79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से दिए संबोधन में पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर भी बात की। अपने संबोधन के 7वें मिनट में पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर बात शुरू की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने हमारी देश की सेना के शौर्य की तारीफ की और साफ कहा कि अब खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अब परमाणु हमले की धमकी को बर्दाश्त नहीं करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर में हमारे वीर जांबाज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी। 22 अप्रैल को सीमापार से आए आतंकियों ने लोगों को धर्म पूछ-पूछकर मारा, पत्नियों के सामने उनके पति को और बच्चों के सामने उनके पिता को गोलियों से छलनी कर दिया। पूरा देश आक्रोश से भरा हुआ है और पूरा विश्व भी इस जनसंहार से चौंक गया। ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है। 22 तारीख के बाद हमने हमारी सेना को खुली छूट दे दी। रणनीति, लक्ष्य वो तय करें और हमारी सेना ने वो करके दिखाया, जो कई दशकों से कभी हुआ नहीं हुआ था। सैंकड़ों किलोमीटर दुश्मन की सीमा में घुसकर आतंक की इमारतों को खंडहर बना दिया। पाकिस्तान में हुई तबाही के अभी भी नए-नए खुलासे हो रहे हैं।
हमारा देश कई दशकों से आतंक को झेलता आया है। देश के सीने को छलनी कर दिया गया। आतंक को और आतंकियों को पालने-पोसने वालों को अब हम अलग-अलग नहीं मानते। वो मानवता के समान दुश्मन हैं, जिनमें कोई फर्क नहीं। भारत ने तय कर लिया है कि परमाणु हमले की धमकियों को हम अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे। आगे भी अगर दुश्मनों ने ये कोशिश जारी रखी तो ये सेना तय करेगी, सेना की शर्तों, समय पर मुंहतोड़ जवाब देंगे। हमने तय किया है खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। अब देशवासियों को पता चला कि सिंधु नदी का समझौता कितना अन्यायपूर्ण और एकतरफा है। भारत की नदियों से निकला पानी दुश्मनों के खेत सींच रहा है और मेरे देश की धरती पानी के पिना प्यासी है। इस समझौते ने पिछले सात दशक से देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया।