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भारत

Delhi ordinance: दिल्ली को कितना बदल देगा ये कानून, मुफ्त बिजली-पानी की सुविधाओं पर रोक की आशंका कितनी सही

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आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा है कि इस कानून के बाद दिल्ली की जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार अपने लोगों की भलाई के लिए काम नहीं कर पाएगी। चुनी हुई सरकार का अधिकारियों पर कोई कंट्रोल नहीं होगा, जिससे वे दिल्ली सरकार की बात नहीं मानेंगे.

संसद में गतिरोध के कारण बुधवार को भी दिल्ली अध्यादेश विधेयक पर चर्चा नहीं हो सकी, लेकिन दिल्ली में आम जनता के बीच लगातार इस बात पर बहस जारी है कि यह नया कानून आ जाने के बाद दिल्ली कितनी बदल जाएगी। अधिकारियों की नियुक्ति कमेटी के जरिए होगी, जिसके चेयरमैन स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। दिल्ली को सेवाओं के बारे में कानून बनाने का अधिकार भी होगा। लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों से उनकी सेवाओं को लेकर कोई गलती होने पर दिल्ली सरकार के पास उसे दंडित करने का विकल्प बेहद सीमित होगा। ऐसे में आशंका यही रहेगी कि अधिकारी दिल्ली सरकार की बजाय उपराज्यपाल के जरिए केंद्र की ही बात सुनेंगे। ऐसे में दिल्ली का कामकाज प्रभावित होगा और सरकार बहुत से ऐसा काम नहीं कर पाएगी जो वह करना चाहती है।  

आम आदमी पार्टी आरोप लगाती रही है कि दिल्ली अध्यादेश के कानून बनने के बाद लोगों को मिल रही मुफ्त बिजली-पानी की सुविधाओं पर रोक लगा दी जाएगी। दिल्ली सरकार जिन लोगों को मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी और मुफ्त यात्राओं की सुविधा दे रही है, नया कानून आने के बाद उन पर रोक लगा दी जाएगी। इससे लोगों के बीच आशंका बढ़ रही है।

आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा है कि इस कानून के बाद दिल्ली की जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार अपने लोगों की भलाई के लिए काम नहीं कर पाएगी। चुनी हुई सरकार का अधिकारियों पर कोई कंट्रोल नहीं होगा, जिससे वे दिल्ली सरकार की बात नहीं मानेंगे। जबकि इन पर उपराज्यपाल के जरिए केंद्र सरकार का कंट्रोल होगा और इस कारण सभी अधिकारी केंद्र के इशारे पर काम करेंगे। इससे दिल्ली सरकार के कामकाज में समस्या आएगी और लोगों के हित के लिए काम नहीं हो सकेंगे।

आप का नया झूठ- भाजपा

दिल्ली भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि आम आदमी पार्टी का यह नया झूठ है जिसमें वह बिना किसी आधार के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि नए कानून में भी दिल्ली सरकार को सेवाओं पर नया कानून बनाने की छूट दी गई है। इससे सरकार लोगों के लिए बेहतर कानून बना सकेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की नियुक्ति अभी भी उस पैनल के माध्यम से होगी, जिसके चेयरमैन स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। ऐसे में किसी सेवा को रोकने या बाधित किए जाने की बात कहना पूरी तरह झूठ है।

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