टैरिफ की चिंताओं और कमजोर रुपये के कारण सोने की कीमत लगातार सातवें सत्र में मजबूत रही। मंगलवार को राजधानी दिल्ली में सोने की कीमत 400 रुपये की बढ़त के साथ 1,06,070 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए उच्च स्तर पर पहुंच गई। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव भी 400 रुपये बढ़कर 1,05,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। वहीं चांदी की कीमत 100 रुपये बढ़कर 1,26,100 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।
पिछले सात सत्रों में सोने की कीमत
पिछले सात सत्रों में सोने की कीमत 5,900 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़ चुकी है। चालू कैलेंडर वर्ष में सोने की कीमतें 34.35 प्रतिशत बढ़ी हैं। यह 31 दिसंबर, 2024 को 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 1,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई हैं।
पिछले तीन सत्रों में चांदी की कीमत
पिछले तीन सत्रों में चांदी की कीमतों में 7,100 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी आई है। इस साल अब तक चांदी ने सोने से बेहतर प्रदर्शन किया है। दिसंबर 2024 के अंत में 89,700 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर से अब तक चांदी में 40.58 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है।
रुपया डॉलर के मुकाबले सर्वकालिक निम्न स्तर पर बंद हुआ
अमेरिकी टैरिफ में बढ़ोतरी और अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये में गिरावट के कारण सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ रही है। मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 8 पैसे की गिरावट के साथ 88.18 के सर्वकालिक निम्न स्तर पर बंद हुआ। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की अनिश्चितता और कमजोर घरेलू शेयर बाजारों ने स्थानीय इकाई पर दबाव डाला।
अमेरिकी अदालत ने टैरिफ नीति को गलत बताया
ऑग्मोंट की अनुसंधान प्रमुख रेनिशा चैनानी ने कहा कि पिछले सप्ताह अमेरिकी अपील अदालत द्वारा व्हाइट हाउस के तथाकथित पारस्परिक टैरिफ को गैरकानूनी बताने के फैसले को बरकरार रखने के बाद मंगलवार को सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। न्यायालय ने कहा कि टैरिफ अक्टूबर के मध्य तक लागू रह सकते हैं। हालांकि, राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस निर्णय की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बढ़ी
कमोडिटी बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, इस घटनाक्रम ने अमेरिकी टैरिफ के आर्थिक प्रभाव को लेकर अनिश्चितता बढ़ा दी है। इनमें से अधिकांश अगस्त में लागू हुए थे। टैरिफ के खिलाफ कोई भी फैसला वाशिंगटन को प्रमुख व्यापारिक साझेदारों के साथ हालिया समझौतों पर बातचीत करने के लिए भी मजबूर करेगा।
वैश्विक बाजार में सोना सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा
अंतरराष्ट्रीय बाजार में, न्यूयॉर्क में हाजिर सोना अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर से फिसलकर 3,477.41 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। कारोबार के दौरान, पीली धातु 3,508.54 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई।
एक्सिस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक (कमोडिटीज) देवेया गगलानी ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता को लेकर चिंता, ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों और टैरिफ संबंधी अनिश्चितता के बीच हाजिर सोने की कीमतें 3,508 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। इससे सुरक्षित निवेश की मांग को बढ़ावा मिला।
चांदी की कीमतों में गिरावट का कारण
हालांकि, हाजिर चांदी 1.08 प्रतिशत गिरकर 40.29 डॉलर प्रति औंस पर आ गई। विश्लेषकों ने चांदी की कीमतों में भारी गिरावट का कारण अल्पकालिक निवेशकों द्वारा अचानक मुनाफावसूली को बताया।
2011 के बाद चांदी 40 डॉलर प्रति औंस पर पहुंची
चांदी में उल्लेखनीय तेजी जारी रही और 2011 के बाद पहली बार यह 40 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई। सोमवार को हाजिर कीमतें 41.24 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गईं, जिसके बाद अंत में यह 39.71 डॉलर प्रति औंस के आसपास बंद हुईं।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की शोध विश्लेषक (कमोडिटीज एवं करेंसी) रिया सिंह ने कहा कि मंगलवार को यह सफेद धातु 40.85 डॉलर के स्तर तक पहुंच गई। यह एक दशक से अधिक समय में इसका सबसे मजबूत स्तर है।
निवेशकों की है इन पर नजर
अबान्स फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा कि भू-राजनीति भी केंद्र में बनी हुई है। साथ ही भारत, रूस और चीन के बीच संबंधों के मजबूत होने के संकेत हैं। इससे अमेरिकी प्रभाव और डॉलर पर दबाव पड़ सकता है, जिससे बुलियन की कीमतों को बढ़ावा मिलेगा। मेहता ने कहा कि निवेशक अब फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति के बारे में नए संकेत के लिए आगामी अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं। इसमें रोजगार के अवसर, एडीपी रोजगार और गैर-कृषि वेतन शामिल हैं।