Connect with us
https://hindustannetwork.com/wp-content/uploads/2025/02/aisss2.jpeg

क्रिप्टो

Cryptocurrency: सरकार की डिजिटल संपत्तियों पर रहेगी कड़ी नजर, क्रिप्टोकरेंसी पर मनी लॉन्ड्रिंग प्रावधान लागू

Published

on

वित्त मंत्रालय ने कहा कि क्रिप्टो ट्रेडिंग, सुरक्षित रखने और संबंधित वित्तीय सेवाओं के लिए एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून लागू किया गया है। वहीं इसके बाद अब भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई भारत को संदिग्ध गतिविधि की सूचना देनी होगी।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि क्रिप्टो ट्रेडिंग, सुरक्षित रखने और संबंधित वित्तीय सेवाओं के लिए एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून लागू किया गया है। वहीं इसके बाद अब भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई भारत को संदिग्ध गतिविधि की सूचना देनी होगी।

देश में अब क्रिप्टोकरेंसी के जरिए किसी अवैध काम को अंजाम देना अब मुश्किल हो जाएगा। सरकार ने डिजिटल संपत्तियों की निगरानी कड़ी करने के मकसद से क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल संपत्ति पर धन शोधन रोधी प्रावधान (PMLA) लागू कर दिया है। सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार क्रिप्टो ट्रेडिंग को सुरक्षित रखने और संबंधित वित्तीय सेवाओं पर एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून लागू किया गया है। मोटे तौर पर सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन का साफ मतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े किसी भी वित्तीय गड़बड़ी की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से की जा सकेगी।

सरकार की ओर से जारी नए निर्देशों के अनुसार अब भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई भारत को क्रिप्टो बाजार में होने वाली हर संदिग्ध गतिविधि की सूचना देनी होगी। यह कदम बैंकों या स्टॉक ब्रोकरों जैसी अन्य विनियमित संस्थाओं के समान मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी मानकों का पालन करने जैसा है। अब उसी तर्ज पर क्रिप्टोएक्सचेंजो को भी काम करना होगा। इसके साथ क्रिप्टोबाजार में निवेश होने वाले हर लेन-देन की केवाईसी को भी अनिवार्य कर दिया गया है।

डिजिटल करेंसी और एसेट्स जैसे एनएफटी (नॉन-फंजिबल टोकन) ने पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर काफी पहुंच बनाई है। क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों के लॉन्च होने के साथ इन परिसंपत्तियों में व्यापार कई गुना बढ़ गया है। हालांकि, पिछले साल तक भारत के पास ऐसे परिसंपत्ति वर्गों को विनियमित करने या कर लगाने पर कोई स्पष्ट नीति नहीं थी। लेकिन इन प्रावधानों के बाद डिजिटल करेंसी के जरिए अवैध व्यापार पर लगाम लग सकती है। कई मौके पर क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल टेरर फंडिंग और कालाधन छुपाने के लिए किए जाने की खबरें आती रही हैं। माना जा रहा है कि इसी को रोकने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है।  

अधिसूचना में कहा गया है कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स और फिएट करेंसी के बीच एक्सचेंज, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के एक या अधिक रूपों के बीच एक्सचेंज, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स का ट्रांसफर, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स का सुरक्षित रखरखाव या प्रशासन या वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर नियंत्रण को सक्षम करने वाले उपकरण, और में भागीदारी किसी जारीकर्ता की आभासी डिजिटल संपत्ति की पेशकश और बिक्री से संबंधित वित्तीय सेवाओं का प्रावधान अब धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 द्वारा कवर किया जाएगा।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *