोगों को रिझा रही थी। यह मेला सोमवार को भी जारी रहेगा।
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री कौशल किशोर, मत्स्य मंत्री संजय निषाद और आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। समारोह में एक तरफ विभिन्न संस्कृतियों के स्टॉल थे तो दूसरी ओर ऊंट, घोड़ा, बग्घी और ई-रिक्शा से सवारी की व्यवस्था भी थी। कठपुतली का खेल काफी बच्चों के लिए नया था। वहीं बुजुर्ग अपनी बचपन की याद ताजा करके मुस्कुराते नजर आए। स्केटिंग, ताइक्वांडो और साइकिलिंग जैसे खेल भी समारोह के दौरान आकर्षण का केंद्र रहे।
बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोहा मन
कार्यक्रम के दौरान बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। सेंट जोजेफ स्कूल बजाज ग्रुप के बच्चों ने कतारबद्ध होकर योग के आसन पेश कर सभी को निरोग रहने का संदेश दिया। स्कूल के एमडी राजेश व सीमा अग्रवाल, स्कूल की संस्थापक पुष्पलता अग्रवाल की मौजूदगी में बच्चों ने शानदार नृत्य भी पेश किया।
रंगीला पंजाब में भांगड़ा के माध्यम से बच्चों ने धूम मचाई। नंदा ग्रुप ने कुमाऊं का जोहार नृत्य पेश कर सभी का मनोरंजन किया।। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बाराबंकी की छात्राओं ने समूह नृत्य पेश किया। प्रिया शर्मा, महिमा जायसवाल, अनन्या वर्मा, गौरी तिवारी, खुशी, कोमल, अनुष्का वर्मा अनामिका कौशल ने पीएमश्री कार्यक्रम पेश किया। इसके बाद दिल्ली पब्लिक स्कूल के आर्यन सचान, आकाश सिंह, तेजस मनी तिवारी, गार्गी तिवारी, आद्या शुक्ला, सिद्धार्थ जायसवाल, आद्यंत वर्मा, देवांश चंदानी ने स्केटिंग डांस से सभी को दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया। सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल की छात्रा जाह्वनी गुप्ता ने कथक की शानदार प्रस्तुति दी। इसी स्कूल की वंशिका यादव ने महाराष्ट्र का जोगवा डांस पेश किया। राजकीय बालिका इंटर कालेज बाराबंकी की छात्रा अनन्या मिश्रा ने श्री रामचंद्र कृपालु भजमन… पर कथक की प्रस्तुति दी।
अंजू भारती के गायन के बाद जैन समाज महिला मंडल की स्मृति, सीमा, खुशबू, सुव्रत, वत्सल, अपूर्व, रूबी, शिल्पी, चारू, शैली ने नाट्य प्रस्तुति दी। सबीना सैफी ने अपनी लोक गायन से सभी को भावविभोर कर दिया। अवध कॉलेजिएट की छात्रा सिद्धि टंडन ने नृत्य प्रस्तुत किया। लोक गायक संतोष ने अपनी गायकी से अवध की खुशबू बिखेरी। भोपाल की मशहूर कलाकार विजया ने अपने ग्रुप के माध्यम से नृत्य नाटिका अटल श्री राम के माध्यम से सभी का मन मोहा। इसके आदि गोरखा समाज की युवतियों ने अपने क्षेत्र का नृत्य पेश किया।
नृत्य के साथ जादू और कठपुतली ने मोहा मन
सौम्याश्री ने ओडीसी नृत्य के माध्यम से सभी को उड़ीसा के सांस्कृतिक गौरव से परिचय कराया। जादूगर राकेश पाल ने अपने कारनामों से सभी को हतप्रभ कर दिया। देवीशंकर ने कठपुतली के खेल से बच्चों का मनोरंजन किया।आर्टिस्ट योगा ग्रुप ने शिव तांडव पर योग की प्रस्तुति दी। इसके बाद मालविका के नेतृत्व में वैष्णवी, भूमि तिवारी, पायल, देवांशी, सौम्या ओझा, सृष्टि संकर, अस्थमा शर्मा और एस. आराधना ने खास पेशकश की। भारतोदय संस्था के साथ ही गोयनका स्कूल के बच्चों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। नृत्य गुरु अमृत सिन्हा के नेतृत्व में हुई नृत्य नाटिका में विविधता में एकता की झलक दिखाई गई। आखिर में हेमेंद्र धर द्विवेदी के नेतृत्व में टीएसए बैंड की परफाॅरमेंस ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। परिणिका श्रीवास्तव ने अपने ग्रुप के साथ लोकनृत्य पेश किया।
बच्चों व आपके लिए आज भी है खास
शहरवासियों के लिए आज भी मेले में खास कार्यक्रम रखे गए हैं। खास तौर से बच्चों के लिए खेल गतिविधियों एवं विभिन्न कार्यक्रमों का गुलदस्ता सजाया गया है। ऐसे में आप सभी आज भी कार्यक्रम में आएं और लुत्फ उठाएं। मेले में प्रवेश निशुल्क है।
यहां एक ही जगह कई राज्यों का प्रतिनिधित्व
अमर उजाला परिवार और संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित संगम का आयोजन भव्य है। लगातार दूसरे वर्ष भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सभी वर्ग और समाज के लोगों को मंच मिला। समाज के अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम को और बड़े स्वरूप में करने की आवश्यकता है। हमारे देश के लोग लोग जहां भी रहते हैं, एकजुट रहते हैं। यही हमारी खासियत है। भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा होने जा रहा है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा है। देश के सभी राज्य अयोध्या में अपने समाज के लिए मंदिर बनाना चाह रहा है। सभी लोग अयोध्या आना चाहते हैं। इस बेहतरीन आयोजन के लिए मैं अमर उजाला को बहुत बधाई देता हूं। – केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री
देश के विकास में सहयोगी बनेगा संगम
छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता। लोग दिल बड़ा रखें और एक-दूसरे का सहयोग करें। कभी निराश न हों और आगे बढ़ते रहें। अमर उजाला और संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित संगम कार्यक्रम लोगों को जागरूक करने वाला है। यह एक नई परंपरा है, जिसे आगे भी जारी रखें। देश के विकास में संगम कार्यक्रम सहयोगी बनेगा। नशे की साजिश युवाओं को घेरे हुए है। नौजवानों को नशे की ओर धकेला जा रहा है। नशा विवेक, रिश्ते व भावनाओं को खत्म कर देता है। नशा मुक्त समाज के लिए एकजुट हों। – कौशल किशोर, केंद्रीय मंत्री
हर दल में लोकप्रिय थे अटल जी
संस्कृति विभाग और अमर उजाला परिवार की ओर से अटल जी की जयंती पर अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। अटल जी को नमन करता हूं। पक्ष हो या विपक्ष, किसी भी राजनीतिक दल में उनके जैसी लोकप्रियता किसी की नहीं रही। वह सर्वश्रेष्ठ वक्ता थे। नेहरू जी जब प्रधानमंत्री थे, तब वह कहते थे कि अटल जी तेजतर्रार सांसद हैं। अमर उजाला को बधाई देता हूं, जिन्होंने एक छत के नीचे सभी समाजों को एकत्र किया। पूरा भारत एक स्थान पर दिख रहा है। इस कार्यक्रम से बच्चों को लाभ मिलेगा। आज हमारा देश विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। श्री अन्न का स्टॉल लगा है। मोटा अनाज सभी को प्रिय है। अब पूरे विश्व में योग को अपनाया जा रहा है। – दयाशंकर मिश्र दयालु, मंत्री
खानपान व रीति रिवाजों का संगम
अमर उजाला और संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम सराहनीय है। प्रधानमंत्री ने सभी के स्वास्थ्य का ध्यान रखा और मोटा अनाज सभी को प्रिय हो गया है। खानपान और रीति रिवाज को लेकर आयोजित संगम कार्यक्रम भव्य है। चटोरी गली के बारे में सुना तो बहुत था, लेकिन आज देखने और खाने का भी अवसर मिल गया। अटल जी ने विपक्ष में रहते हुए विदेश में देश का नाम रोशन किया था। उन्होंने अपने जीवन में सन्यास के साथ संकल्प लिया। टीम बनाकर देश के लिए काम किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना रहे हैं। त्रेता में भगवान राम ने निषाद राज को गले लगाया था। इस युग में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने मुझे भी गले लगाया है। आज के दिन भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिली। – संजय निषाद, मंत्री
