डीएम कार्यालय में पहुंचे कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। कर्मचारियों की मांग थी कि आरोपी खजनी तहसीलदार का स्थानांतरण किया जाए और उन्हें किसी भी तहसील में पोस्टिंग न दी जाए। कर्मचारियों का कहना था कि आरोपी तहसीलदार ने गोरखपुर सदर में रहते भी कई लोगों से अभद्रता की थी। उनका एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। ऐसे में अगर किसी तहसील में तैनाती होगी तो फिर वह अभद्रता करेंगे।
उनवल (गोरखपुर)। खजनी तहसीलदार ध्रुवेश कुमार सिंह पर एसडीएम के पेशकार सुशील श्रीवास्तव को गाली देने का आरोप है। घटना की जानकारी पर शुक्रवार को जिले के सभी तहसीलों के कर्मचारी डीएम कार्यालय पहुंचे और विरोध में प्रदर्शन किया।
चर्चा है कि पीड़ित पेशकार ने डीएम को अपना इस्तीफा भी भेज दिया है। डीएम ने एडीएम प्रशासन को दोनों पक्ष से वार्ता कर मामले का हल निकालने के निर्देश दिए हैं। देर शाम एडीएम ने दोनों पक्ष से मामले की जानकारी ली।
जानकारी के मुताबिक, एसडीएम खजनी के न्यायालय से एक पत्रावली स्थानांतरित होकर तहसीलदार के न्यायालय में गई थी। 31 जुलाई को पोर्टल पर समीक्षा के दौरान पत्रावली लंबित दिखने पर एसडीएम ने पेशकार सुशील श्रीवास्तव से जानकारी ली। पेशकार का कहना है कि उन्होंने एसडीएम को बताया कि यह पत्रावली तहसीलदार न्यायालय से संबंधित है।
इस पर एसडीएम ने इसे तहसीलदार न्यायालय को भेजने का निर्देश दिया। आरोप है कि पुरानी पत्रावली स्थानांतरित होने से नाराज तहसीलदार खजनी ने शुक्रवार को एसडीएम के पेशकार को बुलाकर अपने न्यायालय में गाली दी। पेशकार सुशील श्रीवास्तव का कहना है कि वह बिना विरोध जताए अपने कोर्ट में आ गए।
पीछे से तहसीलदार ने पहुंचकर दोबारा गाली दी। पेशकार ने घटना की जानकारी मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा को दी। शुक्रवार दोपहर 12 बजे खजनी तहसील के कर्मचारी तालाबंदी कर डीएम को
ज्ञापन देने कलक्ट्रेट चले गए।
डीएम कार्यालय में पहुंचे कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। कर्मचारियों की मांग थी कि आरोपी खजनी तहसीलदार का स्थानांतरण किया जाए और उन्हें किसी भी तहसील में पोस्टिंग न दी जाए। कर्मचारियों का कहना था कि आरोपी तहसीलदार ने गोरखपुर सदर में रहते भी कई लोगों से अभद्रता की थी। उनका एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। ऐसे में अगर किसी तहसील में तैनाती होगी तो फिर वह अभद्रता करेंगे।
इस प्रकरण की जानकारी है। एडीएम प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वह दोनों पक्ष से बात कर मामले का हल निकालें। अगर जरूरत पड़ी तो प्रकरण में विभागीय जांच भी कराई जाएगी: दीपक मीणा, डीएम