कल देर रात शुरू हुई बारिश का सिलसिला बीच में बूंदाबांदी में बदल गया था मगर सवेरे के समय एक बार फिर तेज बारिश होने लगी। देर रात से सुबह तक हुई बारिश के कारण गाजीपुर बॉर्डर पर जाम के हालात हैं।
दिल्ली में प्रदूषण से बचने के लिए सरकार की कृत्रिम बारिश की तैयारियों के बीच मौसम ने अचानक करवट ली है। दिल्ली-एनसीआर में बारिश हुई है। इससे मौसम में ठंडक का अहसास बढ़ गया है। कल देर रात शुरू हुई बारिश का सिलसिला बीच में बूंदाबांदी में बदल गया था मगर सवेरे के समय एक बार फिर तेज बारिश होने लगी। साथ में बादल गरज रहे थे। और बिजली चमक रही थी। देर रात से सुबह तक हुई बारिश के कारण गाजीपुर बॉर्डर पर जाम के हालात हैं। इससे एक्यूआई में बड़े पैमाने पर सुधार बताया जा रहा है।
#WATCH | Rain lashes parts of the national capital.
जिस तरह के दिल्ली-एनसीआर में कल देर रात से सवेरे तक बारिश हुई उससे वायु गुणवत्ता सूचकांक तेजी से नीचे गिरने की संभावना है क्योंकि बारिश और हवाओं ने धुंध और कोहरा छांट दिया है। दिल्ली के जिन इलाकों में कई दिनों से एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया जा रहा था वहां अब उसमें खासी कमी आई है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि आनंद विहार और आरके पुरम में एक्यूआई 200 के नीचे आ गया है। अन्य इलाकों में भी एक्यूआई में सुधार दर्ज किया गया है।
कृत्रिम बारिश की तैयारी दिल्ली में प्रदूषण की मार को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश के लिए सरकार तैयारी कर रही है। दिल्ली सरकार ने मुख्य सचिव को तैयारी करने का आदेश दिया है। साथ ही बताया है कि दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश में आने वाले सभी खर्च को उठाने को तैयार है। इस संबंध में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार को अपना पक्ष भी रखना है। दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि यदि केंद्र सरकार सहयोग दें तो दिल्ली में 20 नवंबर को पहली बार कृत्रिम बारिश करवाई जा सकती है।
अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए क्लाउड सीडिंग से कृत्रिम बारिश कराने की योजना बनाई है। एक दिन पहले ही पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया था कि आईआईटी-कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ इसे लेकर बैठक की। इसमें मंत्री को बताया गया कि क्लाउड सीडिंग का प्रयास केवल तभी किया जा सकता है, जब बादल हों या वातावरण में नमी हो। विशेषज्ञों का अनुमान है कि ऐसी स्थितियां 20 या 21 नवंबर के आसपास विकसित हो सकती हैं।
कृत्रिम बारिश में इन पदार्थों का होगा इस्तेमाल अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने वैज्ञानिकों से एक प्रस्ताव तैयार करने को कहा है जिसे उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। बता दें कि क्लाउड सीडिंग के माध्यम से कृत्रिम बारिश में संघनन को प्रोत्साहित करने के लिए हवा में पदार्थों को फैलाया जाता है। इसके बाद वर्षा होती है। सबसे अधिक क्लाउड सीडिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले सामान्य पदार्थों में सिल्वर आयोडाइड, पोटेशियम आयोडाइड और सूखी बर्फ (ठोस कार्बन डाइऑक्साइड) शामिल हैं।