जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. बीके सुमन ने बताया कि हर दिन ऐसे मामले आ रहे हैं कि बुखार के मरीजों को 10 से 15 दिन तक इलाज कराना पड़ रहा है। डेंगू के मरीजों में तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, आंखों में दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते दिखने लगते हैं।
उमस भरी गर्मी और कभी-कभार हो रही बारिश के बीच वायरल फीवर के साथ टाइफाइड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यह बीमारी 10-15 दिन तक परेशान कर रही है। लोग वायरल फीवर मानकर दवा खा रहे हैं और जांच में टाइफाइड या डेंगू सामने आ रहा है। डॉक्टर भी तीन दिन में बुखार ठीक नहीं होने पर टाइफाइड या डेंगू की जांच कराने की सलाह देने लगे हैं।
जुलाई की गर्मी के बाद अगस्त के पहले सप्ताह हुई झमाझम बारिश ने बड़ी राहत दी थी लेकिन बाद में बारिश कम होने और तेज धूप के चलते लोग बीमार होने लगे। मौसम के इस बदलाव का सबसे अधिक असर कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों पर पड़ा। लोग वायरल फीवर की चपेट में आने लगे। अगस्त में बुखार के मरीजों में टाइफाइड के भी लक्षण मिलने लगे।
इन दिनों जिला अस्पताल की ओपीडी में सबसे अधिक मामले बुखार और डायरिया के आ रहे हैं। बुखार के मरीजों को कम से कम एक सप्ताह तक दवा खानी पड़ रही है। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. बीके सुमन ने बताया कि हर दिन ऐसे मामले आ रहे हैं कि बुखार के मरीजों को 10 से 15 दिन तक इलाज कराना पड़ रहा है।
डेंगू के मरीजों में तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, आंखों में दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते दिखने लगते हैं। जबकि टायफाइड की वजह से लंबे समय तक हल्का या तेज बुखार रहना, शरीर में कमजोरी, पेट दर्द और भूख न लगना आम लक्षण हैं। वायरल बुखार के मामलों में थकान, गले में खराश, खांसी-जुकाम और तेज तापमान देखने को मिलता है।