लगातार जहरीली होती हवा ने दिल्ली के लोगों का सांस लेना मुहाल कर दिया है. अब तो आलम ये है कि लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी है. दिल्ली का बढ़ता प्रदूषण न सिर्फ लोगों के लिए बल्कि सरकार के लिए भी परेशानी का सबब बन चुका है. सबके जेहन में यही सवाल है कि जब सर्दियों के शुरुआती दिनों में इतना बुरा हाल है तो आने वाले दिनों में क्या हाल होगा.
नई दिल्ली:
सर्दियों का सीजन आते ही दिल्ली ही हवा में सांस लेना मुश्किल हो जाता है. शहर की आबोहवा में घुला जहर सांस के जरिए इंसान के शरीर में पहुंचता है और सेहत पर बुरा असर डालता है. यही वजह है कि इन दिनों दिल्ली में लोगों को आम दिनों के मुकाबले सांस संबंधी दिक्कतों से ज्यादा दो चार होना पड़ता है. इस बार फिर से दिल्ली की जहरीली हवा लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. दिल्ली में पॉल्यूशन की स्थिति लगातार खराब बनी हुई है. आज सुबह दिल्ली में औसत एक्यूआई 396 दर्ज किया गया है. इससे कुछ दिनों पहले तक दिल्ली में एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका था. जिसकी वजह से कई कड़ी पाबंदियां लागू करनी पड़ी थी.
दिल्ली-एनसीआर में ‘हाइब्रिड’ मोड में चलेंगी क्लास
सीएक्यूएम ने दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में मंगलवार से हाइब्रिड मोड में क्लास चलाने की अनुमति दे दी है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों के संबंध में ग्रैप-4 की पाबंदियों में छूट देने के लिए आयोग से कहा था. आयोग के आदेश में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि जहां भी जरूरी सुविधाएं हैं, 12वीं तक की सभी क्लास ‘हाइब्रिड’ मोड में संचालित की जाएं यानी फिजिकल क्लास के साथ ऑनलाइन का विकल्प भी दिया जाए. यह अभिभावकों और छात्रों के ऊपर छोड़ दिया गया है वह स्कूल आना चाहते हैं या ऑनलाइन क्लास करना चाहते हैं.
खराब श्रेणी में दिल्ली का AQI
दिल्ली के इलाकों के नाम
AQI@ 6.00 AM
कौन सा जहर
कितना औसत
आनंद विहार
431
PM 2.5 का लेवल हाई
431
मुंडका
443
PM 2.5 का लेवल हाई
443
वजीरपुर
423
PM 2.5 का लेवल हाई
423
जहांगीरपुरी
422
PM 2.5 का लेवल हाई
422
आर के पुरम
399
PM 2.5 का लेवल हाई
399
ओखला
394
PM 2.5 का लेवल हाई
394
बवाना
424
PM 2.5 का लेवल हाई
424
विवेक विहार
432
PM 2.5 का लेवल हाई
432
नरेला
415
PM 2.5 का लेवल हाई
415
दिल्ली में पॉल्यूशन बढ़ने के साथ ही एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री भी बढ़ चुकी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, कुछ दिनों पहले एक्यूआई खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया था और शहर का औसत एक्यूआई 400 के ऊपर दर्ज किया जा रहा था. जो कि इस मौसम का सबसे खराब स्तर है. बढ़ते प्रदूषण में दिल्लीवासियों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, जिससे एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग बढ़ गई है.
दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फटकार
इससे पहले दिल्ली में ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू होने के बाद से 12वीं तक की सभी क्लास ऑनलाइन हो रही थीं. आयोग ने आज के अपने आदेश में कहा है कि एनसीआर क्षेत्र की संबंधित राज्य सरकारें अपने यहां भी हाइब्रिड मोड में क्लास चलाने पर विचार कर सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को पॉल्यूशन के मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली की आप सरकार को फटकार लगाते हुए एक्यूआई डाटा मांगा. दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 फिलहाल लागू रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार 28 नवंबर को तय की है.
पीएम 2.5 का का सेहत पर बुरा असर
पीएम 2.5 का सेबत पर काफी बुरा असर होता है, ये प्रमुख प्रदूषक है. पीएम 2.5 कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, ये कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और ब्लड फ्लो में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है. अधिकारियों ने कहा कि इस बीच, दिल्ली सरकार ने अपने सभी अस्पतालों को गंभीर एक्यूआई के कारण सांस की बीमारियों वाले रोगियों के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित करने का निर्देश दिया था.