सरसुंदरलाल अस्पताल में दवा कंपनियों के एमआर के आने काे लेकर प्रशासन ने आदेश जारी किया है। अब इस पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, तीन साल पहले भी ऐसा ही आदेश जारी किया गया था, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया था।
बीएचयू अस्पताल में ओपीडी से लेकर ओटी और वार्डों में दवा कंपनियों के एमआर बेधड़क प्रवेश कर रहे हैं। डॉक्टरों के कमरे के बाहर हर समय एमआर हाथ में बैग लेकर आपको खड़े नजर आ जाएंगे। अस्पताल प्रशासन ने एक आदेश जारी कर अस्पताल परिसर में एमआर के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।
यह कोई पहला आदेश नहीं है। तीन साल पहले भी ऐसा ही आदेश हुआ था लेकिन इसका पालन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में एक बार फिर जारी आदेश का पालन कराना अस्पताल प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी।
बीएचयू अस्पताल और सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में चलने वाली ओपीडी में दूर दराज से मरीज केवल इसीलिए जल्दी आते हैं कि वह डॉक्टर को जल्दी दिखा सकें। यहां आने पर पता चलता है कि डॉक्टरों के कमरे के बाहर दवा कंपनियों के एमआर खड़े रहते हैं। इस वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
एमआर की भीड़ आए दिन हृदय रोग विभाग, गैस्ट्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, इंडोक्राइनोलॉजी आदि जगहों पर देखने को मिलती है। सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में तो कुछ विभागों में डॉक्टरों के कमरे के बाहर लंबी लंबी लाइन दिखती है। यहीं नहीं आईएमएस बीएचयू में भी जो विभाग बने हैं, वहां डॉक्टर के कमरे के बाहर भी एमआर खड़े होते दिख जाएंगे। इस तरह की स्थिति तब है जब बार बार आदेश जारी कर इस तरह की गतिविधि पर रोक लगाई जा रही है।
यह है बीएचयू का आदेश
अब अस्पताल के सहायक कुलसचिव और प्रशासनिक अधिकारी विश्वजीत साहा की ओर से जो नया आदेश 12 अगस्त को जारी किया गया है, उसमें लिखा है कि पहले भी एक आदेश जारी कर कहा गया था कि फार्मा इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों को सर सुन्दरलाल अस्पताल परिसर में डॉक्टर से मिलने की अनुमति नहीं होगी।
इसके बाद भी पैरामेडिकल कर्मियों एवं सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा यह पाया गया है कि मेडिकल प्रतिनिधि ओपीडी, ओटी कॉम्प्लेक्स और वार्ड क्षेत्रों में प्रवेश कर रहे हैं। डॉक्टरों द्वारा ही उन्हें समय दिया जा रहा है। यह अस्पताल नियमों के विरुद्ध है। अब फार्मा मीटिंग्स को ओपीडी परिसर, ओटी कॉम्प्लेक्स और वार्ड क्षेत्रों में नहीं किया जा सकेगा। अगर ऐसा होता है तो सभी पक्षों के विरुद्ध उचित प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।