Grap 4: दिल्ली परिवहन विभाग के अनुसार, 2 नवंबर और 4 नवंबर के बीच प्रतिबंधित बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर 2.3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। राजधानी में कुल 1,153 चालान जारी किए गए।
देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाके की हवा जहर बन गई है। यहां लगातार बढ़ते प्रदूषण से लोगों का बुरा हाल है। उधर लगातार बिगड़ती फिजाओं के बीच रविवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण-lV को लागू कर दिया गया है। इस बीच सोमवार को दिल्ली सरकार ने कहा कि 10वीं और 12वीं को छोड़कर 10 नवंबर तक स्कूल बंद रहेंगे। हालांकि, ऑनलाइन रूप से कक्षाएं चालू रहेंगी। वहीं, 13 से 20 नवंबर तक राजधानी में आड-इवेन फार्मूला लागू रहेगा।
आइये जानते हैं कि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति क्या है? प्रदूषण को रोकने के लिए अभी क्या निर्णय लिया गया है? ग्रैप के चौथे चरण का मतलब क्या होता है? क्या प्रभावी हो रही हैं पाबंदियां?
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति क्या है? दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली में सोमवार के वायु प्रदूषण स्तर की बात करें तो, आरके पुरम में एक्यूआई 466, आईटीओ में 402, पटपड़गंज में 471 और न्यू मोती बाग में 488 दर्ज किया है। इससे पहले 4 नवंबर को शाम 4:00 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 415 दर्ज किया गया था, जो 5 नवंबर को सुधरने की बजाय और खराब हो गया। रविवार (5 नवंबर) को दोपहर दो बजे के आसपास एक्यूआई 461 और शाम चार बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 454 रहा।
प्रदूषण को रोकने के लिए अभी क्या निर्णय लिया गया है? दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच ग्रैप को लागू करने वाली उप-समिति की बैठक हुई। इस दौरान उप-समिति ने क्षेत्र में वायु गुणवत्ता की मौजूदा परिस्थिति के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूर्वानुमानों की व्यापक समीक्षा की। उप-समिति ने कहा कि दिल्ली का एक्यूआई शनिवार से बढ़ रहा है और अब गंभीर + श्रेणी में है। पूर्वानुमान भी मौजूदा स्थिति में सुधार की कोई संभावना नहीं बताता है और आने वाले दिनों में AQI गंभीर+ श्रेणी में रहने की आशंका है।
समिति ने पाया कि अत्यधिक प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण AQI के आगे भी गंभीर + श्रेणी में बने रहने की आशंका है। वायु गुणवत्ता की मौजूदा प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के प्रयास में उप-समिति ने निर्णय लिया कि ग्रैप के चरण IV के तहत सभी कार्रवाई की जाएगी।
क्या होता है ग्रैप, इसका चौथा चरण क्या है? पिछले कुछ वर्षों में देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 2 दिसंबर 2016 में एमसी मेहता बनाम भारत संघ के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। आदेश के अनुसार, विभिन्न वायु गुणवत्ता सूचकांक के तहत कार्यान्वयन के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप तैयार किया गया है।
ग्रैप को दिल्ली एनसीआर में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के 4 विभिन्न चरणों के हिसाब से बांटा गया गया है। ग्रैप का चरण-l उस वक्त लागू होता है, जब दिल्ली में AQI का स्तर 201-300 के बीच होता है। ग्रैप का दूसरा चरण उस परिस्थिति में प्रभावी होता है, जब राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 301-400 के बीच ‘बहुत खराब’ मापा जाता है।
चरण III ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता के बीच लागू किया जाता है। इस वक्त दिल्ली में एक्यूआई 401-450 के बीच होता है। वहीं ग्रैप कार्य योजना का अंतिम और चरण IV ‘गंभीर +’ वायु गुणवत्ता की परिस्थिति में लागू किया जाता है जो मौजूदा समय में दिल्ली में प्रभावी है। चौथे चरण को लागू करने के लिए दिल्ली में AQI स्तर 450 से ज्यादा होना चाहिए। दूसरे और तीसरे चरण की तरह चरण IV के तहत कार्रवाई एक्यूआई के 450 के अनुमानित स्तर तक पहुंचने से कम से कम तीन दिन पहले ही शुरू की जाती है।
ग्रैप-IV में क्या पाबंदियां लागू होती हैं? ग्रैप के चरण-IV के अनुरूप 8-सूत्रीय कार्य योजना रविवार से पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। इस 8-सूत्रीय कार्य योजना में विभिन्न एजेंसियों और एनसीआर तथा डीपीसीसी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा कार्यान्वित या सुनिश्चित किए जाने वाले कदम शामिल हैं। ये कदम हैं:
दिल्ली में ट्रक यातायात का प्रवेश रोकना (आवश्यक वस्तुएं लाने-ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों और सभी एलएनजी/सीएनजी/इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर)।
ईवी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल वाहनों के अलावा दिल्ली के बाहर पंजीकृत एलसीवी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति न देना। इसमें सिर्फ आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले वाहन अपवाद होंगे।
दिल्ली में पंजीकृत, डीजल चालित मध्यम माल वाहनों (एमजीवी) और भारी माल वाहनों (एचजीवी) के दिल्ली में चलने पर प्रतिबंध होगा। आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ऐसे वाहन अपवाद होंगे।
राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, बिजली ट्रांसमिशन, पाइपलाइन जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं में भी निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध।
ग्रैप के चौथे चरण के तहत दिल्ली और एनसीआर में सरकारें कक्षा छह से नौ, कक्षा 11 के लिए भी कक्षाएं बंद करने और ऑनलाइन मोड में पढ़ाई करवाने पर निर्णय ले सकती हैं। दिल्ली में फिलहाल 10वीं और 12वीं को छोड़कर 10 नवंबर तक स्कूल बंद रहेंगे। ऑनलाइन रूप से कक्षाएं चालू रहेंगी।
एनसीआर राज्य सरकारें/जीएनसीटीडी सरकारी, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर निर्णय लेंगी।
केंद्र सरकार के कार्यालयों में कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने पर केंद्र सरकार उचित निर्णय ले सकती हैं।
राज्य सरकारें कॉलेजों या शैक्षिक संस्थानों को बंद करने और गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद करने, पंजीकरण संख्या के आधार पर सम-विषम के रूप में वाहनों को चलाने की अनुमति देने जैसे अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर भी विचार कर सकती हैं।
बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों के लिए खास सलाह इसके अलावा, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) एनसीआर के नागरिकों से अपील की है कि वे ग्रैप को लागू करने में सहयोग करें और सलाह दी गई है कि बच्चे, बुजुर्ग और श्वसन, हृदय या अन्य पुरानी बीमारियों वाले लोग बाहरी गतिविधियों से बचें और जितना संभव हो घर के अंदर रहें।
क्या प्रभावी हो रही हैं पाबंदियां? ग्रैप के तहत शहर में करीब 1.5 लाख पेट्रोल चार पहिया वाहनों को ‘नहीं चलने वाली’ श्रेणी में रखा है। उधर दिल्ली परिवहन विभाग ने एक अधिसूचना में कहा है कि नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने वाले किसी भी चार पहिया वाहन पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि, लोग इन पाबंदियों को गंभीरता से लेते नजर नहीं आ रहे हैं।
परिवहन विभाग की कार्रवाई रिपोर्ट के अनुसार, 2 नवंबर (जब चरण 3 लागू किया गया था) और 4 नवंबर के बीच बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर 2.3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कुल 1,153 चालान जारी किए गए, जिनमें से 162 परिवहन विभाग द्वारा और 953 यातायात पुलिस द्वारा जारी किए गए। ग्रैप को लागू करने के लिए 114 टीमें तैनात की गई हैं।