सौर ऊर्जा सूरज की रोशनी से मिलने वाली ऊर्जा को कहते हैं। भारत और अन्य ट्रॉपिकल क्लाइमेट वाले देशों में सौर ऊर्जा फॉसिल ईंधनों से मिलने वाली ऊर्जा का सर्वश्रेष्ठ विकल्प है।
फॉसिल(जीवाश्म) ईंधन कोयले और पेट्रोलियम आदि कहलाते हैं क्योंकि वे जीवाश्म से बनते हैं। सूरज से मिलने वाली एनर्जी खासकर कि जहां विश्वसनीय और पर्याप्त मात्रा में सूरज की रोशनी मिलती है ,वहां बेहद ही लाभप्रद स्त्रोत है।
सौर ऊर्जा की ज़रूरत क्यों
भारत जैसे देश में जहां लगभग 55 प्रतिशत ऊर्जा की ज़रूरतें कोयले से पूरी होती हैं, वहीं लगभग 70 प्रतिशत कोयला आयात किया जाता है। पिछले पांच वर्षों में 23 प्रतिशत उत्पादन में वृद्धि के बावजूद कोयले का आयात बढ़ा है। ऐसे में सौर ऊर्जा जैसे स्वच्छ स्त्रोत अर्थव्यवस्था पर बोझ की नज़र से भी एक व्यावहारिक विकल्प है। पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की ज़रूरतें तो हैं ही।
क्या है इसके फायदे
सौर ऊर्जा एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का स्त्रोत है, जिसे आप बार-बार और अनंत काल तक इस्तेमाल कर सकते हैं। सतत विकास की दिशा में यह अहम कदम है। साथ ही सौर ऊर्जा एक किफायती विकल्प है क्योंकि इससे बिजली के बिल कम हो जाते हैं। खासकर कि जब से सरकार इस क्षेत्र में विकास कर रही है और फोटोवोल्टिक क्षेत्र को भी बढ़ावा दिया जा रहा है तब से सौर बिजली की कीमतें भी कम हो गई हैं। इसके अलावा हीटिंग और लाइटिंग की जरूरतों के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, सोलर हीटर, सोलर लैंटर्न के माध्यम से। वहीं कुकिंग के लिए आपने सोलर कुकर देखा होगा न! सोलर कुकर में खाना धीमी गति से पकने के कारण अधिक स्वादिष्ट और सुपाच्य बनता है। यह बिलकुल जीरो खर्चे पर काम करता है। इसे आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।
सरकार के प्रयास इस दिशा में
सरकार इसी संदर्भ में कुसुम योजना चला रही है। कुसुम के तहत अनुपजाऊ जमीन को सौर ऊर्जा उत्पादित करने के क्षेत्र में बदलने के लिए सोलर पैनल इंस्टॉल करने के लिए सब्सिडी दी जाती है। खेतों में इस्तेमाल करने के अलावा बची बिजली को बेचकर आय कमाई जा सकती है। सोलर पैनल का रखरखाव भी सस्ता होता है। लोकल लेवल पर बिजली बनाए जाने का एक और फायदा है कि ग्रिड कनेक्टिविटी की चुनौतियों से बचा जा सकता है। इसी तरह रूफ टॉप सोलर स्कीम के तहत भी सपोर्ट और इंसेंटिव दिया जाता है पर फिलहाल इसके अनिवार्य किए जाने की आवश्यकता है। उदाहरण के तौर पर नगर निकायों द्वारा इसे लागू करने की आवश्यकता है ।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में ग्रीन उद्यमिता और रोजगार का भी बहुत स्कोप है। राष्ट्रीय सोलर मिशन के अलावा इंटरनेशनल सोलर एलायंस आदि प्रयासों के जरिए भारत अन्य ट्रापिकल देशों के साथ मिलकर सौर प्रोजेक्ट्स के लिए फंडिंग और संसाधनों को विकसित करने में जुटा हुआ है। पर अंततः जब तक इसकी जागरूकता नहीं फैलाई जायेगी तब तक यह आम जनता और मुख्य धारा के इस्तेमाल में नही आ सकेगी ।