पर्वतीय कुमांउनी-गढ़वाली संस्कृति: महुआ की रोटी-शुगर फ्री खीर प्रदर्शनी
पर्वतीय कुमाउनी-गढ़वाली संस्कृति के स्टॉल पर पहाड़ी पकवानों ने सभी को आकर्षित किया। स्टॉल पर मौजूद ख्याली सिंह ने महुआ की रोटी, आलू की टिक्की, दाल के पापड़, शुगर फ्री जैसे व्यंजन पेश किए।
सिंधी संस्कृति: पट्टा और गुड़ के चावल
सिंधी संस्कृति स्टॉल सिंधी दाल पकवान से जुड़े खानपान लोगों को खूब लुभाया। स्टॉल संचालक सुरेश ने बताया कि गुड़ की खीर व पट्टा हमारे यहां खास है, और सिंधी संस्कृति की पहचान भी है।
भोजपुरी संस्कृति- बाटी चोखा
भोजपुरी संस्कृति के स्टॉल पर पूर्वांचल की मशहूर बाटी चोखा आकर्षक का केंद्र रहा। स्टॉल संचालक वेदप्रकाश ने बताया कि यहां दही चूड़ा, खीर,गुलाब जामुन व गुड़ की मिठाई खास है,जोकि ग्रामीण संस्कृति की पहचान है।
तमिलनाड़ृ संस्कृति: इटली डोसा
तमिलनाडू़ संस्कृति के स्टॉल पर दक्षिण संस्कृति के खानपान लोगों को खूब पंसद आया। स्टॉल संचालक रवि तेवर ने बताया कि स्टॉल पर न केवल इटली डोसा बल्कि बड़ापाव, पन्यौरमन उपमा जैसे व्यजंन मिल रहे हैं।
उड़िया संस्कृति: रागी खोरी
उड़िया संस्कृति स्टॉल पर एन्डरोपीठा, कोड़व, मोडिया खरी व अन्य तरह के व्यजंन लगाये गये है। स्टॉल संचालक कपिल चंद्र ने बताया कि हमारे याहं उड़िया संस्कृति से जुड़े खानपान की सामाग्री के स्टॉल लगाये गये हैं।
केरल संस्कृति: केरला के व्यजंन
केरल संस्कृति स्टॉल पर केरला जुड़े कई तरह के व्यजंन लगाये गये हैं। स्टॉल संचालक प्रतिमा ने बताया कि केरल की संस्कृति के अलावा इटली बड़ा, इंडियप्पन, पचड़ी, सोम्बार व अन्य तरह के व्यजंन शामिल हैं।
बंगाली संस्कृति: खजूर का रसगुल्ला
बंगाली संस्कृति स्टॉल पर खजूर का रसगुल्ला लोगों को खूब भाया। स्टाल संचालक नंदिता सेन ने बताया कि बंगाली पकवान के अलावा औरेंज रसगुल्ला बंगाल में बहुत प्रसिद्ध है, यहां पर भी ज्यादा बिक्री हो रही है।
ओडीओपी एमएसएमई: खादी के उत्पाद
प्रदेश सरकार के ओडीओपी एमएसएमई स्टॉल पर खादी के बने सामाग्री आकर्षण केंद्र बना रहा। शिव राजपूत ने बताया कि एक जिला एक उत्पाद का संदेश देते हुए यह अपने आप में अलग है, जो स्वदेशी की पहचान है।
क्रिसमस: क्रिसमस का केक
क्रिसमस स्टॉल पर विभिन्न तरह के क्रिसमस केक के व्यजन बनाये गये हैं। दीपिका गुप्ता ने बताया कि घर से बनाया हुआ केक न केवल देखने में अच्छा लगता है बल्कि खाने में स्वादिष्ट है।
संगम समाज गढ़भोज: बांस का अचार
संगम समाज गढ़भोज स्टॉल पर बास का अचार अपने आप में अलग है। मधु नेगी ने बताया कि गड़वाली पकवान, चावल की रोटी, पालक का अचार व अन्य व्यजंन लोगों को खूब भा रहा है।
गोरखा संस्कृति: नेपाली पकवान
गोरखा संस्कृति स्टॉल पर कई तरह के नेपाली पकवान लगाये गये थे। स्टॉल संचालक गौरव सिंह ने बताया कि केले का पकवान, आलू का पराठा व अन्य तरह के व्यजंन अपने आप में अलग है।
गुजराती संस्कृति: आलू अचार
गुजराती संस्कृति स्टॉल पर आलू का अचार लोगों को आकर्षिक किया। स्टॉल संचालक प्रदीप ने बताया कि चना की रोटी, अमूक व कई तरह के गुजराती व्यजंन लगे हैं जो अपने आप में गुजरात की संस्कृति को दर्शाता है।
मुस्लिम समाज संस्कृति: रमजान के पकवान
मुस्लिम समाज संस्कृति स्टॉल पर रोजे से जुड़े पकवान के व्यजंन लगाये गये हैं। इज्जत हुसैन ने बताया कि मुस्लिम संस्कृति का यह व्यजंन सभी धर्म को एक सूत्र में बांधता है।
गृह उद्योग से महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को सशक्त बनाना
गृह उद्योग से महिला सशक्तिकरण के स्टॉल पर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का संदेश दिया गया है। श्रद्धा ने बताया कि कोरोना काल में जिस तरह से लोग सड़क पर आ गये थे। उन्हें रोजगार के अवसर मिले।
महिला सशक्तिकरण: रोजगार के साधन
महिला सशक्तिकरण स्टॉल पर हाथ से बनाये कई तरह की सामाग्री लगाई गई थी। स्टॉल् संचालक मनीषा ने बताया कि महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जाए व उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए, इस उद्देश्य के खानपान व अन्य सामाग्री के स्टॉल लगाये गये हैं।
लखनवी खास मक्खन मलाई: मलाई व बदाम का दूध
लखनवी खास मक्खन मलाई स्टॉल् पर दूध से बने कई तरह के व्यजंन लगाये गये थे। स्टॉल संचालक सत्यपाल सिंह ने बताया कि मख्खन मलाई व बदाव का दूध सेहत के लिए लाभदायक है।
आइसक्रीम स्टॉल्: खुद से बने व्यजंन
आइसक्रीम स्टॉल् पर खुद से बने तरह- तरह के आइसक्रीम अपने आप में स्वादिष्ट रहा। संचालक मोहम्मद शकील ने बताया कि स्वदेशी आइसक्रीम कंपनी के आइसक्रीम से स्वादिष्ट और लाभदायक है।
श्री अन्न,मोटा अनाज: मक्के की रोटी
श्री अन्न, मोटा अनाज स्टॉल पर मक्के की रोटी व माटे अनाज से बने व्यजंन आकर्षित केंद्र रहा। अल्का तोमर ने बताया कि मक्के की रोटी, दही बाड़ा, ज्वार का समोसा अपने आप में स्वादिष्ट है और शरीर के लिए लाभदायक भी है।
श्री अन्न, मोटा अनाज स्टॉल-2: केमिकल फ्री पदार्थ
श्री अन्न, मोटा अनाज स्टॉल-2 पर लगे केमिकल फ्री पदार्थ जोकि शरीर के लिए लाभदायक है। मुकेश यादव ने बताया कि यहां सरसो का तेल, आवला, दाल, चावल व आटा मोटे अनाज से बना हुआ है।
जैविक कृषक सहकारी संघ बांदा: जैविक पदार्थ
जैविक कृषक सहकारी संघ बांदा स्टॉल पर जैविक पदार्थ जोकि बिना खाद के तैयार किये गये हैं। राम द्विवेदी ने बताया कि जैविक पदार्थ के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है।
रेशम विभाग स्टॉल: रेशम के बने सामान
रेशम विभाग स्टॉल पर रेशम के बने सामान अपने आप में अनोखा रहा। आशुतोष ने बताया कि हाथ से बने पदार्थ व खादी सामाग्री लोगों को खुब आकर्षित किया।
रेनवो संगठन: सामाग्री से बेचकर दिव्यांग बच्चों की होती है मदद
रेनवो स्टॉल पर लगी सामाग्री बेचकर दिव्यांग बच्चों की शिक्षा व उनकी जरूरतों को पूरा किया जाता है। आकाश दूबे ने बताया कि इस स्टॉल का उद्देश्य ही है दिव्यांग बच्चों की मदद करना।
जूट एसोसिएशन: महिला सशक्तिकारण को बढ़ावा देना
जूट एसोसिएशन का उद्देश्य ही है महिलाओं को सशक्त बनाना। शैलेंद्र ने बताया कि महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए इस तरह के कार्यक्रम किये जाते हैं।
शक्ति लाइट: पानी से जलने वाली दीया
शक्ति लाइट स्टॉल पर पानी से जलने वाली दिया लोगों के लिए आकर्षित का केंद्र रहा है। प्राची रावत ने बताया कि हमारे स्टॉल पर लगे सभी सामाग्री खूद से बनाई हुई है। जोकि स्वरोजगार के संदेश देती है।
डीएस खादी ग्रामोद्योग: चिकनकारी सामग्री
डीएस खादी ग्रामोद्योग स्टॉल पर चिकनकारी सामग्री अपने आप में आकर्षित का केंद्र रहा है। दिव्यांश ने बताया कि चिकनकारी साड़ी व अन्य कपड़े जोकि हाथ से बनाये गये हैं।
आरएस स्टॉ्ल: दिव्यांग से बनाये गये सामग्री
आरएस स्टॉल् पर दिव्यांगों द्वारा बनाये गये सामग्री लोगों का मन मोह लिया। स्टॉल संचालक सुमन ने बताया कि बच्चों ने अगरबत्ती, माला व अन्य तरह के सामाग्री बनाये हैं।
ग्रीन स्टॉल: चिकनकारी सामग्री
ग्रीन स्टॉल पर चिकनकारी सामग्री आकर्षित केंद्र रहा। विजय ने बताया कि यहां खादी से बने कपड़े व अन्य तरह के सामाग्री बनाई जाती है।