Connect with us
https://hindustannetwork.com/wp-content/uploads/2025/02/aisss2.jpeg

Uncategorized

सीएम योगी बोले: गुरु तेग बहादुर ने अपना शीश दे दिया, लेकिन भारत का शीश बचा लिया, नई पीढ़ी को बताएं योगदान

Published

on

Prakash Parv of Shri Guru Gobind Singh Ji: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को डीएवी कॉलेज में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व में शामिल हुए। सीएम ने कहा कि गुरु तेग बहादुर सिंह ने अपना शीश दिया, लेकिन भारत का शीश  बचा दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज शहीद पिता के पुत्र हैं और शहीद पुत्रों के पिता भी हैं। गुरु तेग बहादुर जी महाराज ने देश व धर्म के लिए शहादत दी। गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज उस समय गुरु तेग बहादुर महराज को प्रेरित कर रहे थे कि देश व धर्म पर संकट है, यदि किसी महान आत्मा का बलिदान होगा तो जो विधर्मी हमारे देश व धर्म को नष्ट करते हुए उतावले दिखाई दे रहे हैं, वे बेनकाब होंगे और देश इसके खिलाफ खड़ा होगा। महान बलिदान के लिए आपसे उपयुक्त कौन हो सकता है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को डीएवी कॉलेज में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व में शामिल हुए। सीएम योगी ने समागम में आए बच्चों का कुशलक्षेम जाना और टॉफी-चॉकलेट वितरित किया। उन्होंने कहा कि 26-27 दिसंबर को पूरे देश ने गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के चारों साहिबजादों (बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह) के साथ जुड़ते हुए उनकी स्मृतियों को नमन किया और मां गुजरी के प्रति श्रद्धा व्यक्त की। 

गुरु तेग बहादुर ने अपना शीश दे दिया, लेकिन भारत का शीश बचा लिया 

सीएम ने कहा कि गुरु तेग बहादुर सिंह ने अपना शीश दिया, लेकिन भारत का शीश  बचा दिया। कश्मीर को बचाया, जो आज भी भारत का हिस्सा है। वजीर खान गुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिबजादों (जोरावर सिंह-फतेह सिंह) से कहता है कि इस्लाम स्वीकार कर लो, लेकिन इन लोगों ने कहा कि यह नहीं हो सकता। इस पर उन्हें जीवित ही दीवारों में चुनवा दिया गया। चमकौर युद्ध में बड़े साहिबजादों (बाबा अजीत सिंह व जुझार सिंह) ने शहादत को प्राप्त किया। इस दुख में मां गुजरी देवी

चार मुए तो क्या हुआ, जीवित कई हजार…

सीएम ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों से आगे बढ़ते हुए सब कुछ खोने के बाद भी गुरु गोबिंद सिंह ने एक ही बात कही कि चार मुए तो क्या हुआ, जीवित कई हजार… यह मंत्र आज भी पूरे भारत के लिए नई प्रेरणा है। ‘सवा लाख से एक लड़ाऊं, तब गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं…’ गुरु परंपरा के प्रति श्रद्धा का यह भाव नई ऊर्जा का संचार और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

जातिभेद व छुआछूत को समाप्त करने के लिए की खालसा पंथ की स्थापना 

सीएम ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने जातिभेद, छूआछूत की भावना को सर्वथा समाप्त करने और देश-धर्म को बचाने के लिए खालसा पंथ की स्थापना की। उन्होंने ‘सकल जगत में, खालसा पंथ गाजे’ का उद्घोष कर देश व धर्म के मार्ग में बाधक उस समय की विधर्मी ताकतों को रास्ते से हटने के लिए कहा। 

सिख गुरुओं का गौरवशाली इतिहास प्रदान कर रहा प्रेरणा

सीएम ने कहा कि सिख गुरुओं गुरु नानक देव, गुरु अर्जुन देव, गुरु तेगबहादुर, गुरु गोबिंद सिंह महाराज तक ने जो परंपरा डाली, उनका गौरवशाली इतिहास प्रेरणा प्रदान कर रहा है। सीएम ने सभी से कहा कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज के विचित्र नाटक का अध्ययन कीजिए, पता चलेगा कि वे दिव्य महापुरुष थे, जो पूर्व जन्म और उन स्थितियों के बारे में भी अवगत करा रहे हैं, जिन्हें देखकर रोंगटे खड़े होते हैं। 

भावी पीढ़ी को इतिहास से अवगत कराना हमारा दायित्व 

सीएम ने कहा कि आज का प्रकाश पर्व उसी प्रेरणा का दिवस है, जहां सिख गुरुओं के त्याग, बलिदान व कृतित्व से नई प्रेरणा प्राप्त होती है। लखनऊ का सौभाग्य है कि गुरु तेग बहादुर सिंह महाराज गुरु गोबिंद सिंह को बाल्यकाल में लाकर यहियागंज गुरुद्वारे में रुके थे। इतनी ऐतिहासिक परंपरा का संरक्षण करना, उसे बढ़ाकर भावी पीढ़ी को इतिहास से अवगत कराना हमारा दायित्व बनता है। 

यह वर्ष हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण 

सीएम ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी वर्ष होने के कारण यह वर्ष हमारे लिए महत्वपूर्ण है। जैसे गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व को बड़े उत्साह से आयोजित किया गया था,  इन आयोजनों को भी इसी तरह बड़े पैमाने पर करने की आवश्यकता है। यदि इन्हें उसी रूप में बढ़ाएंगे तो भावी पीढ़ी पर उपकार होगा और लोगों को इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी। खालसा पंथ, सिख गुरुओं के त्याग- बलिदान के बारे में प्रेरणा प्राप्त होगी। सीएम ने आह्वान किया कि सिख गुरुओं का बलिदान, उनकी प्रेरणा देश व समाज के लिए उपयोगी बनाने में हम सब अपना योगदान दे पाएंगे। 

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ,अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह, डॉ. गुरमीत सिंह, डॉ. अमरजीत सिंह, राजेंद्र सिंह बग्गा, डॉ. हरजोत सिंह, सतनाम सिंह सोढ़ी, सरदार दलजीत सिंह, पार्षद राजू गांधी, सरदार त्रिलोचन सिंह आदि मौजूद रहे।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *